Neena Gupta के खुलासे पर सतीश कौशिक ने तोड़ी चुप्पी, खुलकर बताया क्यों किया था शादी के लिए प्रपोज़
Satish Kaushik REVEALS Why She Proposed Neena Gupta बॉलीवुड एक्ट्रेस नीना गुप्ता इन दिनों अपनी बुक ‘सच कहूं तो’ को लेकर खबरों में हैं। नीना ने इस किताब में अपनी ज़िंदगी के उन पहलुओं और किस्सों को सबके सामने रखा है जिनके बारे में कोई नहीं जानता।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस नीना गुप्ता इन दिनों अपनी बुक ‘सच कहूं तो’ को लेकर खबरों में हैं। नीना ने इस किताब में अपनी ज़िंदगी के उन पहलुओं और किस्सों को सबके सामने रखा है जिनके बारे में कोई नहीं जानता था। अपनी जिंदगी के स्ट्रगल से लेकर पिता की दूसरी तक, नीना ने अपनी किताब में कई खुलासे हैं।
अपनी ऑटोबायोग्रफी में नीना ने बताया कि जब वो प्रेग्नेंट थीं तब फिल्म डायरेक्टर और अभिनेता सतीश कौशिक ने उन्हें शादी का ऑफर दिया था। सतीश नीना से शादी करना चाहते थे और उनकी होने वाली संतान को अपना नाम देना चाहते थे। हालांकि अभिनेत्री ने उनके प्रपोज़ल को रिजेक्ट कर दिया था।
अब इस बारे में सतीश कौशिक का भी बयान सामने आया है और उन्होंने बताया है कि क्यों उन्होंने नीना को उस वक्त शादी के लिए ऑफर दिया था। बॉम्बे टाइम्स से बात करते हुए एक्टर ने कहा, ‘हम लोग 1975 से दोस्त हैं, और तब से अब तक हमारी दोस्ती मज़बूत है। हम एक दूसरे को नैंसी और कौशिकन बुलाते हैं। मैं उनके परिवार को भी जानता हूं। हम दोनों करोल बाग में आसपास ही रहते थे, दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी साथ थे और थिएटर में भी एक्टिव थे। नीना जब मेरे कॉलेज आई थी तो हंगामा मच जाता था, वो जिस तरह ख़ुद को रखती थी और बातें करती थी उससे हर कोई इंप्रेस हो जाता था। मेरे कुछ साल बाद उन्होंने भी एनएसडी ज्वॉइन कर लिया। फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाने के लिए हम अपने-अपने तरीकों से संघर्ष करने लगे। हमने साथ में कई फिल्में कीं जैसे 'जाने भी दो यारो', 'मंडी' और 'तेरे संग'। हालांकि अपनी-अपनी जर्नी में हम बिजी हो गए, लेकिन जब भी हम मिलते थे पुरानी यादें ताज़ा हो जाती थीं। जिस तरह नैंसी ने अपनी ज़िंदगी की मुश्किलों का सामना किया है मैं इसके लिए हमेशा उनकी सराहना करता हूं, उन्होंने बहुत बहादुरी से अपने जीवन की चुनौतियों का सामना किया है, खासकर तब जब वो मसाबा के वक्त प्रेग्नेंट थीं’।
‘मैं उनकी इस बात के लिए सराहना करता हूं कि एक लड़की ने शादी के बगैर बच्चे को जन्म देने का फैसला लिया। उस वक्त एक सच्चे दोस्त की तरह मैं बस उनके साथ खड़ा रहा और उन्हें भरोसा दिया। मैं उन्हें लेकर बहुत चिंतित था और उन्हें अकेला महसूस नहीं होने देना चाहता था। इसलिए तो दोस्त होते हैं ना? जैसा कि किताब में लिखा है कि मैंने उसे शादी के लिए प्रपोज़ किया, तब बहुत मिक्स फीलिंग थी। वो मज़ाक भी था, फिर्क भी थी, सम्मान भी था और उनका समर्थन भी। मैंने अपनी बेस्ट फ्रेंड को उस वक्त सपोर्ट किया जब उसे जरूरत थी। मैंने उससे कहा, ‘मैं हूं ना तू चिंता क्यों करती है? ये सुनकर वो मुड़ी और मुझे देखकर उसकी आंखों में आंसू आ गए। उस दिन से हमारी दोस्ती और मजबूत हो गई। मुझे उस पर गर्व है कि वो एक अभिनेत्री के तौर पर बहुत अच्छा काम कर रही है और उसने बहुत अच्छे आदमी से शादी की है’।