Godhra Case 2002: गोधरा कांड के दोषी की इलाज के दौरान मौत

Godhra Case 2002 गोधरा कांड के मुख्य सूत्रधार हाजी बिलाल की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। गोधरा में 27 फरवरी 2002 में हुए हत्या कांड के मुख्य सूत्रधार इस्माइल अब्दुल मजीद उर्फ हाजी बिलाल 61 वडोदरा के सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 03:09 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 06:41 PM (IST)
Godhra Case 2002: गोधरा कांड के दोषी की इलाज के दौरान मौत
गुजरात में गोधरा कांड के दोषी हाजी बिलाल की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में गोधरा कांड के दोषी हाजी बिलाल की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। गुजरात के गोधरा शहर में 27 फरवरी, 2002 में हुए हत्या कांड के मुख्य सूत्रधार इस्माइल अब्दुल मजीद उर्फ हाजी बिलाल 61 वडोदरा के सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा था। वडोदरा के सहायक पुलिस आयुक्त अल्पेश राजगोर के अनुसार, गत 22 नवंबर को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसे वडोदरा के सयाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सांस में तकलीफ होने के कारण उसे आक्सीजन पर रखा गया। गुरुवार देर रात उपचार के दौरान ही उसकी मौत हो गई। ‌हाजी बिलाल की मौत की सूचना मिलते ही उसके परिजन अस्पताल पहुंचे। पुलिस ने आवश्यक कानूनी कार्रवाई तथा पोस्टमार्टम कराने के बाद हाजी बिलाल का शव उसके परिजनों को सौंप दिया। उसके शव को गोधरा ले जाया गया, यहां उसे दफनाया गया।

गौरतलब है कि विशेष स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की स्पेशल कोर्ट ने हाजी बिलाल को मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उसकी सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। वह तब से ही वडोदरा के मध्यस्थ जेल में सजा काट रहा था। 27 फरवरी, 2002 को अयोध्या से गुजरात लौट रहे कारसेवकों से भरी साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 डिब्बे में आग लगा दी गई थी। इस आग की चपेट में आने से बोगी में सवार 59 यात्रियों की मौत हो गई थी। इसके बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर दंगे फैल गए थे। गोधरा कांड की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया था। 2011 में हाजी बिलाल सईद सहित 11 दोषियों को फांसी तथा 20 अन्य को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।

गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस की बोगी में आग लगाने के मामले में 19 साल बाद मुख्य आरोपितों में शामिल रफीक हुसैन भटुक को फरवरी, 2019 में गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली थी। उसे गोधरा कस्बे से गिरफ्तार किया गया है। भटुक उस समूह का हिस्सा था, जिसने 27 फरवरी, 2002 को बोगी जलाने का पूरा षड्यंत्र रचा था। इसमें 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। पंचमहल जिले की पुलिस अधीक्षक लीना पाटिल ने बताया कि सूचना के आधार पर गोधरा पुलिस ने रविवार की रात रेलवे स्टेशन के पास एक घर पर छापा मारकर 19 साल से फरार चल रहे रफीक को गिरफ्तार किया। रफीक और उसके समूह ने ही पूरा षड्यंत्र रचा था, भीड़ को उकसाया था और आग लगाने के लिए पेट्रोल का इंतजाम किया था। जांच में नाम सामने आते ही वह दिल्ली भाग गया था। उस पर हत्या व दंगा भड़काने का मामला दर्ज है। पाटिल ने बताया कि रफीक गोधरा रेलवे स्टेशन पर मजदूर के तौर पर काम करता था। वह साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे पर पत्थर फेंकने और पेट्रोल डालने वालों में शामिल था।

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