Women Characters In Bollywood Films: मदर इंडिया से चांदनी बार तक... फ़िल्मों में ऐसे हुआ महिला किरदारों का सशक्तिकरण
Women Characters In Bollywood Films भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की भूमिका में बहुत सशक्तिकरण हुआ हैl वह अबला से सबला तक का सफर तय कर चुकी हैl वह एक डेकोरेटिव ऑब्जेक्ट या विक्टिम से लेकर एक मजबूत महिला के तौर पर उभर कर सामने आई हैl
रुपेशकुमार गुप्ता, नई दिल्ली। देश में बदलती परिस्थितियों को भारतीय सिनेमा पर्दे के माध्यम से लोगों के सामने लाते रहा है। समय के साथ फिल्मों में महिलाओं की भूमिकाओं में भी अच्छा खासा बदलाव देखा गया है। डोकोरेटिव ऑब्जेक्ट या विक्टिम से लेकर, भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की भूमिका में बहुत सशक्तिकरण हुआ है। उन्होंने अबला से सबला तक का सफर तय किया है। अपने अधिकारों से लेकर उनके खिलाफ हो रहे अत्याचार और आत्म सम्मान की लड़ाई के लिए वह खड़ी हुई हैं। हिंदी फिल्मों ने भी दशकों से बदलते समय और कल्चर को ध्यान में रखते हुए आज की महिला को दर्शाया है। मीना कुमारी से लेकर विद्या बालन तक, मदर इंडिया से लेकर पिंक तक, भारतीय फिल्मों में महिलाओं ने अग्रणी भूमिका निभाई है। हम आपके लिए ऐसी 10 फिल्में लेकर आए हैं, जिनमें फिल्मों की अभिनेत्रियां पर्दे की असली हीरो रही हैं:
1) मदर इंडिया (1957)
1957 में रिलीज़ हुई 'मदर इंडिया' का नाम भारतीय फिल्मों के इतिहास में सबसे ऊंचा है। इस फिल्म में नरगिस दत्त ने शानदार काम किया था। नरगिस ने इस फिल्म में राधा की भूमिका निभाई थी, जो एक गरीब महिला है और अपने दो बच्चों को बड़ा करने के लिए विपरीत परिस्थितियों से जूझती है। गांव वाले उनकी पूजा करते हैं। वह अपने मूल्यों के प्रति सदा समर्पित रहती है और न्याय के लिए अपने बेटे को मारने से भी नहीं चूकती।
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2) मिर्च मसाला (1987)
मिर्च मसाला का निर्देशन केतन मेहता ने किया है। यह फिल्म गांव की एक औरत के बारे में है। इसमें सोन बाई की भूमिका स्मिता पाटिल ने निभाई है। वह नसीरुद्दीन शाह द्वारा निभाए गए सूबेदार की भूमिका को 'ना' कहने का साहस दिखाती हैं, ताकि वह अपने आपको उसकी बुरी नजर से बचा सके। फिल्म में दीप्ति नवल की भी अहम भूमिका है, जो अपनी बच्ची की पढ़ाई के लिए गांव के मुखिया का भी विरोध कर देती है। इसमें महिला सशक्तिकरण को अच्छे से दर्शाया गया हैl
3) अस्तित्व (2000)
फिल्म अस्तित्व का निर्देशन महेश मांजरेकर ने किया था। यह समाज की पुरुष प्रधान मानसिकता को उजागर करती है। इसमें एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और डोमेस्टिक वायलेंस के बारे में बात की गई है। इस फिल्म में तब्बू ने अहम भूमिका निभाई थी, जो अपनी पति के बर्ताव से तंग आकर उसे छोड़ देती है, क्योंकि वह उसे प्रताड़ित करता रहता है। वहीं नम्रता शिरोड़कर भी अपने बॉयफ्रेंड को ऐसा करने के लिए छोड़ देती है।
4) बैंडिट क्वीन (1994)
