Gujarat: पांच साल की लावारिस अर्पिता को मिला परिवार, अमेरिकन दंपत्ति ने लिया गोद

अहमदाबाद के एक शिशु गृह में रहने वाली 5 वर्षीय अनाथ बच्‍ची को परिवार मिल गया है इस बच्‍ची को अमेरिकन दंपत्ति नाथन व जेसिका ने गोद ले लिया है। इस बच्‍ची को उसके माता पिता ने नया नाम दिया है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 12:35 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 12:42 PM (IST)
Gujarat: पांच साल की लावारिस अर्पिता को मिला परिवार, अमेरिकन दंपत्ति ने लिया गोद
5 साल की लावारिस बालिका को अमेरिकन दंपत्ति ने गोद लिया।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। ओढव शिशु गृह में पल रही एक 5 साल की लावारिस बालिका को अमेरिकन दंपत्ति ने गोद लिया। माता-पिता से बिछड़ी अर्पिता को अब उसके पालक अमेरिकन दंपत्ति नाथन व जेसिका ने जोय नाम दिया है। अहमदाबाद महानगर में पिछले कुछ माह से एक लावारिस बालिका अर्पिता का जीवन महज खाने, खेलने व अपने माता-पिता से मिलने की चाह में बीत रहा था। गांधीनगर में लावारिस हालत में मिली अर्पिता को ओढव के शिशु गृह में रखा गया था। लावारिस बच्चों में से बहुत कम का भविष्य ऐसा होता है जो रातों-रात बदल जाता है ऐसा ही कुछ हर पिता के साथ हुआ अमेरिका के नाथन और जेसिका ने जब उसका फोटो देखा तो अहमदाबाद जिला प्रशासन से संपर्क कर अर्पिता को गोद लेने की इच्छा जताई।

अहमदाबाद कलेक्टर संदीप सांगले ने गोद लेने की सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा कराने के बाद सोमवार को शिशु गृह ले जाकर नाथन वह जेसिका को उनकी गोद ली हुई संतान अर्पिता को सौंपा। पालक माता-पिता ने इस अबोध बालिका के भविष्य को बदलने की जिम्मेदारी की शुरुआत उसका नाम बदलने से की और उसका नाम जॉय रखा, हिंदी में इस नाम का अर्थ होता है खुशी व आनंद। अमेरिकन दंपत्ति ने निश्चित तौर पर अर्पिता को केवल नया नाम ही नहीं दिया है बल्कि उसी के अनुरूप अब उसके जीवन में खुशियां भी भर दी है। लाखों लावारिस में से कोई एक बच्चा ऐसा होता है जिसके जीवन में ऐसे पल आते हैं। अहमदाबाद कलेक्टर संदीप बताते हैं कि अर्पिता को उसका नया परिवार मिल गया है उसे न केवल पालक माता-पिता का सहारा मिला है बल्कि प्रेम और एक आंचल भी मिल गया, कलेक्टर संदीप सांगले ने अर्पिता के बेहतर भविष्य की उम्मीद में कामना करते हुए उसे अमेरिकन दंपति को सौंप दिया।

अनाथ बच्चों को हवाई सफर

सूरत के कतारगाम स्थित अनाथ आश्रम में पल रहे बच्चों ने जीवन में हवाई जहाज में सफर करने का सपना देखा होगा लेकिन सूरत के तीन उद्योगपति एवं समाजसेवियों ने इन बच्चों के हवाई सफर के सपने को पूरा किया। हीरा उद्योगपति एवं समाजसेवी सवजी भाई ढोलकिया, गोविंद ढोलकिया एवं लवजी बादशाह नहीं कुछ साल पहले वेंचुरा एयर क्राफ्ट की शुरुआत की थी और इसका संचालन सेवा कार्य एवं नो प्रॉफिट नो लॉस से कर रहे थे। पैरालंपिक खेलों में दिव्यांग खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से प्रेरणा लेकर इन तीनों उद्यमियों ने सूरत के अनाथ आश्रम में रह रहे बच्चों को कुछ रोमांचक व उत्साह जनक अनुभव देने के लिए उन्हें हवाई यात्रा कराने का निर्णय किया। इन अनाथ बच्चों में से अधिकांश ऐसे थे जिन्होंने कभी हवाई अड्डा भी नहीं देखा, अनाथ आश्रम के 8 से 10 मेधावी बच्चों को करीब 20 मिनट तक हवाई सफर कराया गया। सूरत के यह उद्यमी समाज सेवा व समाज में कुछ नई शुरुआत करने के लिए जाने जाते हैं तथा अपने समाज सेवा के कार्यो के कारण अक्सर चर्चा में भी रहते हैं।

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