कोविड महामारी के बाद सिनमाघरों को मंदी से निकाल पाएंगी ये बिग बजट फिल्में? मालिकों के सामने अब नई चुनौतियां

Upcoming Movies in 2021 कोरोना की दूसरी लहर के मंद पड़ने और वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज होने की वजह से जिंदगी पटरी पर लौट रही है। ऐसे में अनलॉक की प्रक्रिया में बंद पड़े सिनेमाघरों के गुलजार होने की उम्मीदें हैं।

By Nazneen AhmedEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 01:47 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 01:53 PM (IST)
कोविड महामारी के बाद सिनमाघरों को मंदी से निकाल पाएंगी ये बिग बजट फिल्में? मालिकों के सामने अब नई चुनौतियां
Photo credit - Chehre/83/sooryavanshi/gangubai kathiyawadi Movie Poster

प्रियंका सिंह, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर के मंद पड़ने और वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज होने की वजह से जिंदगी पटरी पर लौट रही है। ऐसे में अनलॉक की प्रक्रिया में बंद पड़े सिनेमाघरों के गुलजार होने की उम्मीदें हैं। अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'बेल बॉटम’ को 27 जुलाई को रिलीज करने की घोषणा से निर्माता, सिनेमाघर मालिकों और दर्शकों में उत्साह नजर आ रहा है। हालांकि ये सवाल भी हैं कि बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों का ट्रैफिक कैसे मैनेज किया जाएगा, डिजिटल की ओर निर्माताओं का कितना झुकाव रहेगा, प्रमोशन के तरीके कितने बदलेंगे, भारतीय सिनेमा के साथ हॉलीवुड की फिल्मों को कैसे जगह मिल पाएगी? इन पहलुओं की पड़ताल कर रही हैं प्रियंका सिंह।

पिछले साल मार्च में 'सूर्यवंशी’ की रिलीज का प्रमोशन शुरू ही हुआ था कि कोरोना की वजह से लॉकडाउन हो गया। सिनेमाघरों को बंद करना पड़ा। नवंबर में सिनेमाघर खुले तो 'सूरज पे मंगल भारी’, 'शकीला’, 'मैडम चीफ मिनिस्टर’, 'राम प्रसाद की तेहरवीं’, 'रूही’ सहित कई फिल्में रिलीज हुईं। सिनेमाघर पूरी तरह गुलजार होते उससे पहले कोरोना की दूसरी लहर आ गई। अब जिंदगी पटरी पर लौटती दिख रही है तो सिनेमाघरों को खोलने की भी तैयारियां हो रही हैं।

उम्मीदें हैं बड़ी:

बड़े सितारों की फिल्में रिलीज होने से बॉक्स आफिस की रौनक लौटने की उम्मीद की जा रही है। 27 जुलाई को अक्षय कुमार की 'बेल बॉटम’ रिलीज होगी। फिल्मों की रिलीज को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। पिकल एंटरटेनमेंट डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रमुख समीर दीक्षित कहते हैं कि महाराष्ट्र की बात करें तो मुंबई के अलावा बाकी जगहों पर माहौल सामान्य होता नजर आ रहा है। वैक्सीनेशन भी तेजी से चल रहा है। मध्य जुलाई तक 80 प्रतिशत थिएटर खुल जाएंगे। खबरें हैं कि 13 अगस्त को 'सूर्यवंशी’ को भी रिलीज किया जा सकता है। दोनों फिल्में बॉक्स आफिस के लिए बूस्टर डोज साबित हो सकती हैं। बीते मुश्किल वक्त में फिल्मों के प्रोडक्शन में कमी नहीं आई। उम्मीद के भरोसे फिल्में बनाई जा रही हैं।

