Amrit Mahotsav: गुजरात में 12 मार्च से आजादी का अमृत महोत्सव, गांधी आश्रम से दांडी मार्च को रवाना करेंगे पीएम मोदी

Amrit Mahotsav प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को दांडी मार्च को झंडी दिखाकर इसकी शुरुआत करेंगे। पीएम मोदी गृहमंत्री अमित शाह मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी केंद्रीय मंत्रियों सहित भाजपा के कई बडे नेता भी दांडी मार्च में शामिल होंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 10 Mar 2021 07:28 PM (IST) Updated:Wed, 10 Mar 2021 08:11 PM (IST)
Amrit Mahotsav: गुजरात में 12 मार्च से आजादी का अमृत महोत्सव, गांधी आश्रम से दांडी मार्च को रवाना करेंगे पीएम मोदी
गुजरात में 12 मार्च से शुरू होगा आजादी का अमृत महोत्सव। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। युवाओं को स्‍वतंत्रता संग्राम, देश के विकास व विश्‍वगुरु भारत का सपना बताने के लिए आजादी का अमृत महोत्‍सव मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को दांडी मार्च को झंडी दिखाकर इसकी शुरुआत करेंगे। पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी, केंद्रीय मंत्रियों सहित भाजपा के कई बडे नेता भी दांडी मार्च में शामिल होंगे। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में केंद्र सरकार ने आजादी अमृत महोत्‍सव मनाने का एलान किया है। 12 मार्च को दांडी मार्च को हरी झंडी दिखाकर प्रधानमंत्री मोदी इसकी शुरुआत करेंगे। इसमें शामिल 81 पदयात्री 386 किमी की पदयात्रा कर पांच अप्रैल, 2021 को दांडी पहुंचेंगे। युवा पीढ़ी को 1857 से 1947 के बीच चले स्‍वतंत्रता संग्राम की जानकारी देने, आजादी के 75 वर्ष में देश के विकास तथा आजादी के 100 पूरे होने तक विश्‍वगुरु भारत की तस्‍वीर दिखाने के लिए अमृत महोत्‍सव का आयोजन किया गया है।

मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी का कहना है कि दांडी मार्च के दौरान गांधीजी एवं स्‍वतंत्रता संग्राम से जुडे स्‍थल पोरबंदर, राजकोट, वडोदरा, बारडोली, मांडवी व दांडी में विविध कार्यक्रम होंगे। मुख्‍यमंत्री, केंद्र व राज्‍य सरकार के मंत्री, सांसद व विधायकभी एक एक दिन मार्च में शामिल होंगे। रूपाणी ने बताया कि दांडी मार्च को राष्‍ट्र चेतना का उत्‍सव बनाने के लिए देशभर में विविध कार्यक्रम होंगे। 12 मार्च को गुजरात में 75 स्‍थलों पर राष्‍ट्रप्रेम व जनचेतना के कार्यक्रम होंगे। रूपाणी ने कहा कि आजादी के पहले देश के लिए मरने का वकत था लेकिन अब देश के लिए जीने का समय है। युवा पीढ़ी को देश को आजाद कराने वाले स्‍वतंत्रता सैनानियों तथा उनके संघर्ष से अवगत कराना जरूरी है। प्रधानमंत्री आश्रम के आसपास के परिसर में पांच विश्‍वस्‍तरीय मेमोरियल व कई विकास कार्यों का शिलान्‍यास करेंगे।

पीएम मोदी व अमित शाह करेंगे पदयात्रा

दांडी मार्च को रवाना करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी भी प्रतीक रूप से पैदल मार्च करेंगे। उनके साथ सहित केंद्र व राज्‍य सरकार के कई मंत्री, सांसद, विधायक, शिक्षामंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्‍मा, पद्मश्री साहित्‍यकार विष्‍णु पंड्या, गांधी आश्रम के ट्रस्‍टी कार्तिकेय साराभाई, गुजरात तकनीकी विश्‍वविद्यालय के कुलपति हिमांशु पंड्या, स्‍वामी परमानंदजी सहित कई गणमान्‍य लोग भी सांकेतिक रूप से मार्च करेंगे।

आश्रम में तैयारियां, सुरक्षा चाक चौबंद

स्‍पेशल प्रोटेक्‍शन ग्रुप एसपीजी ने आश्रम को अपनी निगरानी में ले लिया है तथा राज्‍य की सुरक्षा एजेंसियों व डॉग स्‍क्‍वॉड ने चप्‍पे-चप्‍पे की तलाशी ली। गुजरात पुलिस ने आश्रम पर डेरा डाल लिया है। आम लोगों के लिए 12 मार्च तक अब आश्रम बंद रहेगा। आजादी के अम्रत महोत्‍सव के लिए गांधी आश्रम, दांडी पुल व आश्रम रोड पर भव्‍य तैयारियां की गई हैं। आश्रम व आसपास के पेडों पर रोशनियां की गई है तथा दांडी पुल को सजाया गया है।

जानें, दांडी मार्च के बारे में

महात्‍मा गांधी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से 12 मार्च 1930 को 78 सत्‍याग्रहियों के साथ दांडी कूच किया था, मार्ग में इसमें दो सत्‍याग्रही और शामिल हो गए थे। अंग्रेजों के नमक कानून के विरोध में गांधीजी ने दांडी मार्च कर छह अप्रैल 1930 को सांकेतिक रूप से नमक बनाकर अंग्रेजी कानून को तोडा जिसके बाद उन्‍हें सत्‍याग्रहियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था।

कांग्रेस करेगी किसान सत्‍याग्रह

12 मार्च को गुजरात कांग्रेस अहमदाबाद में साबरमती स्थित गांधी आश्रम से पालडी में कोचरब आश्रम तक पैदल मार्च निकालेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष अमित चावड़ा ने बताया कि इसी दिन 80 ट्रैक्‍टर के साथ किसान सत्‍याग्रह यात्रा शुरू होगी, जो 16 मार्च 2021 को दांडी पहुंचकर पूर्ण होगी। चावड़ा का कहना है कि भाजपा के शासन में किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है। देश में लगातार असमानता बढ़ रही है। वर्तमान सरकार अंग्रेजों से अधिक संवेदनहीन है। शिक्षा महंगी हो रही है, युवाओं का शोषण हो रहा है तथा किसानों का शोषण किया जा रहा है।

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