Fact Check Story: 'पीएम रामबाण योजना' नाम की कोई सरकारी योजना नहीं है; फर्जी मैसेज से हो सकती है ठगी
वॉट्सऐप पर एक वायरल मैसेज मिला जिसमें दावा किया गया कि प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा योजना के तहत मैसेज में दिए गए लिंक पर रजिस्ट्रेशन करने पर युवाओं को 4000 रुपए मिल रहे हैं। विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल में पाया कि यह दावा फर्जी है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): दैनिक जागरण के फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज को अपने वॉट्सऐप पर एक वायरल मैसेज मिला, जिसमें दावा किया गया कि 'प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा योजना' के तहत मैसेज में दिए गए लिंक पर रजिस्ट्रेशन करने पर युवाओं को 4000 रुपए मिल रहे हैं। विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल में पाया कि यह दावा फर्जी है।
इस दावे की जांच के लिए विश्वास न्यूज ने सबसे पहले उस लिंक की पड़ताल की, जिसे वायरल संदेश के साथ व्यापक रूप से साझा किया जा रहा था। (विश्वास न्यूज अपने पाठकों से अपील करता है कि ऐसे किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।) विश्वास न्यूज़ ने रजिस्टर करने के लिए क्लिक किया और फॉर्म में एक यूपीआई एपीपी और संपर्क नंबर चुनने के लिए कहा। एक सरकारी योजना के लिए आवेदन करने के लिए केवल संपर्क विवरण पर्याप्त नहीं है। एक व्यक्ति को एक आवेदन पत्र के साथ विभिन्न दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता होती है।
इसके बाद हमने सरकारी पोर्टल के उस सेक्शन को जांचा जिसमें सभी योजनाएं शामिल हैं। विश्वास न्यूज़ को 'प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा योजना' नाम की कोई योजना नहीं मिली।
जांच के अंतिम चरण में विश्वास न्यूज ने अमेय विश्वरूप, आत्मानिर्भर भारत अभियान प्रमुख, नागपुर शहर, से बात की। उन्होंने बताया. "प्रधानमंत्री रामबाण सुरक्षा योजना' के नाम से कोई योजना नहीं है। यह सरकारी योजना के नाम पर घोटाला है।"
विश्वास न्यूज ने आखिरकार पोस्ट शेयर करने वाले यूजर का बैकग्राउंड चेक किया। विशाल कनौजिया विशाल कनूजिया खलीलाबाद के रहने वाले हैं।
'पीएम रामबाण योजना' के तहत 4,000 रुपये दिए जाने का दावा करने वाले संदेश और पोस्ट फर्जी हैं। सरकार की ओर से ऐसी कोई योजना नहीं है।
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