आशीर्वाद थिएटर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर और सिनेमा संचालक अक्षय राठी कहते हैं कि यशराज फिल्म्स ने अपनी फिल्म 'बंटी और बबली 2’, 'पृथ्वीराज’, 'शमशेरा’, 'जयेशभाई जोरदार’ को सिनेमाघर में रिलीज करने का फैसला किया है। उन्होंने सिनेमाघरों का साथ दिया है। 'पठान’ और 'टाइगर 3’ बन रही हैं। धर्मा प्रोडक्शन की 'शेरशाह’, 'जुग जुग जीयो’ फिल्में हैं। अजय देवगन की 'मेडे’ थिएटर रिलीज का इंतजार कर रही है। दरअसल, इन फिल्मों को उचित कीमत तभी मिलेगी, जब वे पहले थिएटर में आएंगी, फिर सैटेलाइट और ओटीटी पर जाए। चीन, यूएस, यूरोप में ओपनिंग वीकेंड को देखकर उम्मीदें बढ़ी हैं।

प्रमोशन का बजट होगा कम

रुकी हुई फिल्मों का प्रमोशन भी निर्माताओं ने रोक दिया था। ऐसे में पहले से ही नुकसान झेल रही फिल्मों के प्रमोशन के बदलाव को लेकर निर्माता रमेश तौरानी कहते हैं कि यकीनन इसमें बदलाव होगा। प्रमोशन को सीमित बजट में करने की रणनीति बनाएंगे। हर निर्माता की पहली पसंद फिल्म रिलीज करने के लिए सिनेमाघर ही होते हैं। फिल्म चाहें बड़ी हो या छोटी उसे थिएटर में ही आना चाहिए, उसके बाद ओटीटी और सैटेलाइट पर भेजा जाना चाहिए।

ट्रैफिक को कम करने पर काम

कोरोना जैसी महामारी पहले कभी नहीं आई है, ऐसे में जो हालात बने हैं, उसके लिए पहले से कोई तैयार नहीं था। समीर दीक्षित कहते हैं कि सबके लिए यह परिस्थिति नई है। ऐसे में रिलीज को लेकर जो खबरें सामने आ रही हैं, उसके मुताबिक दो हफ्ते का समय लेकर फिल्म को रिलीज किया जा सकता है। दर्शकों के पास इतना पैसा नहीं है कि वे एक हफ्ते में दो फिल्में देखें। इस संबंध में अक्षय राठी कहते हैं कि निर्माता और सिनेमा संचालकों को आपस में बैठकर बात करनी होगी कि दो बड़ी फिल्में जो एक ही तरह के दर्शकों को टारगेट करती हैं उन्हें वह साथ में न लाएं। फिल्म रिलीज के लिए त्योहार भी मायने रखेंगे, लेकिन दमदार और ईमानदार कहानियां दर्शकों का दिल जीतेंगी। इस बाबत रमेश तौरानी कहते हैं कि सभी फिल्मों को जगह मिलेगी। मनोरंजन के लिए सिनेमा से सस्ता और अच्छा विकल्प हमारे पास कुछ नहीं है।

डिजिटल का रुख बदलेगा

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कई अटकी फिल्में रिलीज हो रही हैं। उसके बावजूद निर्माता थिएटर में ही रिलीज को तवज्जो दे रहे हैं। इस संबंध में फिल्म 'शर्माजी नमकीन’ के निर्माता हनी त्रेहान का कहना है थिएटर की अपनी समर्पित ऑडियंस होती है। कंटेंट वाली फिल्मों को ओटीटी पर लाना बेहतर होगा। वहां उस तरह के कंटेंट के लिए दर्शक ज्यादा हैं। सिनेमाघर में फिल्में सिर्फ मेरिट पर चलती हैं। 'शर्माजी नमकीन’ फिल्म ऋषि कपूर जी को ट्रिब्यूट होगी। इस विषय में समीर दीक्षित कहते हैं कि 'राधे- योर मोस्ट वाटेंड भाई’ को जिस डिजिटल प्लेटफार्म ने खरीदा था, उसकी उम्मीद के मुताबिक फिल्म नहीं कमा पाई है। केवल साढ़े चार हजार सब्सक्राइबर ही बढ़ पाए थे। उन्हें पता चल गया कि ज्यादा पैसे देकर बड़े स्टार के साथ ओटीटी पर गेम नहीं खेला जा सकता है। यही वजह है कि 'सूर्यवंशी’ और '83’ ने तय कर लिया कि उन्हें ओटीटी पर नहीं आना है। ओटीटी वालों ने भी सीख ली कि बड़े दाम पर फिल्म खरीदने का कोई मतलब नहीं है। थिएटर से 70 प्रतिशत कलेक्शन होता है। 'राधे’ फिल्म लिटमस टेस्ट की तरह थी।

