Fact Check Story : मेरठ के इस वीडियो में नहीं है कोई विधायक, पुराना वीडियो फर्जी दावे के साथ वायरल
मेरठ के एक पुराने वीडियो के जरिए यह झूठ फैलाया जा रहा है कि भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय ने सरेआम एक पुलिसवाले की पिटाई कर दी। इस वीडियो को वायरल करते हुए बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स यूपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया के काल्पनिक विधायक अनिल उपाध्याय एक बार फिर से लौट आए हैं। इस बार मेरठ के एक पुराने वीडियो के जरिए यह झूठ फैलाया जा रहा है कि भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय ने सरेआम एक पुलिसवाले की पिटाई कर दी। इस वीडियो को वायरल करते हुए बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स यूपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यूपी में जब पुलिसवालों का यह हाल है तो आम जनता का क्या होगा।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की विस्तार से जांच की। वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए कई ऑनलाइन टूल्स का इस्तेमाल करते हुए मेरठ पुलिस से भी संपर्क किया गया। विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि 19 अक्टूबर 2018 को मेरठ के परतापुर थाने की मोहिउद्दीनपुर चौकी इंचार्ज सुखपाल सिंह महिला अधिवक्ता के साथ नशे में ब्लैक पेपर रेस्टोरेंट में खाना खा रहे थे। वहां मारपीट के बाद रेस्टोरेंट संचालक भाजपा पार्षद मुनीष चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके अलावा दारोगा को भी लाइन हाजिर किया गया था।
चूंकि वीडियो पहले भी कई बार फर्जी दावों के साथ वायरल हो चुका है। जिसका पुलिस की ओर से खंडन भी किया जा चुका है। विश्वास न्यूज ने पूरे मामले को जानने के लिए मेरठ के एसपी सिटी विनीत भटनागर से बातचीत की। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया कि वायरल वीडियो का मामला पुराना है। जिस पार्षद का वीडियो वायरल हुआ था, उनकी मौत हो चुकी है।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि मेरठ के पुराने वीडियो को कुछ लोग फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। हमारी पड़ताल वायरल पोस्ट को फर्जी साबित करती है।
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