Fact Check Story : नगालैंड में हुए शार्ट-सर्किट का वीडियो सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन के नाम से हुआ वायरल

सोशल मीडिया पर एक उत्पात का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ घर जलते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो नगालैंड का है।

By Amit SinghEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 07:21 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 07:21 PM (IST)
Fact Check Story : नगालैंड में हुए शार्ट-सर्किट का वीडियो सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन के नाम से हुआ वायरल
नगालैंड में हुई शार्ट-सर्किट का वीडियो सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन के नाम से हुआ वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक उत्पात का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ घर जलते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो नगालैंड का है। सेना और उग्रवादियों के बीच हुई झड़प के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। वीडियो विरोध प्रदर्शन का नहीं, बल्कि शॉर्ट-सर्किट की वजह से लगी आग के बाद का है।

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान वायरल वीडियो से जुड़ा एक ट्वीट Lenio Krichena नामक एक पत्रकार के ट्विटर अकाउंट पर मिली। ट्वीट में दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो 5 दिसंबर को शार्ट सर्किट के कारण तुएनसांग में लगी आग का है। आग से कुछ दुकानों को नुकसान पहुंचा था। वीडियो नगालैंड में विरोध प्रदर्शन से संबंधित नहीं है।

पड़ताल के दौरान विश्वास न्यूज को वायरल वीडियो से जुड़ा एक ट्वीट तुएनसांग पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी मिला। ट्वीट में दी गई जानकारी के मुताबिक, तुएनसांग जिले में किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ है। वायरल वीडियो शार्ट-सर्किट के कारण लगी आग का है।

अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने तुएनसांग के डिप्टी कमिश्नर अजीत कुमार से संपर्क किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया कि वायरल दावा पूरी तरह से गलत है। जिले में सब कुछ पुलिस के कंट्रोल में है। किसी तरह का कोई प्रदर्शन यहां नहीं हो रहा है। यह एक आम घटना थी, जो कि शार्ट-सर्किट होने के कारण हो गई थी। जिसे अब गलत तरीके से शेयर किया जा रहा है। इस घटना का मोन में हुई घटना से किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है। हम फेक न्यूज फैलाने वाले लोगों पर कार्रवाई करेंगे।

इस पूरी पड़ताल को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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