गुजरात में पहली बार, मुख्‍यमंत्री बदलते ही स्‍पीकर समेत बदली पूरी सरकार, जानें भाजपा ने क्‍यों लिया ये फैसला?

Gujarat Cabinet Expansion गुजरात में मुख्यमंत्री बदलने के बाद अब पूरी सरकार का चेहरा बदल गया है।भाजपा आलाकमान ने गुजरात में पूरी सरकार को बदलकर स्‍पष्‍ट संकेत दे दिया है कि पार्टी नहीं चाहती कि विधानसभा चुनाव में उसे कोई नुकसान हो।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 07:31 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 07:35 PM (IST)
गुजरात में पहली बार, मुख्‍यमंत्री बदलते ही स्‍पीकर समेत बदली पूरी सरकार, जानें भाजपा ने क्‍यों लिया ये फैसला?
मोदी-शाह के बगैर भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ा तो पार्टी को सीटों का नुकसान उठाना पड़ा।

ऑनलाइन डेस्‍क, नोएडा। गुजरात में मुख्यमंत्री बदलने के बाद अब पूरी सरकार का चेहरा बदल गया है।भाजपा आलाकमान ने गुजरात में पूरी सरकार को बदलकर स्‍पष्‍ट संकेत दे दिया है कि पार्टी नहीं चाहती कि विधानसभा चुनाव में उसे कोई नुकसान हो। भूपेंद्र पटेल कैबिनेट के जिन 24 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, उनमें सात पाटीदार, छह ओबीसी, पांच आदिवासी, तीन क्षत्रिय, दो ब्राह्मण, एक दलित और एक जैन समुदाय के विधायक को जगह दी गई है। अगर जोनवार देखें तो दक्षिण गुजरात से आठ, मध्य गुजरात से सात, सौराष्ट्र-कच्छ से सात और उत्तर गुजरात से तीन विधायकों को मंत्री बनाया गया है। रूपाणी कैबिनेट में जहां एक महिला को मंत्री बनाया गया था, वहीं नई सरकार में दो महिला मंत्री होंगी।

जानिए, गुजरात मंत्रिमंडल में किसे क्या मिली जिम्मेदारी

नए मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र पटेल पाटीदार समुदाय से हैं। इस वजह से पाटीदार वोटरों के बीच उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी पसंद हैं। उन्हें 2017 में आनंदीबेन पटेल के कहने पर घाटलोडिया सीट से टिकट मिला था। पहली बार ही वे विधायक बने और चार साल बाद पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया। भूपेंद्र पटेल चाहते थे कि उनकी कैबिनेट पूरी तरह नई हो। इसी वजह से रूपाणी सरकार के सभी मंत्रियों की छुट्टी हो गई। इस बार तो नितिन पटेल का ही पत्ता कट गया, जो नरेंद्र मोदी की गुजरात कैबिनेट, फिर आनंदीबेन की सरकार और उनके बाद रूपाणी की कैबिनेट में मंत्री रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने आज शपथ ग्रहण से पहले ही इस्तीफा दे दिया। एक घंटे बाद वे मंत्री बन गए। रूपाणी सरकार में जो हैसियत नितिन पटेल की थी, भूपेंद्र पटेल की सरकार में अब वही कद त्रिवेदी का होगा।

नए मंत्रिमंडल में भाजपा ने एक तरफ पटेल को साधने का प्रयास किया है, जिसकी ओर से कुछ साल पहले आरक्षण को लेकर पाटीदार आंदोलन हुआ। जब 2017 में मोदी-शाह के बगैर भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ा तो पार्टी को सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। उसकी सीटें 100 से कम रह गईं। वही ओबीसी समुदाय की गुजरात में अच्छी खासी संख्या है। ऐसे में बीजेपी ने दोनों बड़े वोटबैंकों को कैबिनेट में जगह देकर साधने का प्रयास किया है। इसके अलावा पार्टी ने आदिवासी समुदाय में भी अपनी पकड़ मजबूत करने के संकेत दिए हैं।

नई कैबिनेट में आदिवासी समुदाय के 5 मंत्रियों को जगह दी गई है। पार्टी अब 2022 के चुनाव में कोई जोखिम नहीं चाहती। पार्टी जानती है कि अगर विधानसभा चुनाव में उसका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा तो खामियाजा लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है। गुजरात में लोकसभा की 26 सीटें हैं। अभी सभी सीटें भाजपा के पास हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय में फेरबदल

नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कार्यालय (सीएमओ) के अधिकारियों में फेरबदल किया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त अतिरिक्त मुख्य सचिव एमके दास के स्थान पर अब पंकज जोशी को अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। गुजरात मैरिटाइम बोर्ड की उपाध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवंतिका सिंह को मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव नियुक्त किया गया है। आइएएस डा.एम डी मोडिया व आइएएस एनएन दवे मुख्यमंत्री कार्यालय में आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) नियुक्त किए गए। ये दोनों अधिकारी आइएएस के एन शाह और आइएएस डीएच शाह का स्थान लेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर मंत्रियों के दफ्तरों में वर्षो से तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में भेजा जा रहा है। सरकार के नए मुखिया के साथ काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी भी नए होंगे।

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