'पॉलिटिशियन से लेकर एक्टिविस्ट तक को 500 कॉल कर लिए पर आईसीयू बेड नहीं मिला' एक्टर भव्य गांधी की मां ने सुनाई आपबीती

टीवी के सबसे पॉपुलर शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में टप्पू का किरदार निभाकर फेसस हुए भव्य गांधी इन दिनों अपनी ज़िंदगी के शायद सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं। हाल ही में भव्य के पिता विनोद गांधी ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

By Nazneen AhmedEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 12:44 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 12:51 PM (IST)
'पॉलिटिशियन से लेकर एक्टिविस्ट तक को 500 कॉल कर लिए पर आईसीयू बेड नहीं मिला' एक्टर भव्य गांधी की मां ने सुनाई आपबीती
Photo Credit - Bhavya Gandhi Insta Account

नई दिल्ली, जेएनएन। टीवी के सबसे पॉपुलर शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में टप्पू का किरदार निभाकर फेसस हुए भव्य गांधी इन दिनों अपनी ज़िंदगी के शायद सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं। हाल ही में भव्य के पिता विनोद गांधी ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। विनोद गांधी कोविड वायरस से संक्रमित थे जिसके बाद उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में एमडिट करवाया गया था, जहां वो वेंटिलेटर पर थे। और कुछ दिन बाद उनका निधन हो गया।

विनोद गांधी के गुज़र जाने के बाद अब भव्य की मां यशोदा गांधी ने अपने दर्द बयां किया है और बताया कि बीते दिनों उनके परिवार ने कितनी मुश्किलों का सामना किया। यशोदा ने स्पॉटब्वॉय से बातचीत में बताया, ‘मेरे पति पिछले साल से पूरी सावधानी बरत रहे थे जब से कोरोना वायरस इस देश में आया था। वो सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का पूरा ध्यान रखते थे। लेकिन फिर भी वायरस उनतक पहुंच ही गया। एक महीने पहले उन्होंने मुझसे अचानक कहा कि उन्हें तबीयत ठीक नहीं लग रही है, हालांकि उन्हें तब तक कोई लक्षण नहीं थे'।

'अगले दिन उन्हें हल्का सा बुखार था, तो मैंने दवा दे दी। थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा कि सीने में दर्द हो रहा है। हमने तुरंत उनका टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट में 5% इन्फेक्शन आया। जिसके बाद हमने डॉक्टर से संपर्क किया तो बताया गया कि घबराने की कोई बात नहीं हम उन्हें घर पर ही आइसोलेट कर सकते हैं। दुर्भाग्य से एक दो दिन बाद उनका इन्फेक्शन बढ़ गया और हमें उन्हें अस्पताल में एडमिट करवाना था पर कोई हॉस्पिटल नहीं मिल रहा था। मैं जहां भी कॉल कर रही थी वहां मुझसे कहा जा रहा था कि पहले केस BMC में रजिस्टर करवाना पड़ेगा उसके जब नंबर आएगा तो वो हमें कॉल करेंगे'।

'भव्य के मैनेजर की मदद से हमें दादर के एक हॉस्पिटल में बेड मिल गया जहां वो दो दिन एडमिट रहे। फिर डॉक्टर ने कहा कि उन्हें आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ेगा। मैंने नेताओं से लेकर, एक्टिविस्ट, मेरे जानकार एनजीओ और कुछ फैमिली मैंबर्स को फोन करीब 500 कॉल कर लिए लेकिन हमें आईसीयू बेड नहीं मिला। उस वक्त हम लोग बुरी तरह टूट गए थे, ख़ुद को बहुत हेल्पेलेस महसूस कर रहे थे। फिर एक दोस्त की मदद से गोरेगांव के हॉस्पिटल में आईसीयू बेड मिला। लेकिन मुश्किल यहां खत्म नहीं हुई थी। मेरा बड़ा बेटा और बेटी भी कोविड संक्रमित हो गए और भव्य अकेले पापा के लिए भागदौड़ कर रहा था'।

‘इसके बाद डॉक्टर ने मुझसे रेमडेसिविर इन्जेक्शन लाने को कहा हम 8 इंन्जेक्शन के दाम में 6 इंन्जेक्शन लाए। फिर डॉक्टर ने 'Toxin' इन्जेक्शन लाने को कहा, और मुझे ये कहते हुए बहुत बुरा महसूस हो रहा है कि जो इंन्जेक्शन इंडिया में ही बनता वो मुझे पूरे इंडिया में कहीं नहीं मिला। मुझे वो दुबई से मंगवाना पड़ा जो की मुझे 1 लाख 45 हज़ार का पड़ा, लेकिन इस इंन्जेक्शन से भी कोई फर्क नही पड़ा तो उन्हें कोकिलाबेन अस्पताल में एडमिट करवाया गया। पहले वो भी हमारा केस लेने को राज़ी नहीं थे क्योंकि केस बीएमसी में रजिस्टर नहीं था। जैसे-तैसे बहुत मिन्नतों के बाद उन्होंने मेरे पति को एडमिट किया, लेकिन 15 दिन बाद उन्होंने दम तोड़ दिया’।

chat bot
आपका साथी