पारंपरिक मतदाता व कार्यकर्ताओं को मजबूती से जोड़ने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाएगी कांग्रेस: अमी याज्निक

Gujarat Congress गुजरात से राज्यसभा सदस्य एवं कांग्रेस की नेशनल मीडिया पैनलिस्ट अमीबेन याज्निक का कहना है कि कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन सत्ता से चूक गई थी। कांग्रेस इस बार पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरना चाहती है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 09 Nov 2021 01:20 PM (IST) Updated:Tue, 09 Nov 2021 01:26 PM (IST)
पारंपरिक मतदाता व कार्यकर्ताओं को मजबूती से जोड़ने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाएगी कांग्रेस: अमी याज्निक
गुजरात से राज्यसभा सदस्य एवं कांग्रेस की नेशनल मीडिया पैनलिस्ट अमीबेन याज्निक

 अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में कांग्रेस अब अपने पारंपरिक मतदाता व कार्यकर्ताओं को मजबूती से जोड़ने के लिए जनसंपर्क व जनजागरण अभियान चलाएगी। केंद्र व राज्य सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिए महंगाई, बेरोजगारी, महिला सशिक्तकरण, किसान आंदोलन जैसे मुद्दों को उठाएगी साथ ही यूपीए सरकार की उपलब्धियों से जनता को रुबरु कराएगी। गुजरात से राज्यसभा सदस्य एवं कांग्रेस की नेशनल मीडिया पैनलिस्ट अमीबेन याज्निक का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस एक चिंतन शिविर भी कर रही है जिसमें पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे। उनका दावा है कि कांग्रेस ने हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ाया है, महिलाओं के लिए वे हर मंच पर आवाज उठाती रही हैं।

कांग्रेस की जडें गहरी हैं

राज्य में करीब ढाई दशक से सत्ता से दूर कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन सत्ता से चूक गई थी। कांग्रेस इस बार पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरना चाहती है लेकिन अभी तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं नेता विपक्ष के चयन को लेकर असमंजस है इस पर सांसद, वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमीबेन दैनिक जागरण को बताती हैं कि कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है तथा राज्य में उसकी जडें गहरी हैं, पार्टी आलाकमान प्रदेश के सभी नेताओं से चर्चा कर सर्वसम्मति से फैसला करेंगे, पार्टी अपने कार्यकर्ता व कांग्रेस समर्थकों से संपर्क व संवाद कायम करने के लिए एक अभियान शुरु करेगी ताकि शहर व गांवों में पार्टी की दैनिक गतिविधियों से दूर बैठा कार्यकर्ता पूरे उत्साह के साथ पार्टी के काम में जुट जाए। उनका मानना है कि लंबे समय से सत्ता से बाहर होने के बावजूद पार्टी कार्यकर्ता हताश हुए बिना हर परिस्थिति में पार्टी के लिए संघर्ष करता रहा है उससे पार्टी के कार्यकर्ता मिलेंगे भी ओर देश व गुजरात के लिए कांग्रेस नेताओं के किये गये कामों से भी अवगत कराएंगे ताकि वह आम लोगों तक पार्टी का संदेश पहुंचा सके।

चिंतन शिविर में शिरकत करेंगे राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्रदेश के चिंतन शिविर में शिरकत करेंगे जिसमें राज्य विधानसभा चुनाव के मुद्दों के साथ संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने जैसे विषयों पर मंथन होगा। उत्तर प्रदेश के चुनाव में महिलाओं को 40 प्रतिशत सीट देने के कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के ऐलान पर अमीबेन कहती हैं कि पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को जब भी मौका मिला उन्होंने खुद को साबित किया है। प्रथम प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, प्रथम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल, प्रथम लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के रूप में कांग्रेस की ही देन है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही पंचायती राज चुनावों में महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था की जिसका आज परिणाम ये है कि देश की एक लाख ग्राम पंचायतों व हजारों पंचायत समिति, नगर पालिका व महानगर पालिकाओं का संचालन महिलाएं कर रही हैं।

नकारात्मक माहौल बना चुनाव जीतना सस्ता साधन

सांसद याज्निक का कहना है कि देश में नकारात्मक माहौल बनाकर चुनाव जीतना एक सस्ता साधन है। मतों का धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण, गुजरात में लगातार ऐसा किया गया लेकिन आज राज्य में किसान, मजदूर, कर्मचारी, युवा व महिलाएं काफी परेशान हैं। बढती महंगाई, बेरोजगारी, अपराध यह सब ऐसे विषय है जो आम आदमी के साथ महिलाओं व युवाओं को काफी प्रभावित करते हैं। दिल्ली में एक साल से किसान अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी है, देश के एक बड़े तबके की अवहेलना करना लोकतंत्र की भावना के विपरीत है। कोरेाना महामारी के दौरान केंद्र व गुजरात सरकार ने मरीजों के प्रति लापरवाही भरा रवैया बरता, कहीं ऑक्सीजन की कमी तो कहीं दवा, इंजेक्शन तथा अस्पतालों में बेड के लिए लोगों को तरसना पड़ा। अकेले गुजरात में करीब 3 लाख लोगों की कोरोना से मौत हुई लेकिन सरकार लगातार मौत के आंकडे छिपाती रही। गुजरात कांग्रेस ने कोरोना से मारे गये लोगों के परिवार को 4 लाख रुपये की मदद की मांग के साथ कोविड न्याय यात्रा निकाली तब पता चला कि गांव-गांव, घर-घर कोरोना के कारण कैसे परिवार उजड़ गये और सरकार के पास उनकी मदद के लिए कोई सिस्टम ही नहीं था।

करोड़ों लोग गरीबी में वापस धकेल दिये गये

अमीबेन का आरोप है कि सरकार ने कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक सहायता के लिए घोषणा की तो पता चला सरकार की मौत के आंकडों से अधिक अनाथ हुए बच्चों की संख्या सामने आई, जिसके बाद आवेदन प्रक्रिया ही बंद कर दी गई। केंद्र सरकार भी बडे़- बडे़ दावे करती है लेकिन असल में डॉ मनमोहन सिंह सरकार की मनरेगा, जनधन, आधार, जीएसटी योजनाओं को आगे बढ़ा रही है। उज्जवला योजना का प्रचार खूब हो रहा है लेकिन इस योजना के तहत महिलाएं आर्थिक तंगी के चलते अब गैस सिलेंडर खरीद ही नहीं पा रही हैं। यूपीए सरकार ने बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया लेकिन एनडीए के कार्यकाल में करोड़ों लोग गरीबी में वापस धकेल दिये गये।

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