Indias Most wanted Box Office Collection: पहले दिन रहा स्ट्रगल, इतने करोड़ की हुई कमाई

Indias Most wanted Box Office Collection फिल्म को देश में 1500 से अधिक स्क्रीन्स में रिलीज़ किया गया है l प्रचार के खर्च सहित करीब 30 करोड़ रूपये में फिल्म बनी है।

By Rahul soniEdited By: Publish:Sat, 25 May 2019 11:32 AM (IST) Updated:Sat, 25 May 2019 05:42 PM (IST)
Indias Most wanted Box Office Collection: पहले दिन रहा स्ट्रगल, इतने करोड़ की हुई कमाई
Indias Most wanted Box Office Collection: पहले दिन रहा स्ट्रगल, इतने करोड़ की हुई कमाई

नई दिल्ली, जेएनएन। India’s Most wanted Box Office Collection फिल्म इंडियाज़ मोस्ट वांटेड 24 मई को सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। फिल्म का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी बायोपिक फिल्म PM Narendra Modi से क्लैश हुआ है। फिल्म इंडियाज़ मोस्ट वांटेड की ओपनिंग धीमी ही रही है। 

फिल्म India’s Most wanted की कमाई के पहले दिन के आंकड़े सामने आ चुके हैं। फिल्म ने 2.10 करोड़ से ओपनिंग ली है। इस आंकड़े की बात करें तो यह ओपनिंग के लिहाज से बहुत कम है। लेकिन बताया जा रहा है कि, शुक्रवार को रिलीज के बाद शनिवार और रविवार मतलब बीकेंड में फिल्म की कमाई का ग्राफ बढ़ सकता है। चूंकि, फिल्म का क्लैश पीएम नरेंद्र मोदी से हुआ है तो फिल्म India’s Most wanted को थोड़ा नुकसान इसकी वजह से भी होगा ही। अब देखना यह होगा कि फिल्म दूसरे और तीसरे दिन कितनी कमाई कर पाती है।

फिल्म के बारे में जानकारी दें तो इस फिल्म में अर्जुन कपूर लीड रोल में हैं और कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। बिना एक भी गोली चलाये एक आतंकी (भारत का ओसामा) को पकड़ने की इस कहानी में अर्जुन कपूर के साथ चार और लोग साथ देते हैं l अर्जुन कपूर ने प्रभात कपूर का रोल निभाया है, जो एक जासूस हैंl उनके अलावा राजेश शर्मा (राजेश सिंह), प्रशांत अलेक्जेंडर ( पिल्लई), गौरव मिश्रा (अमित ) और आसिफ़ खान (बिट्टू ) की अहम् भूमिका है l

येह फिल्म रवीन्द्र कौशिक नाम के एक जासूस के सच्ची कहानी है। कौशिक रंगकर्मी रहे। लखनऊ में इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने उन्हें नाटक का मंचन करते देखा था। उन्हें दिल्ली में दो साल की ट्रेनिंग दी गई और बाद में रॉ ने उन्हें 23 साल की उम्र में पाकिस्तान भेजा, नबी अहमद शाकिर बना कर। कौशिक ने वहां की एक लड़की से शादी कर ली और पहले पाकिस्तानी आर्मी में क्लर्क बना और फिर मेजर। साल 1972 से 1983 तक कौशिक ने भारतीय ख़ुफ़िया अधिकारियों को कई बड़ी जानकारियां दीं। बाद में पाकिस्तानी सेना ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। कौशिक का 47 साल की उम्र में पाकिस्तान की जेल में निधन हो गया था। उन्होंने बिना एक भी गोली चलाये कुख्यात आतंकी को पकड़वाया था। 

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