Fact Check Story : उत्तर प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी के पोस्टर पर नहीं पोती गई कालिख, यह तस्वीर पुरानी है
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए कई ऑनलाइन टूल्स के साथ फोटो खींचने वाले फोटोग्राफर से भी संपर्क किया। गूगल सर्च और रिवर्स इमेज जैसे टूल्स से हमें जागरण डॉट कॉम पर पब्लिश एक पुरानी खबर मिली।
विश्वास न्यूज, नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, फर्जी खबरों की तादाद भी बढ़ती जा रही है। दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट Vishvas News ने एक ऐसी ही फेक पोस्ट की पड़ताल की। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी के एक पोस्टर पर कालिख पोतने की पुरानी तस्वीर को कुछ लोग यूपी का समझकर वायरल कर रहे हैं। जब हमने इसकी जांच की तो पता चला कि 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान रांची में ओवैसी के एक पोस्टर पर कालिख पोती गई थी। वायरल तस्वीर उसी दौरान की है।
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए कई ऑनलाइन टूल्स के साथ फोटो खींचने वाले फोटोग्राफर से भी संपर्क किया। गूगल सर्च और रिवर्स इमेज जैसे टूल्स से हमें जागरण डॉट कॉम पर पब्लिश एक पुरानी खबर मिली।
24 सितंबर 2019 को पब्लिश इस खबर में हमें वही पोस्टर दिखा, जिसे यूपी के नाम से वायरल किया जा रहा है। खबर के अनुसार, ओवैसी के पोस्टर में चेहरे पर कालिख पोत दी गई है।
झारखंड की राजधानी रांची के बरियातू मैदान में वे एक सभा को संबोधित करने पहुंचे हैं। यहां सभास्थल के समीप लगे होर्डिंग में ओवैसी के चेहरे पर किसी ने कालिख पोतकर शरारत कर दी। यह खबर करीब दो साल पुरानी निकली।