Gujarat: कोरोना काल में नौकरी चली गई तो बनाने लगे जाली नोट, पांच गिरफ्तार

Arrested In Gujarat एसओजी क्राइम ब्रांच के पुलिस निरीक्षक एडी परमार के नेतृत्व में पीएसआइ पीके भूत पुलिस कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह राणा पुलिस कांस्टेबल केतन विनुभाई परमार पुलिस कांस्टेबल निकुंज जयकिशन चक्रवर्ती और पुलिस कांस्टेबल गिरीश जयसंगभाई चौधरी की टीम ने साबरमती में से आरोपितों को गिरफ्तार किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 07:06 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 07:06 PM (IST)
Gujarat: कोरोना काल में नौकरी चली गई तो बनाने लगे जाली नोट, पांच गिरफ्तार
गुजरात में जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किए गए आरोपित। फोटो जागरण

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप (क्राइम ब्रांच) की टीम ने जाली नोट बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने जाली नोट के साथ पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से पुलिस ने 2,26,600 के जाली नोट जब्त किए। पुलिस को पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर देखकर जाली नोट बनाना सीखा था। त्योहार का मौका देखकर आरोपितों ने बाजार में जाली नोटों की सप्लाई भी की। एसओजी क्राइम ब्रांच के पुलिस निरीक्षक एडी परमार के नेतृत्व में पीएसआइ पीके भूत, पुलिस कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह राणा, पुलिस कांस्टेबल केतन विनुभाई परमार, पुलिस कांस्टेबल निकुंज जयकिशन चक्रवर्ती और पुलिस कांस्टेबल गिरीश जयसंगभाई चौधरी की टीम ने साबरमती में से आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

इनकी हुई गिरफ्तारी

आरोपितों की पहचान पराग उर्फ पको नरेशभाई वाणीया (25) (निवासी साबरमती), हरेश उर्फ सलमान जोइताराम डाभाणी (32) (निवासी बेहरामपुरा), विजय डामराभाई डाभाणी (27), निवासी चांदखेडा), किरण सवजीभाी सोलंकी (21) ( निवासी नारोल), दिव्यांग उर्फ आर्यन रामाभाई डाभाणी (22), (निवासी नारोल) के रूप में हुई है। एक आरोपित ने बताया कि कोरोना काल में नौकरी चली गई तो गुजारा चलाने के लिए जाली नोट बनाने लगे। एसओजी क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त मुकेश पटेल ने बताया कि जाली नोट छापने का मुख्य सूत्रधार पराग उर्फ पको नरेश वाणीया है। यह पहले राज्य परिवहन विभाग में कैशियर के तौर पर नौकरी करता था, लेकिन कोरोना काल में नौकरी चली जाने के बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर जाली नोट छापने की साजिश रची। आरोपितों के पास से दो लाख से अधिक जाली नोट बरामद किए गए हैं।

ऐसे सीखा जाली नोट बनाना

पूछताछ में सामने आया है कि आरोपितों ने रक्षाबंधन व अन्य त्योहारों के दौरान भी जाली नोट बाजार में चलाए हैं। पुलिस उपायुक्त डीसीपी मुकेश पटेल ने बताया कि मुख्य सूत्रधार पराग ने इंटरनेट मीडिया पर देखकर जाली नोट बनाना सीखा है। आरोपितों में एक बीएससी तक की पढ़ाई कर चुका है। आरोपितों के खिलाफ पुलिस जांच कर रही है। पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उन्होंने कहां-कहां पर जाली नोट चलाए और सप्लाई किए। पुलिस को यह भी शक है कि गुजरात से बाहर भी जाली नोट भेजे जा सकते हैं। ‌आरोपित अभी पुलिस को आधी-अधूरी बात बता रहे हैं। पुलिस इनको स्थानीय अदालत में पेश कर रिमांड पर लेगी, जिसके बाद ही इस पूरी साजिश का पर्दाफाश होने की संभावना है। 

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