Antim The Final Truth Review: सिनेमा हॉल जाने से पहले यहां पढ़ें, कैसी है सलमान खान-आयुष की ये फिल्म

Antim The Final Truth Review फिल्‍म के फर्स्‍ट हॉफ में टिवस्‍ट एंड टर्न हैं जो कहानी को धार देते हैं। हालांकि सेकेंड हाफ में कहानी खिंची हुई लगती है। भू माफिया के किरदार में जीशू सेन गुप्‍ता और निकितन धीर का किरदार समुचित तरीके से गढ़ा नहीं गया है।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 11:20 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 12:10 PM (IST)
Antim The Final Truth Review: सिनेमा हॉल जाने से पहले यहां पढ़ें, कैसी है सलमान खान-आयुष की ये फिल्म
Antim The Final Truth poster Social media

मुंबई ब्यूरो, स्मिता श्रीवास्तव। फिल्‍म अंतिम : द फाइनल ट्रूथ साल 2018 में रिलीज मराठी फिल्‍म मुलशी पैटर्न की हिंदी रीमेक है। फिल्‍म की कहानी गांव के बेरोजगार युवा राहुल के ईदगिर्द है। महाराष्‍ट्र केसरी से सम्‍मानित किए जा चुके उसके किसान पिता (सचिन खेड़ेकर) अपनी जमीन को बेच देते हैं। उसी जमीन की रखवाली की नौकरी से बेदखल किए जाने के बाद वह अपने परिवार के साथ पुणे आ जाते हैं। हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद राहुल पुणे का दबंग भू माफिया बन जाता है। उसके कारनामों की वजह से परिवार उससे अलग रहता है। यहां तक कि उसकी प्रेमिका मंदा (महिमा मकवाना) भी उससे नाता तोड़ लेती है। उधर, ईमानदार पुलिस आफिसर राजवीर सिंह (सलमान खान) भू माफियाओं के सफाए के लिए राहुल और उसके प्रतिद्वंद्वियों को ही आपस में भिड़ा देता है।

ये है फिल्म की पूरी कहानी

निर्देशक महेश मांजरेकर ने अभिजीत देशपांडे, सिद्धार्थ सल्‍वी के साथ मिलकर अंतिम : द फाइनल ट्रूथ का स्क्रिन प्‍ले लिखा है। इसके जरिए उन्‍होंने भू माफियाओं के प्रभुत्‍व उनकी कार्यशैली, किसानों के संघर्ष, भ्रष्‍ट राजनेता और बहुराष्‍ट्रीय कंपनियां किस प्रकार से किसानों की जमीन हड़पती है जैसे पहलुओं को दिखाया गया है। अन्‍याय के खिलाफ लड़ते हुए नायक का अपराध जगत में कदम रखना और गैंगस्‍टर बनना पहले भी कई फिल्‍मों में दर्शाया जा चुका है। यह फिल्‍म किसानों के साथ होने वाले अन्‍याय से शुरू होती है बाद में पुलिस और भू माफिया के खात्‍मे पर समाप्‍त होती है।

और बेहतर हो सकता था सेकेंड हाफ 

फिल्म में किसानों की दुर्दशा, उनके साथ होने वाला अन्‍याय का मुद्दा कहीं दबकर रह जाता है। फिल्‍म के फर्स्‍ट हॉफ में टिवस्‍ट एंड टर्न हैं जो कहानी को धार देते हैं। हालांकि सेकेंड हाफ में कहानी खिंची हुई लगती है। भू माफिया के किरदार में जीशू सेन गुप्‍ता और निकितन धीर का किरदार समुचित तरीके से गढ़ा नहीं गया है। राहुल के साथ उनकी टक्‍कर कमजोर लगती हैं। चूंकि कहानी महाराष्‍ट्र की पृष्‍ठभूमि में है। ऐसे में सचिन खेड़ेकर, उपेंद्र लिमाये जैसे मंझे मराठी कलाकारों को कास्‍ट करने से भाषा, परिवेश और संस्‍कृति को दर्शाना महेश के लिए आसान हो गया है।

सलमान ने आयुष के लिए बनाई फिल्म 

कहानी के केंद्र में सलमान खान के बहनोई आयुष शर्मा हैं। आयुष सलमान की छोटी बहन अर्पिता के पति हैं। फिल्‍म लव यात्री से अपने फिल्‍मी करियर का आगाज करने वाले आयुष ने गैंगस्‍टर बनने के लिए शारीरिक कायांतरण पर काफी काम किया है। उन्‍हें एक्‍शन करने के भी काफी मौके मिले हैं। उनके अभिनय में काफी निखार दिखा है। हालांकि उनके हिस्‍से में दमदार संवादों की कमी साफ नजर आती है। फिल्‍म में सलमान और आयुष के बीच फाइट सीन भी है। हालांकि वह अनावश्‍यक लगता है। सलमान खान इससे पहले दबंग, वांटेड, गर्व में पुलिस अधिकारी के किरदार में नजर आए हैं।

महिमा मकवाना की है डेब्यू फिल्म

पुलिस अधिकारी के तौर पर स्‍क्रीन पर अपनी निडरता, दमखम दिखाने के लिए शर्ट उतारना, गुंडों की पिटाई और उन्‍हें सरेआम खींच ले जाना जैसे दृश्‍यों को चित्रित करना उनके लिए आसान है। यहां पर उन्‍हें कई दमदार पंचलाइन मिली हैं। महिमा मकवाना की यह पहली हिंदी फिल्‍म है। उनके हिस्‍से में चंद अच्‍छे दृश्‍य आए हैं। हालांकि आयुष के साथ उनकी केमिस्‍ट्री पूरी तरह निखर कर सामने नहीं आई है। निर्देशन के साथ महेश ने इसमें अभिनय भी किया है। वह मंदा के शराबी पिता की भूमिका में हैं। उसमें वह जंचे भी हैं। फिल्‍म का गाना भाई का बर्थडे थिरकाने वाला है।

प्रमुख कलाकार : सलमान खान, आयुष शर्मा, महिमा मकवाना, सचिन खेड़ेकर, महेश लिमाये, निकितन धीर, जीशूसेन गुप्‍ता

निर्देशक : महेश मांजरेकर

अवधि : दो घंटे 22 मिनट

स्‍टार : ढाई

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