यह फिल्म एक भारतीय डकैत फूलन देवी की कहानी है। फूलन देवी की भूमिका सीमा विश्वास ने निभाई थी, जिन्हें 1983 में जेल भेज दिया गया था। यह फिल्म एक ऐसी महिला के जीवन पर आधारित है, जो समाज के दुश्मनों से पीड़ित होती है। इसके बाद वह उनसे बदला लेने के लिए एक सशक्त महिला के तौर पर उभर कर आती है। इस फिल्म का निर्देशन शेखर कपूर ने किया था।
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5) नो वन किल्ड जेसिका (2011)
यह फिल्म जेसिका लाल हत्याकांड पर आधारित थी। इसमें जेसिका की बड़ी बहन सबरीना लाल की कहानी दिखायी गई है। इस भूमिका को विद्या बालन ने निभाया है। सबरीना एक अमीर और प्रभावशाली व्यक्ति से जंग लड़ती है, जो उनकी बहन की गोली मारकर हत्या कर देता है। इस फिल्म में रानी मुखर्जी की भी अहम भूमिका है। वह एक जर्नलिस्ट की भूमिका निभाती हैं, जो विद्या बालन की बुरे समय में सहायता करती है। इस फिल्म का निर्देशन राजकुमार गुप्ता ने किया था।
6) कहानी (2012)
कहानी एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है। इस फिल्म में विद्या बालन ने मुखय भूमिका निभाई है। वह अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए पूरे सिस्टम से लड़ जाती है। वह एक चालाक महिला के तौर पर उभर कर सामने आती है और किस प्रकार एक आतंकवादी को मार गिराती है, वह देखने लायक है।
7) इंग्लिश विंग्लिश (2012)
फिल्म इंग्लिश विंग्लिश में शशि गोडबोले की भूमिका श्रीदेवी ने निभाई थी। इसमें वह आम गृहिणी की भूमिका निभाती हैं। इसमें दर्शाया गया है कि किस प्रकार अच्छी हाउस वाइफ, पत्नी, मां होने के बाद भी उनके बच्चे और पति अच्छी इंग्लिश नहीं बोल पाने के चलते नीचा दिखाते हैं। शशि गोडबोले अमेरिका में अपनी भतीजी के शादी से पहले इंग्लिश सीखने का मन बनाती है और वह उसमें पारंगत हो जाती है। इस फिल्म का निर्देशन गौरी शिंदे ने किया था।
8) क्वीन (2014)
क्वीन में कंगना रनोट ने रानी नाम की लड़की की भूमिका निभाई है। वह तब टूट जाती है, जब शादी से 1 दिन पहले उसका होने वाला पति छोड़ देता है। एक लड़की के सपने टूट जाते हैं, लेकिन वह अपने हनीमून पर अकेले जाने का निर्णय लेती है। इस दौरान उसके कई दोस्त बनते हैं और दुनिया घूमने के दौरान उसका व्यक्तित्व बदल जाता हैl A post shared by Kangana Ranaut (@kanganaranaut) on Oct 1, 2020 at 11:58pm PDT
9) मर्दानी (2014)
फिल्म मर्दानी में शिवानी नाम की महिला पुलिस अधिकारी की भूमिका रानी मुखर्जी ने निभाई है, जो चाइल्ड ट्रैफिकिंग और ड्रग्स से जुड़े मामले की तह तक जाकर इसे सुलझा देती है। इस फिल्म में दर्शाया गया है कि किस प्रकार एक महिला ट्रैफिकिंग के खिलाफ जंग छेड़ती हैl
10) चांदनी बार (2001)
चांदनी बार में तब्बू ने अहम भूमिका निभाई है। इस फिल्म में यह दर्शाया गया है कि अंडरवर्ल्ड, वेश्यावृत्ति, डांस बार और अपराध में कैसे महिलाओं का शोषण होता है। इस फिल्म में तब्बू ने मुमताज की भूमिका निभाई है, जो अपने बच्चों को एक अच्छा भविष्य देना चाहती हैं, लेकिन परिस्थितियां उनके विपरीत होती हैं। इस फिल्म का निर्देशन मधुर भंडारकर ने किया है।