Sharmila Tagore के बिकिनी फोटोशूट पर जब मचा था बवाल, तब ऐसा था टाइगर नवाब पटौदी का रिएक्शन
शर्मिला कहती हैं कि अगर आप पब्लिक फिगर हैं तो आपकी कुछ ज़िम्मेदारियां होती हैं। आपको यह समझना होगा कि आपके दर्शक कौन हैं और वो आपसे क्या चाहते हैं। लोग ग्लैमर की ओर आकर्षित तो होते हैं लेकिन इसके लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं है।
नई दिल्ली, जेएनएन। शर्मिला टैगोर हिंदी सिनेमा की उन लीजेंड्री एक्ट्रेसेज़ में शामिल हैं, जिन्होंने अपने करियर में कई साहसिक और यादगार भूमिकाएं की हैं। वहीं, रियल लाइफ़ में भी शर्मिला अपने दौर से आगे की अदाकारा रही हैं। साठ के दशक में उनके एक बिकिनी शूट पर जमकर बवाल हुआ था। जब शर्मिला को हर तरफ़ से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था तो पति मंसूर अली ख़ान उर्फ़ नवाब पटौदी पत्नी शर्मिला टैगोर के साथ खड़े रहे थे।
शर्मिला ने बिकिनी फोटोशूट फ़िल्मफेयर मैगज़ीन के लिए किया था। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में इसको लेकर बात की। इंडियन चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स के लेडीज़ स्टडी ग्रुप के लाइव सेशन में शर्मिला ने उस वाकये के बारे में कहा कि उन्हें वो फोटोशूट अच्छा लगा था। हालांकि, फोटोग्राफर कुछ झिझक रहे थे। लेकिन, इस पर काफ़ी तीख़ी प्रतिक्रियाएं आयी थीं। उन दिनों सोशल मीडिया तो होता नहीं था, मगर फिर भी इसकी काफ़ी आलोचना हुई थी। जब यह पब्लिश हुआ था तो मैं लंदन में थी और जब वापस आयी तो शक्ति (सामंत) जी ने मुझे कॉल किया और कहा कि हमें कुछ डेमेज कंट्रोल करना चाहिए। मैं बहुत परेशान हो गयी थी। मैंने टाइगर (नवाब पटौदी) को टेलीग्राम भेजा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि तुम बहुत अच्छी दिख रही हो। वो उस वक़्त बहुत सपोर्टिव थे।
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शर्मिला आगे कहती हैं कि अगर आप पब्लिक फिगर हैं तो आपकी कुछ ज़िम्मेदारियां होती हैं। आपको यह समझना होगा कि आपके दर्शक कौन हैं और वो आपसे क्या चाहते हैं। इस घटना से मैंने सीखा कि लोग ग्लैमर की ओर आकर्षित तो होते हैं, लेकिन इसके लिए उनके मन में कोई सम्मान नहीं है। मैं सम्मानित रहना चाहती थी, इसलिए मैंने धीरे-धीरे अपनी इमेज बदलना शुरू किया। इसके बाद शर्मिला ने आराधना में एक मां का किरदार भी निभाया, जिसके बाद उनकी लोकप्रियता काफ़ी बढ़ गयी थी। शर्मिला और मंसूर अली ख़ान पटौदी की शादी 1968 में हुई थी।
हिंदी सिनेमा में शर्मिला टैगोर ने अपना करियर 1964 में आयी फ़िल्म कश्मीर की कली से शुरू किया था। इसके बाद आयीं वक़्त, अनुपमा और देवर जैसी फ़िल्मों ने शर्मिला को एक बेहतरीन एक्ट्रेस की इमेज दी थी।