Amit Jethwa Murder Case: पूर्व सांसद दीनूबोघा सोलंकी को गुजरात हाई कोर्ट ने दी सशर्त जमानत

Amit Jethwa Murder Case गुजरात उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश ने आरटीआइ एक्‍टिविस्‍ट अमित जेठवा की हत्‍या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे भाजपा के पूर्व सांसद दीनूबोघा सोलंकी को सशर्त जमानत पर छोड़ते की बात कही।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 08:13 PM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 08:13 PM (IST)
Amit Jethwa Murder Case: पूर्व सांसद दीनूबोघा सोलंकी को गुजरात हाई कोर्ट ने दी सशर्त जमानत
पूर्व सांसद दीनूबोघा सोलंकी को गुजरात हाई कोर्ट ने दी सशर्त जमानत। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात के अमित जेठवा हत्‍याकांड मामले में सीबीआइ अदालत के आदेश पर आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद दीनूूबोघा सोलंकी को गुजरात उच्‍च न्‍यायालय ने एक लाख रुपये के बांड पर सशर्त जमानत दे दी है। हाईकोर्ट ने सीबीआइ कोर्ट के फैसले को तर्कसंगत नहीं मानते हुए कहा कि यह मामला परिस्थितिजन्‍य साक्ष्‍यों से जुड़ा है। प्रथम द्रष्‍टया सजा का फैसला गलत लगता है। गुजरात उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीश परेश उपाध्‍याय व न्‍यायाधीश एसी जोशी ने आरटीआइ एक्‍टिविस्‍ट अमित जेठवा की हत्‍या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे भाजपा के पूर्व सांसद दीनूबोघा सोलंकी को सशर्त जमानत पर छोड़ते हुए कहा कि सीबीआइ की विशेष अदालत का फैसला परिस्थितिजन्‍य साक्ष्‍यों के आधार पर है, इसलिए इसे पूरी तरह सही नहीं माना जा सकता है। घटना का सिलसिलेवार अध्‍ययन करने पर यह फैसला गलत प्रतीत होता है। हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद को एक लाख के निजी बांड व इतनी ही राशि के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दी है, लेकिन उनकी विदेश यात्रा पर रोक रहेगी। सोलंकी को पासपोर्ट अदालत में जमा कराने का भी आदेश दिया है। पूर्व सांसद सोलंकी को सीबीआई ने 11 जुलाई, 2019 को गिरफ्तार किया था। इस मामले में सोलंकी सहित सात को सजा सुनाई गई थी।

उल्‍लेखनीय है कि जूनागढ़ में गीर नेचर यूथ क्‍लब का गठन कर गीर जंगल में होने वाले अवैध खनन के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ते थे। अमित जेठवा ने राज्‍य में आरटीआइ कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान कायम कर ली थी। 20 जुलाई, 2010 को अमित की गुजरात उच्‍च न्‍यायालय भवन के सामने गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। उस वक्‍त वे सत्‍यमेव काम्‍पलेक्‍स में अपने वकील से मिलकर निकल रहे थे। इसी दौरान बाइक सवार दो युवकों में से एक ने उन्‍हें गोली मार दी थी। गुजरात पुलिस ने इस मामले में पुलिस कांस्‍टेबल बहादुर सिंह वाढेर, शार्प शूटर शैलेष पंड्या व पंचन शिल्‍वा की धरपकड़ कर ली थी। इसके बाद सितंबर, 2010 में पूर्व सांसद के भाई शिवा सोलंकी को पकड़ा गया। उच्‍च न्‍यायालय के आदेश पर बाद में नवंबर, 2013 में इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई थी। सीबीआइ ने 11 जुलाई, 2019 को पूर्व सांसद दीनू सोलंकी को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में 190 गवाह बने थे, जिनमें से 105 अपने बयानों से मुकर गए थे। गवाहों को धमकाने के मामले सामने आने के बाद गुजरात उच्च न्‍यायालय ने इस मामले की जांच नए सिरे से कराने के आदेश दिए थे। उच्‍चतम न्‍यायालय ने फैसले में सुधार करते हुए केवल 24 गवाहों के बयानों का परीक्षण का निर्देश जारी कर दिया था।

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