Gujarat: भाजपा अध्यक्ष पाटिल की दो टूक, कोरोना के बीच नवरात्रि उत्सव मुमकिन नहीं
Navratri Festival in Gujaratगुजरात भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल का कहना है कि इस वर्ष कोरोना महामारी के बढ़ते हुए प्रकोप के बीच राज्य में नवरात्रि उत्सव का आयोजन करना मुमकिन नहीं है। वह निजी रूप से भी इसके पक्ष में नहीं हैं।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में नवरात्रि महोत्सव कराने को लेकर सरकार भले असमंजस की स्थिति में हो लेकिन भाजपा अध्यक्ष पाटिल ने दो टूक कह दिया है कि कोरोना महामारी में नवरात्रि उत्सव कराना मुमकिन नहीं लगता। भाजपा नेतृत्व भी खुद इसके पक्ष में नहीं है। केंद्र के किसान व एपीएमसी संबंधी विधेयकों पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान पाटिल ने यह बात कही। पाटिल ने कहा विरोधी पार्टियां किसान संबंधी बिलों पर देश को गुमराह कर रही हैं।
गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते गुजरात में नवरात्रि महोत्सव संभव नहीं लगता और निजी रूप से वे खुद भी इसके आयोजन के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि पाटिल ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच नवरात्रि महोत्सव हो सकता है अथवा नहीं इसका सही जवाब चिकित्सक, इस विषय के विशेषज्ञ तथा सरकार ही दे सकती है लेकिन व्यक्तिगत रूप से वे खुद उत्सव कराए जाने के पक्ष में नहीं हैं।
गौरतलब है कि अध्यक्ष बनने के बाद गुजरात में जनसंपर्क के लिए निकले पाटिल खुद कोरोना संक्रमित हो गये थे। स्वस्थ होने के बाद हाल होम क्वारंटाइन हैं, ऑनलाइन पत्रकार वार्ता में पाटिल ने कहा कि केंद्र सरकार कि ओर से लाए गए किसान व एपीएमसी संबंधी विधेयक से किसानों को आर्थिक रूप से मदद मिलेगी वे अपनी फसल को कहीं पर भी बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे। पाटिल ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को समाप्त नहीं कर रही है।
चर्चा पर विरोध को लेकर पाटिल ने कहा कि विरोधी दल अपने राजनीति लाभ के लिए इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं तथा किसानों को गुमराह कर रहे हैं। पाटिल ने बताया कि किसान सीधे व्यापारियों के साथ कॉन्ट्रेक्ट कर अपना आर्थिक हित साध सकते हैं, इससे बिचौलिए व एजेंट की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। पाटिल ने बतायाकि इन विधेयकों में अभी प्रत्यक्ष सीधे निवेश एफडीआई की कोई व्यवस्था नहीं है।
देश के विविध राज्यों में विरोध पर पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद विधेयक को लेकर जो भी भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं उन एक एक विषय पर सफाई दे चुके हें। पाटिल ने कहा कि सरकार किसान व व्यापारियों के बीच के एजेंटों को समाप्त करना चाहती है ताकि उपज का सीधा लाभ किसान को मिल सके।