Sabarmati Pollution: साबरमती नदी में प्रदूषित पानी व रासायनिक वेस्ट डालने वाले औद्योगिक समूह की सूची बनाई जाएः हाई कोर्ट

Sabarmati Pollution गुजरात हाई कोर्ट ने कहा कि साबरमती नदी में प्रदूषित पानी व रासायनिक वेस्ट डालने वाले औद्योगिक समूह की सूची बनाई जाए ताकि यह पता लग सके कि नदी में गंदगी डालकर प्रदूषित करने वाले लोग कौन हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 04:49 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 04:49 PM (IST)
Sabarmati Pollution: साबरमती नदी में प्रदूषित पानी व रासायनिक वेस्ट डालने वाले औद्योगिक समूह की सूची बनाई जाएः हाई कोर्ट
गुजरात हाई कोर्ट के लोगो का फाइल फोटो।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। साबरमती नदी का पानी दूषित होने के कारण उसका उपयोग सिंचाई के लिए नहीं किया जाए। 1948 में इसी साबरमती नदी का पानी पीने के काम में लिया जाता था, लेकिन अब कौन इसका पानी पीएगा। गुजरात हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि साबरमती नदी में प्रदूषित पानी व रासायनिक वेस्ट डालने वाले औद्योगिक समूह की सूची बनाई जाए, ताकि प्रदेश के नागरिकों को यह पता लग सके कि नदी में गंदगी डालकर प्रदूषित करने वाले लोग कौन हैं। गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा कि वर्ष 1948 में साबरमती नदी का पानी पीने योग्य था, लेकिन आज 2021 में कौन इसका पानी पी सकता है। हाई कोर्ट ने कहा कि साबरमती नदी से पानी का उपयोग सिंचाई के लिए नहीं किया जाए, नदी का पानी दूषित है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर खराब असर होगा।

गुजरात सरकार, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अहमदाबाद महानगर पालिका को आदेश जारी कर हाई कोर्ट ने कहा है कि साबरमती नदी में रासायनिक वेस्ट व गंदगी डालने वाले औद्योगिक समूहों की सूची बनाएं, ताकि नदी को प्रदूषित करने वालों के बारे में नागरिकों को पता चल सके। हाई कोर्ट में साबरमती नदी को लेकर कई बार जनहित याचिका दायर की गई तथा अदालत ने सरकार को भी तलब किया, लेकिन नतीजा सिफर रहा। कुछ समय पहले देश की नदियों को लेकर जारी एक रिपोर्ट में साबरमती नदी को देश की सबसे प्रदूषित नदियों सूची में रखा गया था। गुजरात हाई कोर्ट ने साबरमती नदी को लेकर कई गंभीर टिप्पणियां की हैं, प्रदूषण को काफी गंभीर मानते हुए अदालत ने इससे सामान्य जनजीवन पर होने वाले विपरीत असर का गहरा अध्ययन किया। साथ ही, इससे संबंधित विविध रिपोर्ट पर भी गौर करते हुए प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा महानगरपालिका से कई सवाल पूछे हैं। 

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