Gujarat Politics: हार्दिक पटेल ने भूपेंद्र पटेल को लिखा पत्र, आरक्षण आंदोलन के दौरान पाटीदारों पर दर्ज 400 मुकदमें वापस लेने की मांग

Gujarat Politics हार्दिक पटेल के मुताबिक उनके खिलाफ देशद्रोह समय 28 मुकदमे दर्ज हैं तथा जुलाई 2015 में गुजरात में शुरू हुई पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद 438 केस दर्ज किए गए। इस आंदोलन के दौरान कई पाटीदार युवकों को अपनी जान खोनी पड़ी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 03:13 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 03:13 PM (IST)
Gujarat Politics: हार्दिक पटेल ने भूपेंद्र पटेल को लिखा पत्र, आरक्षण आंदोलन के दौरान पाटीदारों पर दर्ज 400 मुकदमें वापस लेने की मांग
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की फाइल फोटो।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पत्र लिखकर आरक्षण आंदोलन के दौरान पाटीदारों के खिलाफ दर्ज किए गए करीब 400 मुकदमें वापस लेने की मांग की है। हार्दिक का कहना है कि गरीब व पिछड़ों को राज्य सरकार व केंद्र आरक्षण देने के लिए नए-नए प्रावधान कर रही है तथा सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण की घोषणा की गई। आंदोलन अगर गलत होता तो फिर सरकार ने यह आरक्षण की व्यवस्था क्यों की है। गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का कहना है कि उनके खिलाफ देशद्रोह समय 28 मुकदमे दर्ज हैं तथा जुलाई 2015 में गुजरात में शुरू हुई पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद 438 केस दर्ज किए गए। इस आंदोलन के दौरान कई पाटीदार युवकों को अपनी जान खोनी पड़ी।

सामाजिक न्याय के लिए था आंदोलनः हार्दिक

हार्दिक ने कहा कि आंदोलन के दौरान गुजरात सरकार के गृह विभाग ने 391 मुकदमें वापस लेने की बात कही थी, लेकिन सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। हार्दिक ने कहा कि आंदोलन सामाजिक न्याय के लिए था। इस आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने पिछड़े सवर्णों के लिए 10 फीसद आरक्षण की भी घोषणा की। इससे यह साबित होता है कि आरक्षण आंदोलन गलत नहीं था और गुजरात सरकार को नैतिकता व अपने वादे को याद करते हुए गुजरात में पाटीदारों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेना चाहिए। हार्दिक ने कहा कि पाटीदार समाज से सरकार ने केस वापस लेने का वादा किया था। 438 मुकदमों में से 391 केस वापस लेने की बात कही गई, लेकिन अभी तक उस पर अमल नहीं किया गया। यह पाटीदार समाज के साथ धोखा है। हार्दिक ने कहा कि गुजरात में पाटीदार समाज के लोगों की संख्या करीब एक करोड़ तथा गुजरात के सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक विकास में पाटीदारों की अहम भूमिका है।

हार्दिक पर देशद्रोह समेत 28 मामले दर्ज

हार्दिक का कहना है कि उनका आरक्षण आंदोलन पूरी तरह सामाजिक न्याय के लिए था तथा उसका लाभ पिछड़े गरीब सवर्ण समाज को हुआ है। केंद्र व राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की भी समीक्षा कर रही है तथा विकास से वंचित समाज में जातियों को इसका लाभ देना चाहती है। सरकार के इस कदम का हार्दिक ने समर्थन करते हुए कहा कि आरक्षण के लिए पाटीदार समाज ने आंदोलन किया था, तो उन पर केस चलाना नैतिकता व न्याय के विरुद्ध होगा। हार्दिक का कहना है कि वे खुद कानूनी मुकदमों का सामना कर रहे हैं तथा उन पर राजद्रोह समेत 28 मुकदमें चल रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को लिखे पत्र में हार्दिक ने पाटीदार समाज के युवकों के बलिदान को याद करते हुए कहा है कि पाटीदार समाज के लोगों के खिलाफ चल रहे हैं। कानूनी मुकदमों को वापस लेकर राज्य सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए।

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