कोरोना मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने फिर राज्य सरकार को सुनाई खरी खोटी, कहा-तीसरी लहर के लिए तैयार रहो
गुजरात उच्च न्यायालय ने एक बार फिर राज्य सरकार को कोरोना मामले में खरी खोटी सुनाई। अदालत ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयार रहो। आरटी पीसीआर टेस्ट मास्क तथा टीकाकरण पर सरकार को खास ध्यान देने की जरूरत है।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। गुजरात उच्च न्यायालय ने एक बार फिर राज्य सरकार को कोरोना मामले में खरी खोटी सुनाई। अदालत ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयार रहो। आरटी पीसीआर टेस्ट, मास्क तथा टीकाकरण पर सरकार को खास ध्यान देने की जरूरत है। गुजरात उच्च न्यायालय ने स्वत संज्ञान लेते हुए कोरोना महामारी के प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को तलब किया था।
पिछले काफी समय से अदालत में इस पर सुनवाई चल रही है शुक्रवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ एवं भार्गव डी कारिया की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कहा कि राज्य में तीसरी लहर आए उससे पहले टीकाकरण पर ध्यान ध्यान देना चाहिए। अदालत ने कहा कि यह रोग वैसा नहीं है जैसा हम समझते हैं। तीसरी लहर में अगर बच्चे संक्रमित होते हैं तो उनकी खास व्यवस्था की जानी चाहिए। मेडिकल स्टाफ नर्स दवा तथा वैक्सीन आदि की कमी लोगों को महसूस नहीं हो।
अस्पतालों में पर्याप्त बेड की व्यवस्था कराएं साथ ही ऑक्सीजन की कमी को भी शीघ्र दूर किया जाए। 18 साल से कम उम्र के बच्चों का खास ध्यान रखा जाए। अस्पतालों में दवा, इंजेक्शन तथा पैरामेडिकल स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था हो। राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्थित प्राइमरी हेल्थ सेंटर तथा कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों में आवश्यक मेडिकल साधन उपलब्ध कराए जाएं। मास्क को लेकर राज्य सरकार को अभी और गंभीर होने की जरूरत है।
ग्रामीण इलाकों में लोग टीकाकरण को लेकर गंभीर नहीं हैं सरकार इसके प्रति जागरूकता लाएं। राज्य में कहीं पर भी ऑक्सीजन की कमी नहीं हो इसके लिए जल्द से जल्द प्लांट की स्थापना की जाए। डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की स्थाई भर्ती की जाए ताकि भविष्य में इनकी कमी महसूस नहीं हो।