ऑफर्स की होगी बहार

अक्षय राठी टिकट के दाम बढऩे की गलतफहमी को दूर करने की बात करते हुए कहते हैं कि पिछले डेढ़ सालों में मेंटीनेंस, वेतन, प्रापर्टी टैक्स भरकर सिनेमाघरों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है, लेकिन टिकट के दामों पर उतना असर नहीं पड़ेगा। वैसे भी ई टिकटिंग का जमाना है। शुरू के कुछ महीनों में शायद डिस्काउंट रेट पर टिकट और खाने-पीने का सामान मिलेगा, ताकि लोगों की सिनेमाघरों में आने की आदत को दोबारा बनाया जा सके।

हालीवुड की फिल्मों का साथ

ट्रेड विशेषज्ञ और निर्माता गिरीश जौहर का कहना है कि हालीवुड फिल्मों को जोर भी भारतीय बॉक्स आफिस पर होगा। 'ब्लैक विडो’, 'फास्ट एंड फ्यूरियस 9’, 'जेम्स बांड’ सीरीज की 25वीं किस्त 'नो टाइम टू डाय’ जैसी फिल्मों को देखा जाए तो रुख आशावादी है। बस, दर्शकों का आत्मविश्वास सुरक्षा को लेकर लौट आए कि फिल्म देखना रिस्की नहीं होगा। वैक्सीनेशन से यह आत्मविश्वास बढ़ेगा। बड़ी फिल्में फिर चाहें वह हालीवुड की हों या बालीवुड की दर्शकों को आकर्षित करने के लिए जरूरी हैं। दो से तीन हफ्ते में एक या दो बड़ी फिल्में आती रहेगी तो तीन-चार महीने में फिल्मों की रिलीज के लिए माहौल सामान्य होगा। सिनेमा में नई फिल्में ही आएंगी, क्योंकि सिनेमा वाले भी ठान कर बैठे हैं कि स्क्रीन पर पहले फ्रेश फिल्में आएंगी, फिर सैटेलाइट और ओटीटी पर जाएंगी।

क्षेत्रीय भाषाओं के लिए चुनौती

मराठी और दूसरी क्षेत्रीय भाषा की इंडस्ट्री को लेकर फिल्म बिरादरी से जुड़े लोगों का कहना है कि कोरोना की वजह से बहुत नुकसान पहुंचा है, क्योंकि क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों को ओटीटी पर खास जगह नहीं मिली है। मराठी फिल्मों का सामना तो वैसे भी सिनेमाघर में हिंदी फिल्मों से होता है। मराठी के समर्पित दर्शक हैं, सबजेक्ट आउट ऑफ द बाक्स होते हैं, ऐसे में मार्केट खुलने पर रिकवरी के चांसेस हैं। 'टकाटक 2’, 'टाइमपास 3’, 'दुनियादारी 2’ जैसी सीक्वल फिल्में भी बन रही हैं।

रिलीज के लिए तैयार फिल्में

सूर्यवंशी

83

पृथ्वीराज

बंटी और बबली 2

चेहरे

गंगूबाई काठियावाड़ी

जयेशभाई जोरदार

शेरशाह

जुग जुग जीयो

शमशेरा

मेडे

सत्यमेव जयते 2

थलाइवी

केजीएफ2

सुनील शेट्टी के बेटे की डेब्यू फिल्म तड़प

आमिर खान के बेटे जुनैद अभिनीत फिल्म महाराजा

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