Corona Vaccination: गुजरात हाईकोर्ट ने कहा, ऑन स्‍पॉट रजिस्‍ट्रेशन करके भी लगाने चाहिए टीका

Corona Vaccination हाईकोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन पंजीकरण से ही टीके लगाते हैं तो उसका क्‍या होगा जिसे मोबाइल चलाना नहीं आता हो। इस पर अदालत ने सुझाव भी दिया कि 120 टीके लगाने हों तो 100 ऑनलाइन वालों को तथा 20 ऑन स्‍पॉट रजिस्‍ट्रेशन करके लगाने चाहिए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 26 May 2021 09:03 PM (IST) Updated:Wed, 26 May 2021 10:54 PM (IST)
Corona Vaccination: गुजरात हाईकोर्ट ने कहा, ऑन स्‍पॉट रजिस्‍ट्रेशन करके भी लगाने चाहिए टीका
गुजरात हाईकोर्ट ने सरकार से कहा, ऑन स्‍पॉट रजिस्‍ट्रेशन करके भी लगाने चाहिए टीका। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Corona Vaccination: गुजरात उच्‍च न्‍यायालय ने राज्‍य सरकार से पूछा है कि किसी को मोबाइल चलाना नहीं आता हो तो क्‍या उसे टीका नहीं लगेगा। अदालत ने कहा कि ऑनलाइन पंजीकृत 100 लोगों को टीका लगाया जाता है तो 20 को स्‍पॉट रजिस्‍ट्रेशन करके भी लगाने चाहिए। अदालत ने लोगों की लापरवाही पर कहा कि सरकार को हर छह माह में कोरोना की लहर की तैयारी रखनी चाहिए। उच्‍च न्‍यायालय गुजरात में कोरोना प्रबंधन को लेकर स्‍वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है। अस्‍पतालों में कोरोना संक्रमितों की भर्ती, कोरोना व म्‍यूकर माईकोसिस के टीकों की वितरण व्‍यवस्‍था से लेकर अस्‍तपालों में आगजनी व टीकाकरण पर भी अदालत ने सरकार से जवाब मांगा। न्‍यायाधीश बेला त्रिवेदी व न्‍यायाधीश बी डी कारिया की खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि कोरोना टीके की प्रथम व दूसरी डोज के अंतराल को बार-बार क्‍यों बदला जा रहा है। अदालत ने कहा कि ऑनलाइन पंजीकरण से ही टीके लगाते हैं तो उसका क्‍या होगा, जिसे मोबाइल चलाना नहीं आता हो। इस पर अदालत ने सुझाव भी दिया कि 120 टीके लगाने हों तो 100 ऑनलाइन वालों को तथा 20 ऑन स्‍पॉट रजिस्‍ट्रेशन करके लगाने चाहिए।

राज्‍य के महाधिवक्‍ता कमल त्रिवेदी ने बताया कि राज्‍य ने मई में 16 लाख टीके प्राप्‍त किए हैं, जबकि जून में करीब 11 लाख टीके प्राप्त करेंगे। हम पूरी तरह टीका बनाने वाली कंपनियों पर निर्भर हैं। इस पर अदालत ने कहा कि इसका मतलब टीकाकरण की आपकी पांच वर्ष की योजना है। इस पर त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक मार्ग दर्शिका तैयार की है, जिसके अनुसार कोई भी टीका निर्माता कंपनी उत्‍पादन का 50 प्रतिशत से अधिक टीके एक राज्‍य को नहीं दे सकती है। इस पर अदालत ने कहा कि राज्‍य ग्‍लोबल टेंडर क्‍यों जारी नहीं कर देता, इसमें क्‍या तकलीफ है। अदालत ने टीके खराब होने पर भी सवाल उठाए कि जब पंजीकृत व्‍यवस्‍था से टीकाकरण हो रहा है तो फिर भी टीके क्यों खराब हो रहा हैं। मामले की अगली सुनवाई 15 जून को होगी।

हर छह माह में कोरोना की लहर की तैयारी रखी जाए

हाईकोर्ट ने कहा कि चीन की तरह भारत में लोगों को अनुशासन में रखना संभव नहीं है। लोग भीड़ कर रहे हैं, शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा। मास्क नहीं लगाते हैं और सैनिटाइजर के उपयोग में भी बेपरवाह हैं। सरकार को तीसरी ही नहीं चौथी , पांचवीं लहर के लिए भी तैयार रहना चाहिए। हर छह माह में कोरोना का प्रकोप आएगा ऐसा मानकार स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में ढांचागत सुधार करना चाहिए।

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