Rahat Indori Death: दिग्गज शायर को कपिल शर्मा ने किया याद, दो बार बने थे शो के मेहमान
Rahat Indori Death राहत इंदौरी ने कपिल शर्मा शो में पिछले साल जुलाई के महीने में शिरकत की थी। उससे पहले वो 2017 में भी शो के मेहमान बने थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। मंगलवार को देश के लोकप्रिय और पसंदीदा शायर डॉ. राहत इंदौरी का दिल का दौरा पड़ने से इंतकाल हो गया। 70 बरस के राहत कोविड-19 संक्रमित होने के बाद इंदौर के ही एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका इलाज चल रहा था। मगर, दुखद यह है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए कि राहत साहब ने अलविदा कह दिया। उनके जाने से साहित्य और मनोरंजन जगत में एक खालीपन-सा महसूस किया जा रहा है। उनकी बुलंद आवाज़ और शायरी के दीवाने उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
राहत साहब का मनोरंजन जगत से भी नाता रहा है। उन्होंने कई फ़िल्मों के लिए यादगाक नगमे लिखे तो 90 के दौर में एक फ़िल्म में छोटा-सा रोल भी निभाया था। बहरहाल, राहत साहब कपिल शर्मा ने याद किया है, जिनके शो द कपिल शर्मा शो की राहत इंंदौरी ने दो बार रौनक बढ़ाई थी। कपिल ने दिग्गज शायर को याद करते हुए उन्हीं का एक चर्चित शेर नज़र किया है-
''अफ़वाह थी कि मेरी तबीयत ख़राब है
लोगों ने पूछ-पूछकर बीमार कर दिया
दो गज ही सही, मेरी मलकियत तो है
ऐ मौत, तूने मुझे ज़मींदार कर दिया।''
अफ़वाह थी कि मेरी तबीयत ख़राब है लोगों ने पूछ पूछ के बीमार कर दिया दो गज ही सही, मेरी मलकियत तो है ए मौत, तूने मुझे ज़मींदार कर दिया। #RIPRahatIndoriSahab 😇🙏 pic.twitter.com/L0yyYaqRUq
— Kapil Sharma (@KapilSharmaK9) August 11, 2020
राहत इंदौरी ने कपिल शर्मा शो में पिछले साल जुलाई के महीने में शिरकत की थी। उससे पहले वो 2017 में भी शो के मेहमान बने थे। शो में राहत ने अपनी शायरी से ऐसा समां बांधा था कि वहां मौजूद हर शख़्स उनकी आवाज़ में डूबा रहा। राहत इंदौरा क़रीब फ़िल्म के चोरी चोरी जब नज़रें मिलीं और मुन्नाभाई एमबीबीएस के एम बोले तो जैसे गानों के लिए जाने जाते हैं। राहत साहब उर्दू के शायर होने के साथ प्रोफेसर और पेंटर भी थे।
राहत को बॉलीवुड में तमाम लोगों ने श्रद्धांजलि दी है। वरुण ग्रोवर, जावेद अख़्तर, मनोज मुंतशिर, विशाल ददलानी समेत कई सेलेब्स ने उन्हें याद किया।
यह भी देखें: RIP Rahat Indori: देखें राहत इन्दोरी के दिल छू लेने वाले फेमस शेर राहत साब स्टेडियम भर देते और हज़ारों की भीड़ में हर इंसान से सीधे रिश्ता बाँधते। शब्द उनके होते लेकिन वो सबकी आवाज़ थे। हिंदुस्तान की आवाज़। आज लंबी चुप्पी है। pic.twitter.com/FQV5wFDUAL— वरुण 🇮🇳 (@varungrover) August 11, 2020 Rahat Saheb’s demise is an irreparable loss for contemporary urdu poetry and our society at large . Like Habib Jalib he was from the fast disappearing tribe of poets who are never short of courage to call a spade a spade .— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) August 11, 2020 ‘जनाज़े पर मेरे लिख देना यारों... मोहब्बत करने वाला जा रहा है’. अलविदा @rahatindori— Manoj Muntashir (@manojmuntashir) August 11, 2020 How does one state the depth of the loss of someone like Dr. @rahatindori saab? His words were like flames of revolution contained in the muslin of language. He will not just be remembered, he will be commemorated. 🙏🏽— VISHAL DADLANI (@VishalDadlani) August 11, 2020 Inna Lillahi wa inna ilayhi raji'un#RahatIndori 💔@KOMMUNEity pic.twitter.com/kgkKufSQm6— Kubbra Sait (@KubbraSait) August 11, 2020