Movie Review: Why Cheat India में चीटिंग माफिया का पर्दाफाश, मिले इतने स्टार्स

फिल्म वाय चीट इंडिया में चीटिंग माफिया का पर्दाफाश किया गया है कि वह किस प्रकार दीमक की तरह एजुकेशन सिस्टम को खराब करता है।

By Rahul soniEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 09:44 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 02:32 PM (IST)
Movie Review: Why Cheat India में चीटिंग माफिया का पर्दाफाश, मिले इतने स्टार्स
Movie Review: Why Cheat India में चीटिंग माफिया का पर्दाफाश, मिले इतने स्टार्स

- पराग छापेकर

- स्टार कास्ट: इमरान हाशमी , श्रेया धनवंतरी

- निर्देशक: सौमिक सेन

- निर्माता: भूषण कुमार, अतुल कसबेकर 

भारतीय एजुकेशन सिस्टम को लेकर कई फिल्में बनी हैं। फिल्म 'वाय चीट इंडिया' भी इस लिस्ट में शामिल हो गई है लेकिन यहां पर बात हो रही है एजुकेशन सिस्टम में बड़ी गड़बड़ी चीटिंग की। इमरान हाशमी स्टारर इस फिल्म में भारतीय एजुकेशन सिस्टम से जुड़ी परेशानियों और परीक्षा के दौरान होने वाले वाली चीटिंग को दर्शाया गया है जिसे चीटिंग माफिया अंजाम देते हैं। फिल्म अच्छी है पर इसका विषय कही न कही ड्राय सा लगता है जिससे हर व्यक्ति को इससे जोड़ पाना आसान नजर नहीं आता। 

फिल्म वाय चीट इंडिया में चीटिंग माफिया का पर्दाफाश किया गया है कि वह किस प्रकार दीमक की तरह एजुकेशन सिस्टम को खराब करता है। कहानी राकेश सिंह उर्फ रॉकी की है जो पारिवारिक समस्या और मजबूरियों के कारण चीटिंग माफिया बन जाता है। वह गलत राह पर निकल पड़ता है और इसे वह खुदके साथ दूसरों के लिए भी सही मानने लगता है। वह एजुकेशन सिस्टम की खामियों का फायदा उठाता है। गरीब मेधावी छात्रों की बुद्धि और योग्यता का इस्तेमाल करके वह अमीर बच्चों को एक्जाम में पास करवाता है और फिर उनके माता-पिता से पैसे बसूलता है।

अगर किरदार की बात करें तो इमरान हाशमी का फिल्म में नेगेटिव ग्रे कैरेक्टर है जिसके लिए वह जाने जाते हैं।लेकिन फिल्म में नेगेटिव ग्रे कैरेक्टर क्रिमिनल लेवल पर ज्यादा ग्रे नजर आता है। और इस कारण से दर्शकों की सहानुभूती हासिल करने में कमजोर लगता है। इस किरदार से कनेक्ट भी बीच-बीच में कई बार टूट जाता है। 

परफॉर्मेंस की बात करें तो इमरान हाशमी ने हमेशा की तरह बेहतरीन परफॉर्म किया है। इमरान ने दूसरी बार कॉनमैन (चीट करने वाला व्यक्ति) की भूमिका अदा की है। इससे पहले वे फिल्म राजा नटरवरलाल में इस प्रकार का किरदार निभाते नजर आए थे। फिल्म में श्रेया धनवंतरी ने भी अच्छा परफॉर्म किया है जिनकी यह पहली फिल्म है। 

निर्देशक सौमिक सेन ने फिल्म के विषय एजुकेशन सिस्टम को चीटिंग माफिया से होने वाले नुकसान को दर्शकों के सामने सफल तरीके से रखा है। फिल्म अच्छी है लेकिन दर्शकों के साथ बीच-बीच में कनेक्ट जरूर टूट जाता है लेकिन इमरान हाशमी का अभिनय इसे संभाल लेता है। फिल्म में शानदार डॉयलॉग्स भी है जो दर्शकों को पसंद आएंगे। फिल्म में आठ गाने हैं जिन्हें गुरु रंधावा, सौमिक सेन, अरमान मलिक और तुलसी कुमार ने आवाज दी है। कुल मिलाकर यह एक अच्छी फिल्म है जो एजुकेशन सिस्टम में चीटिंग माफिया की पोल खोलती है।  

जागरण डॉट कॉम रेटिंग: पांच (5) में से तीन (3) स्टार

अवधि: 2 घंटा 08 मिनट

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