Meenakshi Sundareshwar: सान्या मल्हेत्रा क्यों कर रही हैं शादी के इर्द-गिर्द घूमने वाली फिल्मेें? जानें वजह

नेटफ्लिक्स पर रिलीज ‘मीनाक्षी सुंदरेश्वर’ सान्या मल्होत्रा की डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई लगातार चौथी फिल्म है। कोरोना काल में भी लगातार फिल्मों की रिलीज से बेहद खुश और संतुष्ट सान्या इस मौके को बेहद खास मानती हैं ।

By Nazneen AhmedEdited By: Publish:Mon, 08 Nov 2021 02:13 PM (IST) Updated:Mon, 08 Nov 2021 02:13 PM (IST)
Meenakshi Sundareshwar: सान्या मल्हेत्रा क्यों कर रही हैं शादी के इर्द-गिर्द घूमने वाली फिल्मेें? जानें वजह
Photo credit - Sanya Malhotra Insta Account

प्रियंका सिंह, मुंबई। नेटफ्लिक्स पर रिलीज ‘मीनाक्षी सुंदरेश्वर’ सान्या मल्होत्रा की डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई लगातार चौथी फिल्म है। कोरोना काल में भी लगातार फिल्मों की रिलीज से बेहद खुश और संतुष्ट सान्या इस मौके को बेहद खास मानती हैं । उनसे बातचीत के अंश...

सवाल : पिछले डेढ़ साल में आपकी तीन फिल्में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुईं। कहा जा सकता है कि प्रोफेशनली आपके लिए वक्त अच्छा गुजरा है...

जवाब : हां, कह सकते हैं। पिछले साल ‘शकुंतला देवी’, ‘लूडो’ और इस साल ‘पगलैट’ रिलीज हुई। दर्शकों का खूब प्यार मिला। कोविड के दौरान लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे थे, लेकिन एक एक्टर और परफॉर्मर होने के नाते मुझे मौका मिला कि मैं लोगों के घर पहुंच सकूं, अपनी फिल्मों से उनका मनोरजंन कर सकूं। डिजिटल प्लेटफॉर्म को लोगों ने खूब पसंद किया और मेरी तीनों फिल्में भी उसी पर रिलीज हुईं और पसंद की गईं।

सवाल: आपकी इन फिल्मों की कहानी शादी के आस-पास घूम रही है। कोई खास वजह?

जवाब : मुझे लग रहा है यूनिवर्स मुझसे कुछ कहने की कोशिश में है। ये फिल्में मेरी लाइफ में संतुलन ला रही हैं, क्योंकि रियल लाइफ में शादी को लेकर कुछ हो नहीं रहा है। शादी के दौरान और शादी के बाद के सारे अनुभव मैं फिल्मों में ले रही हूं। ईश्वर कह रहे हैं कि तुम इन्हीं फिल्मों में शादी करके खुश हो जाओ। अब रियल लाइफ में शादी करने की विश मत मांगना। मीनाक्षी का किरदार इस फिल्म में मेरे लिए बहुत अहम है। अरेंज मैरिज वाला एहसास मैंने इस फिल्म में कर लिया। पता नहीं रियल लाइफ में अरेंज मैरिज का मौका मिले न मिले। मुझे नहीं लगता है कि ऐसा कभी होगा कि कोई लड़का मुझे देखने आएगा और मेरा परिवार मुझसे कहेगा कि जाओ, लड़के को अपना रूम दिखा दो।

सवाल : अरेंज मैरिज के इस कांसेप्ट में कितना यकीन रखती हैं?

जवाब : मुझे लगता है कि आप अपने पार्टनर से कभी भी, कहीं भी मिल सकते हैं, फिर वह सेटअप कोई भी हो सकता है, आपका परिवार मिला सकता है या हो सकता है कि किसी डेटिंग ऐप पर वह मिल जाए। अभी तक तो ऐसा अनुभव हुआ नहीं, लेकिन मैं अनुभव जरूर करना चाहूंगी।

सवाल : क्या आपको डेटिंग ऐप में यकीन है? कभी ऐसे किसी ऐप पर आईडी बनाई है?

जवाब : नहीं, मुझे कभी मौका नहीं मिला किसी डेटिंग ऐप पर जाने का। मैं शायद कभी किसी डेटिंग ऐप पर नहीं जाऊंगी, क्योंकि मुझे उनमें कोई दिलचस्पी ही नहीं है। मुझे कई बार यह भी लगता है कि अगर मैं कभी डेटिंग ऐप पर जाने की कोशिश भी करूं तो लोग विश्वास ही नहीं करेंगे कि यह वाकई मैं ही हूं।

सवाल : फिल्म में आप रजनीकांत की फैन बनी हैं। उनकी स्टाइल में चश्मे को पहनना और आसानी से तमिल में डायलॉग्स बोल जाना, इसके लिए कितने रीटेक लगे थे?

जवाब : टेक तो लिए थे। मुझे डायलॉग्स याद करने में वक्त भी लगा था, क्योंकि जाहिर है कि वह मेरी भाषा नहीं है। हां, अब अगर कोई कहेगा, तो मैं आसानी से कर जाऊंगी। चश्मे वाला सीन तो मैंने उनकी फिल्म में कई बार देखा है। हर रजनीकांत फैन को उनके चश्मा पहनने के अंदाज के बारे में पता ही है।

सवाल : जल्द ही इंडस्ट्री में आपको पांच साल हो जाएंगे। अब आप लगातार लीड किरदार में नजर आ रही हैं। अपने कंधों पर फिल्म का भार उठाना अब आसान हो गया?

जवाब : मेरे लिए लीड किरदार से ज्यादा कंटेंट या फिल्म का विषय अच्छा होना बहुत जरूरी है। वैसे अच्छा का मतलब भी सब्जेक्टिव हो सकता है। हम जब किसी फिल्म को चुनते हैं, तो इसी समझ के साथ चुनते हैं कि उसकी स्क्रिप्ट और कंटेंट अच्छा है।

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