भट्ट साहब सूरज की तरह फैला रहे हैं उजाला - पूजा भट्ट

लीजेंड्री फिल्ममेकर महेश भट्ट का 20 सितंबर को 70वां जन्मदिन था और इस मौके पर उनके बारे में हमने उनकी बेटी पूजा भट्ट से बात की।

By Rahul soniEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 07:25 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 09:06 AM (IST)
भट्ट साहब सूरज की तरह फैला रहे हैं उजाला - पूजा भट्ट
भट्ट साहब सूरज की तरह फैला रहे हैं उजाला - पूजा भट्ट

पराग छापेकर, मुंबई। हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध फिल्ममेकर महेश भट्ट ने गुरुवार को अपना 70वां जन्मदिन मनाया। हर साल 20 सितंबर को महेश भट्ट का जन्मदिन होता है। इस खास दिन महेश भट्ट की बड़ी बेटी पूजा भट्ट ने जागरण डॉट कॉम ने एक्सक्सूसिव बातचीत में बताया था कि, अभी तो वे 70 साल के हुए हैं और हम चाहते हैं कि वे और 70 साल हमारे साथ रहे। यह सेल्फिश नीड हो सकती है। क्योंकि मैं उनके बिना जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकती। वो इस प्रकार होगा कि अगर सूरज का पैकअप हो जाए तो हमारी जिंदगी कैसी होगी। पूरी दुनिया में अंधेरा हो जाएगा।

बिग माइलस्टोन

आगे पूजा बताती हैं कि, वे बड़े माइलस्टोन हैं। एेसे व्यक्ति के साथ रहने और समझने से लाइफ बहुत आसान हो जाती है। मेरी कोशिश होती है कि उनसे जितना सीख सकती हूं और ज्यादा से ज्यादा समय बिता सकती हूं वो मैं करती हूं, क्योंकि जरूरत मेरी है। और अब मैं चाहती हूं कि जो गोल्डन ईयर्स मेरे फादर के हैं उनके साथ ही रहूं।वे बताती हैं कि, महेश भट्ट ने फिल्म जख्म बनाकर कह दिया था कि अब वे डायरेक्शन नहीं करेंगे। उन्होंने इसके बाद फिल्म को छोड़कर जिंदगी को पूरी तरह से जीना चाहा। मुझे उन्होंने बता दिया था कि डायरेक्शन छोड़ने वाला हूं। इसके बाद सभी ने उनसे यही कहा था कि, करियर के इस मुकाम पर और उंचाई पर एेसा निर्णय क्यों लिया। मुझे याद है कि जब फिल्मफेयर गई थी, तब भट्ट साहब को कई अवॉर्ड मिले थे जख्म के लिए। नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। मैं और शाहिन छोटी बहन इस अवॉर्ड को लेने पहुंचे थे। उस समय श्या्म बेनेगल ने इस बारे में पूछा था और मेरा जवाब था कि मैं खुश हूं कि करियर की इस ऊंचाई पर उन्होंने यह निर्णय लिया था। क्योंकि एक समय आता है जब लोग कहते हैं छोड़ दो लेकिन हम नहीं छोड़ते। 

Quit शब्द यहां एप्लाय नहीं होता

पूजा बताती हैं कि, क्विट शब्द भट्ट साहब के लिए एप्लाय नहीं होता। जितना बॉलीवुड भट्ट साहब के बारे में जानता है उससे कई गुना ज्यादा वे हैं। मैं आलिया, शाहिन और राहुल को कहती हूं कि तुम लोगों ने महेश भट्ट की फ्लाइट देखी है लेकिन मैंने उन्हें गटर में भी देखा है। शराब के नशे में होते थे जब घर पर आते थे। कभी सड़क पर मिल जाते थे। लेकिन कब एेसे बने कि आज सम्मान हो रहा है, यह रियली मैं जानती हूं। किसी ने भी उनकी जिंदगी का हर पहलू नहीं देखा है। अभी भी मैं उनसे कहती हूं कि 70 साल के हो गए हो तो जैसे विहेव करो, क्योंकि आप तो उससे भी ज्यादा उम्र वाले जैसे विहेव कर रहे हो। 

दूसरों को हमेशा आगे बढ़ाया

पूजा बताती हैं कि अब भट्ट साहब के पास कुछ भी गवाने के लिए नहीं है। और न ही उन्हें कुछ चाहिए। अगर वो कुछ भी काम कर रहे हैं जैसे कि फिल्म सड़क 2 का प्रमोशन भी तो वो खुदके लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए करेंगे और उन्हें आगे बढ़ाना चाहते हैं। क्योंकि उन्हें जिंदगी से अब कुछ नहीं चाहिए। भट्ट साहब हमेशा फिल्म इंडस्ट्री के लिए खड़े रहे। भीड़ से अलग करते रहे हैं। वे ग्रेसफुल आदमी हैं। पहले वे कहा करते थे कि पूजा भट्ट के पिता हैं और अब 20 साल बाद गर्व से कहते हैं कि आलिया भट्ट के पिता हैं। अब लोग कहने लगे हैं कि, भट्ट साहब हर 20 साल में एक भट्ट फिल्म इंडस्ट्री में छोड़ते हैं। 

हम सबको एक जैसे रखा

भट्ट साहब ने हमेशा आलिया, मुकेश, सोनी राजदान, इमरान हाशमी और मुझे एक जैसा रखा है। यह उनका बड़प्पन है कि सबको एक जैसा रखा। हम सभी के बीच बेहतर बॉन्डिंग है। 

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