Gujarat: बीएसएफ जवान वाट्सएप से सेना की गुप्त सूचनाएं भेजता था पाकिस्तान, किया गया गिरफ्तार
Gujarat एटीएस के डिप्टी एसपी बीएम चावड़ा ने सोमवार को बताया कि पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गुजरात एटीएस ने बीएसएफ कांस्टेबल मोहम्मद सज्जाद को गिरफ्तार किया है। एटीएस मामले के हर पहलू की जांच कर रही है।
गांधीनगर, एएनआइ। पाकिस्तान को कथित रूप से संवेदनशील जानकारी देने के आरोप में गांधीनगर से बीएसएफ कांस्टेबल मोहम्मद सज्जाद गिरफ्तार को गिरफ्तार किया गया है। एटीएस के डिप्टी एसपी बीएम चावड़ा ने बताया कि सज्जाद जम्मू-कश्मीर के राजौरी का रहने वाला, वह पाकिस्तान गया और बीएसएफ में शामिल होने से पहले 46 दिनों तक वहां रहा। वह वाट्सएप पर सूचनाएं भेजता था। अहमदाबाद से जागरण संवाददाता के मुताबिक, गुजरात के कच्छ-भुज में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को गुजरात आतंकवाद निरोधक (एटीएस) दस्ते ने गिरफ्तार किया है।
आरोपित जवान मोहम्मद इम्तियाद पर सेना की गुप्त सूचना फोन पर पाकिस्तान को देने का आरोप है। सीमा सुरक्षा बल का जवान मोहम्मद इम्तियाज भारत-पाकिस्तान सीमा पर कच्छ भुज में तैनात है। मूल रूप से वह कश्मीर के राजौरी का रहने वाला है। गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते को इस जवान को लेकर गुप्त सुचना मिली। जिसके बाद एटीएस की टीम ने उसे भुज पहुंचकर गिरफ्तार कर लिया। मोहम्मद इम्तियाज बीएसएफ में कांस्टेबल के पद पर तैनात था तथा उस पर भारतीय सेना की गुप्त सूचना फोन पर पाकिस्तान को देने का आरोप है। एटीएस उसे अपने मुख्यालय पर लेकर आई है तथा पूछताछ जारी है।
गौरतलब है कि इससे पहले गुजरात एटीएस की टीम ने शनिवार को दाऊद इब्राहिम के सहयोगी अब्दुल मजीद कुट्टी को झारखंड के जमशेदपुर से गिरफ्तार किया था। मजीद 1997 में गणतंत्र दिवस पर गुजरात और महाराष्ट्र में बम विस्फोट करने के लिए एक पाकिस्तानी एजेंसी के इशारे पर दाऊद इब्राहिम द्वारा भेजे गए विस्फोटकों से संबंधित एक मामले में शामिल था। वह 24 साल से फरार चल रहा था।
एटीएस अधिकारियों के मुताबिक, वह केरल का रहने वाला है। वह 1996 में 106 पिस्तौल, 750 कारतूस और करीब चार किलो आरडीएक्स इकट्ठा करने में शामिल था। पहले अन्य आरोपित पकड़े गए थे, लेकिन मजीद 24 साल से फरार चल रहा था। इससे पहले अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम के खास रहे बदमाश इकबाल मिर्ची की मुंबई स्थित तीन अचल संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त किया था। पांच सौ करोड़ रुपये मूल्य की इन संपत्तियों को केंद्र सरकार के दो कानूनों के तहत जब्त किया।