धर्मेंद्र ने सनी देओल के National Film Award जीतने पर 25 साल बाद दी ऐसी प्रतिक्रिया...
Dharmendra National Film Award धर्मेंद्र ने हिंदी सिनेमा में 5 दशक से ज़्यादा बिताए हैं और इस दौरान कई बेहतरीन फ़िल्में कीं मगर कभी मुख्य धारा का अवॉर्ड उन्हें नहीं मिल सका।
मुंबई। पर्दे पर अपनी एक्शन इमेज के लिए लोकप्रिय सनी देओल ने अपने फ़िल्मी करियर में दो बार National Film Award जीता है। पहली बार उन्हें घायल के लिए बेस्ट एक्टर का ज्यूरी अवॉर्ड मिला था, जबकि दूसरी बार दामिनी के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड प्रदान किया गया था। ख़ास बात यह है कि दामिनी में सनी देओल ज़्यादा देर के लिए पर्दे पर नहीं आये थे, मगर अपनी जोशीली परफॉर्मेंस के दम पर वो नेशनल अवॉर्ड जीत ले गये। राजकुमार संतोषी निर्देशित इस फ़िल्म में मुख्य भूमिकाएं मीनाक्षी शेषाद्रि और ऋषि कपूर ने निभायी थीं।
दामिनी 30 अप्रैल को 1993 में रिलीज़ हुई थी और 1994 में सनी को नेशनल अवॉर्ड प्रदान किया गया था, जिसकी तस्वीर सनी ने इंस्टाग्राम पर शेयर की है। फोटो में नौजवान सनी उस वक़्त के राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा से मेडल लेने के बाद हाथ मिलाते हुए नज़र आ रहे हैं। इस फोटो पर फ़ख़्र करते हुए धर्मेंद्र ने कमेंट लिखा है- A genuine award to a genuine person. Proud of you. Jeete raho. (एक खरे व्यक्ति को खरा पुरस्कार।तुम पर गर्व है। जीते रहो।)
दामिनी एक सामाजिक संदेश देने वाली फ़िल्म है, जिनकी कहानी मीनाक्षी शेषाद्रि के किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है, जो घर में काम करने वाली लड़की के साथ हुए यौन दुष्कर्म के ख़िलाफ़ अपने ही परिवार वालों से जंग छेड़ देती है। इस फ़िल्म में सनी ने एक पियक्कड़ वकील का रोल निभाया था, जो पीड़ित लड़की को इंसाफ़ दिलाने के लिए दामिनी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ता है। फ़िल्म में अमरीश पुरी ने एक भ्रष्ट वक़ील का रोल निभाया था, जिनके साथ अदालत में सनी के किरदार का आमना-सामना होता है।
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इस फ़िल्म के संवाद यह ढाई किलो का हाथ... और तारीख़ पे तारीख़... आज भी बोले और याद किये जाते हैं। देओल परिवार में सनी अकेले ऐसे एक्टर हैं, जिन्हें नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड मिले हैं। उनके डैड धर्मेंद्र ने हिंदी सिनेमा में 5 दशक से ज़्यादा बिताए हैं और इस दौरान एक से बढ़कर एक बेहतरीन फ़िल्में कीं, मगर कभी मुख्य धारा का अवॉर्ड उन्हें नहीं मिल सका। इसकी कसक अक्सर धर्मेंद्र की ज़ुबान पर आ जाती है।