Fact Check Story : नदी किनारे ढहते मंदिर का नहीं है अयोध्‍या के राम मंदिर से कोई संबंध

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले InVID टूल का इस्‍तेमाल किया। इसमें वायरल वीडियो को अपलोड करके कई वीडियो ग्रैब्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल के जरिए खोजना शुरू किया ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 04:32 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 04:32 PM (IST)
Fact Check Story : नदी किनारे ढहते मंदिर का नहीं है अयोध्‍या के राम मंदिर से कोई संबंध
फैक्‍ट चेकिंग वेबसाइट विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की

नई दिल्‍ली, विश्वास न्यूज। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें नदी किनारे बने एक मंदिर को ढहते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह घटना अयोध्‍या के राम मंदिर के साथ हुई है। फैक्‍ट चेकिंग वेबसाइट विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की। हमें पता चला कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। दरअसल पश्चिम बंगाल के मालदा के एक पुराने वीडियो को कुछ लोग राम मंदिर का बताते हुए झूठ फैला रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले InVID टूल का इस्‍तेमाल किया। इसमें वायरल वीडियो को अपलोड करके कई वीडियो ग्रैब्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल के जरिए खोजना शुरू किया। यूट्यूब पर एक वीडियो मिला। इसे 25 अक्‍टूबर 2019 को अपलोड करते हुए बताया गया कि यह मालदा के एक शिवमंदिर का वीडियो है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, अयोध्‍या के ब्यूरो चीफ रमा शरण अवस्थी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल पोस्‍ट पूरी तरह फेक है। इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में अयोध्‍या के राम मंदिर के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। पश्चिम बंगाल के मालदा में शिवमंदिर के एक वीडियो को अब कुछ लोग राम मंदिर के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

पूरी पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ें।

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