Oscar Awards 2022: विक्की कौशल की 'सरदार उधम' क्यों हुई रिजेक्ट? अंग्रेज़ों से जुड़ी वजह जानकर दंग रह जाएंगे
Oscar Awards 2022 क्रांतिकारी शूजित सरकार की फ़िल्म उधम मुख्य रूप से 1919 में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार की कहानी को दिखाती है। सरदार उधम ने 1940 में लंदन के कैक्सटन हॉल में लाहौर के पूर्व गवर्नल माइकल ओ डायर की हत्या करके इस नरसंहार का बदला लिया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। शूजित सरकार निर्देशित सरदार उधम ने भले ही दर्शकों और समीक्षकों के दिल जीते हों, मगर एकेडमी अवॉर्ड्स के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि चुने जाने की रेस हार गयी और यह रेस हारने की जो वजह बतायी जा रही है, उसे सुनकर सरदार उधम के फैंस को तगड़ा झटका लगेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एकेडमी अवॉर्ड्स में एंट्री के लिए फ़िल्मों का चुनाव करने वाली समिति को लगता है कि सरदार उधम में ब्रिटिश के ख़िलाफ़ कुछ ज़्यादा ही नफ़रत दिखा दी गयी है, इसलिए इसे ऑस्कर अवॉर्ड्स की रेस में नहीं भेजा जाना चाहिए। समिति के इस अजीबोग़रीब तर्क का सोशल मीडिया में भी जमकर विरोध किया जा रहा है। बता दें, फ़िल्म 16 अक्टूबर को अमेज़न प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम की गयी थी। View this post on Instagram A post shared by Vicky Kaushal (@vickykaushal09)
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए ऑफिशियल एंट्री चुनने वाली समिति के एक सदस्य इंद्रदीप दासगुप्ता ने सरदार उधम को रिजेक्ट करने की वजह गिनाते हुए कहा- सरदार उधम कुछ ज़्यादा लम्बी फ़िल्म और जलियांवाला बाग की घटना पर निर्भर है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक गुमनाम नायक पर एक भव्य फ़िल्म बनाने का यह एक ईमानदार प्रयास है, लेकिन इस प्रक्रिया में यह ब्रिटिश के ख़िलाफ़ हमारी नफ़रत को उजागर करती है। वैश्वीकरण के इस दौर में, इतनी नफ़रत पाले रखना अच्छी बात नहीं है। हालांकि, इंद्रदीप ने फ़िल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बताने में संकोच नहीं किया।
इसी रिपोर्ट में एक अन्य ज्यूरी सदस्य सुमित बसु के हवाले से बताया गया कि सरदार उधम को इसकी बेहतरीन सिनेमैटोग्राफी और कैमरा वर्क, एडिटिंग, साउंड डिज़ाइन और उस कालखंड के पुनर्निर्माण के लिए तमाम लोगों ने पसंद किया है। मगर, फ़िल्म की लम्बाई एक मुद्दा बनी। इसका क्लाइमैक्स भी खींचा गया है। दर्शक को जलियांवाला बाग नरसंहार के शहीदों का दर्द महसूस करने में काफ़ी वक़्त लग जाता है।
जलियांवाला बाग नरसंहार के बदले की कहानी
View this post on Instagram
शूजित सरकार की फ़िल्म मुख्य रूप से 1919 में हुए जलियांवाला बाग नरसंहार के बदले की कहानी दिखाती है। सरदार उधम ने 1940 में लंदन के कैक्सटन हॉल में लाहौर के पूर्व गवर्नल माइकल ओ डायर की हत्या करके इस नरसंहार का बदला लिया था। फ़िल्म में क्रांतिकारियों के वैचारिक स्तर को भी नैरेशन के ज़रिए पिरोया गया है। फ़िल्म में सरदार उधम सिंह का किरदार विक्की कौशल ने निभाया है और उनके अब तक के करियर के सर्वश्रेष्ठ अभिनयों में से एक माना जा रहा है।
सोशल मीडिया में समिति के फ़ैसले का विरोध
सरदार उधम को ऑस्कर के लिए ना भेजने की वजह सामने आते ही सोशल मीडिया में इसको लेकर नाराज़गी ज़ाहिर की जा रही है। कई यूज़र्स ने ट्वीट करके अपना विरोध दर्ज़ करवाया है। फ़िल्म के प्रशंसकों ने कमेंट के ज़रिए समिति के इस फ़ैसले पर सवाल उठाने के साथ तंज कसे हैं।
#SardarUdham was rejected for Oscar nomination by an "Indian" stating it has "too much hatred for British".This film had hatred for imperialism but not for any particular race.This film was about FREEDOM and how far our revolutionaries went on,and this is what we give in return? pic.twitter.com/dLaDKftTlu— Dipsita (@DharDipsita) October 25, 2021 So Indian kids lathered in poop, begging and fending for themselves in Slumdog Millionaire is more palatable as a representation of Indians. But a realistic depiction of the horrifying acts of British imperialism on our country is problematic? #SardarUdham pic.twitter.com/tQwpYFZ79o— ANMOL JAMWAL (@jammypants4) October 25, 2021 2001 Lagaan - Fictional movie of the toxic British Raj - India's official entry to Oscars. 2021 Sardar Udham - Real, biographical account of the Jallianwala Bagh Massacre and an unsung freedom fighter not sent because "it shows hatred towards British". Excellent.#SardarUdham— Dr. Haryax Pathak (@HaryaxPathak) October 25, 2021 Other nations build memorials to remember their freedom fighters, while Hindustani can't even send movies related to their freedom fighters to Oscars.#SardarUdham— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) October 25, 2021 Terrible reason for not selecting #SardarUdham as India's entry to #Oscars2022—"It projects our hatred towards the British. In this era of globalisation, it's not fair to hold on to this hatred." Perhaps they should've shown the British serving lassi & ladoo at #JallianwalaBagh!— Sreejith Panickar (@PanickarS) October 25, 2021 74 years since independence, still the crown needs to be pleased.#SardarUdham pic.twitter.com/Im9aNJAxbg— Gokul G K (@gokulgkwrites) October 26, 2021
तमिल फ़िल्म Koozhangal बनीं ऑफिशियल एंट्री
बता दें, एकेडमी अवॉर्ड्स की Best International Feature Film कैटेगरी में भेजने के लिए 15 सदस्यीय ज्यूरी फ़िल्मों का चुनाव करती है। 2022 में होने वाले 94वें एकेडमी अवॉर्ड्स के लिए 14 फ़िल्मों को शॉर्ट लिस्ट किया गया था, जिनमें मलयालम नयाट्टू, तमिल फ़िल्म मंडेला, हिंदी फ़िल्म सरदार उधम, शेरनी, तूफ़ान और शेरशाह और मराठी फ़िल्म गोदावरी रेस में थीं। हालांकि, ज्यूरी ने तमिल फ़िल्म कूझांगल Koozhangal (Pebbles) को चुना।
(फ़िल्म की कास्ट के साथ नयनतारा। फोटो- ट्विटर)
विनोथराज पीएस निर्देशित फ़िल्म एक शराबी पति के बारे में है, जिसके उत्पीड़न से तंग आकर उसकी पत्नी भाग जाती है। फिर बेटे के साथ वो उसे वापस लाने के मिशन पर निकलता है। फ़िल्म में न्यूकमर चेल्लापंडी और करूथथादइयां ने मुख्य भूमिकाएं निभायी हैं। नयनतारा ने फ़िल्म को को-प्रोड्यूस किया है। इस बार 15 सदस्यीय ज्यूरी की अध्यक्षता फ़िल्ममेकर शाजी एन करुण ने की।