Gujarat: पति पर दहेज प्रताड़ना व इंटरनेट मीडिया पर तीन तलाक देने का आरोप

Gujarat सूरत की एक महिला ने अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना व इंटरनेट मीडिया पर तीन तलाक देने का आरोप लगाया है।सायमा शेख ने लिंबायत थाने में दर्ज अपनी शिकायत में बताया है कि मुंबई निवासी मोहम्मद जावेद मिर्जा के साथ उसका विवाह 2018 में हुआ था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 04:12 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 06:54 PM (IST)
Gujarat: पति पर दहेज प्रताड़ना व इंटरनेट मीडिया पर तीन तलाक देने का आरोप
पति पर दहेज प्रताड़ना व इंटरनेट मीडिया पर तीन तलाक देने का आरोप। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में सूरत की एक महिला ने अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना व इंटरनेट मीडिया पर तीन तलाक देने का आरोप लगाया है। सूरत के लिंबायत ईदगाह शाहपुरा क्षेत्र में रहने वाली सायमा शेख ने लिंबायत थाने में दर्ज अपनी शिकायत में बताया है कि मुंबई निवासी मोहम्मद जावेद मिर्जा के साथ उसका विवाह 2018 में हुआ था। शादी के दो-तीन माह के बाद जावेद उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगा तो वह अपने मायके आकर रहने लगी। जावेद का कहना था कि उसके माता-पिता ने जबरदस्ती उसके साथ विवाह करा दिया था। कुछ माह बाद जावेद उसे समझा-बुझाकर मुंबई ले गया। इसके बाद उनके दो संतान हुईं। सायमा का आरोप है कि इस दौरान भी लगातार उसका पति उसे परेशान करता रहा। कुछ समय पहले उसके माता-पिता उसे वापस सूरत ले आए, जिससे जावेद काफी नाराज हो गया। सायमा ने अपनी सास मुतिमन निशा तथा ससुर मोहम्मद एजाज पर भी प्रताड़ना का आरोप लगा रही है। उसने बताया कि गत दो मई को जावेद ने उसे वॉट्सएप कॉल किया तथा उसी पर तीन तलाक कह दिया। सायमा ने अपने पति वह सास व ससुर के खिलाफ सूरत के लिंबायत थाने में दहेज प्रताड़ना व फोन पर तलाक देने की शिकायत दर्ज कराई है। 

गौरतलब है कि गुजरात में गत बुधवार से धर्म स्वतंत्रता सुधार कानून (लव-जिहाद) लागू हो गया है। प्रदेश में अब किसी भी तरह से छल, बल, लालच या बहला फुसलाकर कर किसी युवती से विवाह कर उसका धर्म परिवर्तन कराना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे व्यक्ति को पांच साल तक की सजा हो सकती है वहीं इसमें मदद करने वालों को 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। युवती नाबालिग होने या अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति समुदाय से होने पर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। गुजरात सरकार ने पिछले मानसून सत्र में गुजरात धर्म स्वतंत्रता सुधार अधिनियम 2021 पारित किया था, जिसे राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने पिछले महीने अपनी मंजूरी दे दी थी। राज्यपाल ने लव जिहाद कानून सहित अब तक इस सरकार के करीब 15 कानूनों को अपनी स्वीकृति दे चुके हैं।

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