गुजरात विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी डॉ नीमाबेन आचार्य, CM बोले आज का दिन महत्वपूर्ण

First woman Speaker of Gujarat डॉ नीमाबेन आचार्य को गुजरात विधानसभा अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया गयाविपक्ष ने भी समर्थन किया है वह पहली महिला अध्‍यक्ष बनी हैं। विपक्ष ने भी समर्थन किया सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि इतिहास में आज का दिन महत्‍वपूर्ण है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 01:19 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 01:19 PM (IST)
गुजरात विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी डॉ नीमाबेन आचार्य, CM बोले आज का दिन महत्वपूर्ण
गुजरात विधानसभा में डॉ नीमाबेन आचार्य को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुन लिया गया।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात विधानसभा में डॉ नीमाबेन आचार्य को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुन लिया गया। वे गुजरात विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा जिसका नेता विपक्ष ने भी समर्थन किया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहां की गुजरात के इतिहास में आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। ‌सरकार पर विपक्ष के समर्थन से राज्य को पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष मिली हैं।

नेता विपक्ष परेश धनाणी ने कहा कि गुजरात में लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी अब एक महिला के सिर पर आ गई है। डॉक्टर नीमा बहन ने शुक्रवार को राजस्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी एवं विधानसभा में मुख्य सचेतक पंकज देसाई की उपस्थिति में अपना नामांकन दाखिल किया था। ‌ नेता विपक्ष परेश धनाणी ने उनकी इस दावेदारी का समर्थन कर दिया था जिसके साथ ही नीमा बेन का अध्यक्ष बनना तय हो गया था। कांग्रेस ने सरकार से विधानसभा उपाध्यक्ष का पद मांगा था लेकिन सरकार ने देने से साफ इंकार करते हुए उपाध्यक्ष पद के लिए जेठाभाई भरवाड़ का नाम आगे कर दिया था, इसके बाद कांग्रेस ने भी डॉक्टर अनिल जोशी यारा को अपना उम्मीदवार बना दिया।

अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर भाजपा की जीत पहले से तय थी चूंकी विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या 112 है जबकि कांग्रेस की 65 है। इससे पहले भाजपा में कांग्रेस विधायक दोनों की अलग-अलग बैठक हुई। भाजपा विधायक दल की बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल भी उपस्थित रहे उन्होंने सरकार के नए मंत्रियों को विधानसभा में पूरे आत्मविश्वास के साथ पेश आने को कहा साथ ही विधायकों से विपक्ष के हमलावर रुख का पूरी ताकत के साथ जवाब देने की बात कही। पाटिल विधान सभा की प्रेक्षक गैलरी में उपस्थित रहकर नई सरकार के नए मंत्रियों की कार्यशैली व विधानसभा में उनके कामकाज को देखेंगे।

उधर कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा एवं नेता विपक्ष परेश धनाणी सचेतक शैलेश परमार आदि की उपस्थिति में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। कांग्रेस ने मानसून सत्र के 2 दिन में सरकार को घेरने के लिए विविध मुद्दों पर चर्चा की। नेता विपक्ष व प्रदेश अध्यक्ष ने अपने  विधायकों से सरकार पर हमलावर रुख रखने को कहा साथ ही जनता की समस्याओं को सदन में पूरी ताकत के साथ उठाने का आह्वान किया। कांग्रेस का यह भी आरोप रहा कि सरकार अपनी विफलता को छुपाने के लिए मानसून सत्र केवल दो दिन ही बुलाया है। कोरोना महामारी की आड़ में सरकार अपनी नाकामियों को छुपा देना चाहती है।

गौरतलब है कि गुजरात में आए समुद्री चक्रवात के कारण किसानों में पशुपालकों को भारी नुकसान हुआ था इसके बाद अतिवृष्टि में भी किसानों की फसलें बर्बाद हो गई। कांग्रेस किसानों को पर्याप्त मुआवजे की मांग को लेकर सरकार पर हमलावर है। कोरोना महामारी के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को भी 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए कांग्रेस सरकार पर दबाव बना रही है। रविवार को दिन भर कांग्रेस और भाजपा के नेता गांधी नगर महानगरपालिका की चुनाव तैयारियों में भी व्यस्त रहे। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले गांधीनगर महानगर पालिका का चुनाव राजनीतिक दलों के लिए लिटमस टेस्ट जैसे होगा। आम आदमी पार्टी ने भी 40 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

गांधीनगर महानगर पालिका के चुनाव में त्रिकोणीय जंग के आसार बनते जा रहे हैं। राजपा जहां केंद्र व राज्य सरकार के विकास कार्य के दम पर मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रही है वहीं कांग्रेस सरकार की विफलताओं को उजागर कर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश में है। जबकि आम आदमी पार्टी दिल्ली में पानी, बिजली फ्री, सड़क व मोहल्ला क्लीनिक तथा विश्व स्तरीय स्कूल का दिल्ली मॉडल गांधीनगर वासियों को दिखाकर अपने पक्ष में मतदान के लिए प्रचार कर रही है।

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