चुनौतियां कलाकार के लिए उपहार होती हैं: रवि दुबे

शो में एक डायलाग है कि कलाकार की कला तब तक सार्थक नहीं होती जब तक उसके लिए तालियां नहीं बजतीं। इस डायलाग को खुद से जोड़ते हुए रवि कहते हैं ‘तालियां हों या पीठ थपथपाया जाना या तारीफ के दो शब्द सुनना हो इससे कलाकार का मनोबल बढ़ता है।

By Priti KushwahaEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 07:30 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 07:30 PM (IST)
चुनौतियां कलाकार के लिए उपहार होती हैं: रवि दुबे
Photo Credit : Ravi Dubey Instagram Photo Screenshot

दीपेश पांडेय, मुंबई। बतौर अभिनेता रवि दुबे पिछले करीब डेढ़ दशक से टेलीविजन पर सक्रिय हैं। डिजिटल प्लेटफार्म की दुनिया में भी वह कदम रख चुके हैं। वह एमएक्स प्लेयर पर आज रिलीज वेब सीरीज ‘मत्स्य कांड’ में मत्स्य की भूमिका में नजर आए हैं। रवि पत्नी और अभिनेत्री सरगुन मेहता के साथ बतौर प्रोड्यूसर भी काम कर रहे हैं...

मत्स्य से जुड़ाव:

इस शो के लिए अपनी तैयारियों को लेकर रवि बताते हैं, ‘मैंने मत्स्य को काफी हद तक अपने से जुड़ा पाया। पहले इस शो का नाम कुछ दूसरा था, हाल ही में निर्माताओं ने इसका नाम ‘मत्स्य कांड’ रखा। इसकी शूटिंग शुरू होने से पहले हम इसकी तैयारी पर तीन महीने तक काम करते रहे। इस दौरान हमने स्क्रिप्ट से लेकर प्रोस्थेटिक मेकअप और डायलाग तक हर चीज पर चर्चा की। मैं और सरगुन आगे चलकर अपने प्रोडक्शन में इस तरह के शो बनाना चाहेंगे।’

अलग-अलग लुक:

शो में रवि को 11 अलग-अलग लुक में दिखाया गया है। इसकी चुनौतियों के बारे में वह कहते हैं, ‘जो चीज चैलेंजिंग होती है, वही मजेदार भी होती है। हमारी क्रिएटिव फील्ड में एक ही लीक पर चलते रहने से आपका काम तो चलता रहेगा, लेकिन मजा नहीं आएगा। इस तरह चुनौतियां कलाकार के लिए एक गिफ्ट की तरह होती हैं। अलग लुक लेने के लिए चार-पांच घंटे प्रोस्थेटिक मेकअप चलता था। उसके बाद सात-आठ घंटे शूटिंग करनी पड़ती थी। शो में 17-18 वर्ष के युवा मत्स्य का लुक लेना सबसे मुश्किल रहा। उसके लिए मुझे 20 दिनों में 10-12 किलो वजन घटाना था। मैंने उसके लिए डाक्टर की सलाह ली।

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ईंधन की तरह हैं तालियां:

शो में एक डायलाग है कि कलाकार की कला तब तक सार्थक नहीं होती जब तक उसके लिए तालियां नहीं बजतीं। इस डायलाग को खुद से जोड़ते हुए रवि कहते हैं, ‘तालियां हों या पीठ थपथपाया जाना या तारीफ के दो शब्द सुनना हो, इससे कलाकार का मनोबल बढ़ता है। यह क्रिएटिव इंसान के लिए ईंधन की तरह है। आपके आस-पास ऐसे लोगों का होना जरूरी हो, जो सच्ची प्रतिक्रिया दें। वैसे तो मैं सभी की प्रतिक्रियाओं का स्वागत करता हूं, लेकिन सरगुन की प्रतिक्रियाओं का अधिक इंतजार रहता है। अगर उन्हें लगता है कि चीजें सुर में हैं तो मुझे यकीन हो जाता है कि मैंने अच्छा काम किया है।

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दोहरी जिम्मेदारियां:

अभिनय और प्रोडक्शन की दोहरी जिम्मेदारियों को लेकर रवि कहते हैं, ‘अब हमारी दो भूमिकाएं हैं। एक्टिंग के साथ-साथ हम धारावाहिक प्रोड्यूस कर रहे हैं। डिजिटल प्लेटफार्म और फिल्मों के लिए भी कंटेंट प्रोड्यूस करना चाहते हैं। हम उन्हीं चीजों के साथ जुड़ना चाहते हैं, जिन पर हम विश्वास करते हैं।’

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