Fact Check Story: दिल्ली सरकार ने स्कूलों में नहीं की उर्दू भाषा कम्पल्सरी, फर्जी पोस्ट हो रही वायरल

दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग टीम विश्वास न्यूज़ ने पाया कि सोशल मीडिया पर एक पोस्ट फैलाई जा रही है जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के स्कूलों में उर्दू भाषा को कम्पल्सरी कर दिया है।

By TaniskEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 06:36 PM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 06:36 PM (IST)
Fact Check Story: दिल्ली सरकार ने स्कूलों में नहीं की उर्दू भाषा कम्पल्सरी, फर्जी पोस्ट हो रही वायरल
दिल्ली सरकार ने स्कूलों में नहीं की उर्दू भाषा कम्पल्सरी।

नई दिल्ली, जेएनएन। दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग टीम विश्वास न्यूज़ ने पाया कि सोशल मीडिया पर एक पोस्ट फैलाई जा रही है, जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के स्कूलों में उर्दू भाषा को कम्पल्सरी कर दिया है। विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पड़ताल करने का फैसला किया और पाया कि यह दावा बिल्कुल गलत है। दिल्ली के स्कूलों में उर्दू को अनिवार्य नहीं किया गया है।

विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल न्यूज़ सर्च किया और सर्च में 12 मार्च 2020 को बिज़नेस इनसाइडर की एक खबर मिली। यहाँ खबर में बताया गया, 'नई एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार, जो छात्र कक्षा 8 में अपनी तीसरी भाषा की परीक्षा पास नहीं करेंगे, उन्हें कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी के साथ किसी तीसरी भाषा को भी पढ़ना और पास करना होगा। इस तीसरी भाषा में संस्कृत, उर्दू या फ्रेंच लैंग्वेज हो सकती है।'

विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल को आगे बढ़ाया और 13 अगस्त 2021 को न्यू इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर पब्लिश हुआ एक आर्टिकल मिला। यहां खबर में दी गयी जानकारी के मुताबिक, 'उर्दू के शिक्षकों की भारी कमी के कारण अधिकांश स्कूलों में उर्दू को तीसरी भाषा के रूप में नहीं पढ़ाया जाता है, जबकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत, हिंदी भाषी राज्यों के छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी के अलावा एक तीसरी भारतीय भाषा सीखने की अपॉर्च्युनिटी मिली हुई है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में संस्कृत और पंजाबी के साथ उर्दू को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है।''

विश्वास न्यूज़ ने पोस्ट से जुडी पुष्टि के लिए दैनिक जागरण में दिल्ली से एजुकेशन को कवर करने वाली रिपोर्टर ऋतिका मिश्रा से संपर्क किया और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। उन्होंने दिल्ली शिक्षा निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी से कन्फर्म करके बताया, 'दिल्ली सरकार ने दिल्ली के स्कूलों में उर्दू को कम्पल्सरी नहीं किया गया है। यह दावा गलत है।'

विश्वास न्यूज की इस फैक्ट चेक स्टोरी को विस्तार से पढ़ने और झूठे दावे की पोल खोलने का स्टेप बाय स्टेप प्रॉसेस देखने के लिए यहां क्लिक करें।

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