Pal Pal Dil Ke Paas Movie Review: पहाड़ों की रोमांचक यात्रा के बीच पनपती लव स्टोरी, मिले इतने स्टार
Pal Pal Dil Ke Paas Movie Review सनी देओल के बेटे करण देओल ने इस फ़िल्म से डेब्यू किया है जिसको लेकर काफ़ी उत्सुकता थी। रिव्यू में जानिए पहली फ़िल्म में कैसी रही करण की एक्टिंग?
पराग छापेकर, मुंबई। काफी समय से फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म की बात चल रही थी। इस पर कई वाद-विवाद भी हुए, मगर भारतीय दर्शक कहीं ना कहीं सितारे और उनसे उनके बच्चों से जुड़ाव महसूस करते रहे हैं। तभी हम देखते हैं कि जब भी कोई स्टार किड लांच होता है, अमूमन सफल हो जाता है। 1983 में जब बेताब से सनी देओल लांच हुए थे, तब उनके बारे में यह उत्सुकता थी, धर्मेंद्र का बेटा यानी जूनियर धर्मेंद्र दर्शकों के बीच आ रहा है और वह फिल्म सुपर-डुपर हिट रही।
इस दौरान सनी देओल ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। अब ढाई किलो के हाथ वाले सनी देओल का बेटा करण देओल दर्शकों के सामने आ रहा है, जिसका इंतजार देओल प्रेमी बेसब्री से कर रहे थे। यह कहानी है करण सहगल (करण देओल) की, जो हिमाचल में पर्वतारोहण का कैंप चलाता है। जिसके माता-पिता बर्फ के तूफान की चपेट में आकर दुनिया छोड़ चुके हैं। बचपन से करण इन पहाड़ों में पला-बढ़ा है और उसे पहाड़ों से बहुत प्यार है। दूसरी तरफ दिल्ली की वीडियो ब्लॉगर सेहर सेठी (सहर बाम्बा) है जो नक-चढ़ी और काफी लाड़-प्यार में पली-बढ़ी लड़की है। उसे मजबूरन करण सेठी के कैंप में आना पड़ता है।
उसका पूरा फोकस इस बात पर होता है कि वह साबित कर दे करण सेठी का कैम्प सिर्फ पैसे लूटने के का ज़रिया है और वहां आने का कोई फायदा नहीं। ऐसे में यह दोनों पर्वतारोहण के लिए निकल पड़ते हैं और जाहिर तौर पर इन दोनों के बीच प्यार हो जाता है। आगे क्या होता है, इसी पर आधारित है फिल्म पल पल दिल के पास। सनी देओल ने अपने बेटे को लॉन्च करने के लिए निर्देशकीय कमान खुद संभाली है!
एक निर्देशक के तौर पर सनी ने एक अलग दुनिया बनाने में निश्चित तौर पर कामयाबी पाई है। दर्शक पहाड़ों की खूबसूरती में खो जाते हैं। निर्देशक की मेहनत साफ नजर आती है। सब कुछ अच्छा है, मगर जिस उद्देश्य फिल्म बनाई गई थी, उस पर थोड़ी मेहनत कम की गई है। सहर बाम्बा के रूप में बॉलीवुड को निश्चित तौर पर एक नई अभिनेत्री मिली है, जिसमें ढेर सारी संभावनाएं मौजूद हैं।
उन्हें पर्दे पर देखकर कोई नहीं कह सकता, यह उनकी डेब्यू फिल्म है। वहीं दूसरी ओर करण देओल को एक अभिनेता के तौर पर काफी मेहनत की ज़रूरत है। फिल्म का संगीत काफी अच्छा है। सिनेमैटोग्राफी बेहतरीन है। एडिटिंग पर थोड़ा और काम किया जाता तो अच्छा होता। कुल मिलाकर अगर आप देओल परिवार के फैन हैं और अगर आप उम्मीद लेकर ना जाएं तो पल पल दिल के पास में पहाड़ों की रोमांचक यात्रा और इन बर्फीले पहाड़ों के बीच पनपती लव स्टोरी शायद लुभा सकती है।
कलाकार- करण देओल, सहर बाम्बा, सिमोन सिंह, सचिन खेड़ेकर आदि।
निर्देशक- सनी देओल
निर्माता- ज़ी स्टूडियोज़, सनी साउंड प्राइवेट लिमिटेड।
स्टार- 2.5 (ढाई स्टार)