Interview: जानें- आखिरी खुद को देसी क्यों रखना चाहते हैं एक्टर यशपाल शर्मा
अपहरण गंगाजल और गैंस ऑफ़ वासेपुर जैसी फ़िल्मों में काम कर चुके यशपाल इसको लेकर बिल्कुल भी कॉपी करने के मूड में नहीं हैं। वह अपनी अपकमिंग फ़िल्म में खुद को देसी रखना चाहते हैं। आइए जानते हैं ...
नई दिल्ली, जेएनएन। हरियाणवी भाषा के प्रसिद्ध कवि और लोक कलाकार पंडित लखमी चंद की बायोपिक बनी रही है। इसमें काम कर रहे एक्टर यशपाल शर्मा नहीं करना चाहते किसी की नकल करें। वह इसे पूरी तरह से देसी रखना चाहते हैं। अपहरण, गंगाजल और गैंस ऑफ़ वासेपुर जैसी फ़िल्मों में काम कर चुके यशपाल इसको लेकर बिल्कुल भी कॉपी करने के मूड में नहीं हैं।
बीते दिनों यशपाल शर्मा अपने निर्देशन में बनने वाली फिल्म पंडित लखमीचंद की बायोपिक की डबिंग के सिलसिले में दिल्ली गए थे। हरियाणवी भाषा के प्रसिद्ध कवि और लोक कलाकार पंडित लखमीचंद की बायोपिक पर लगभग अस्सी प्रतिशत काम पूरा करके मुंबई लौटे यशपाल इस बारे में बताते हैं, 'यह बायोपिक मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसमें सिर्फ पोस्ट प्रोडक्शन का काम बाकी है। कुछ वक्त तक सिनेमाघरों में सब सामान्य होने का इंतजार करूंगा। अगर सही नहीं लगा तो इसे ओटीटी पर रिलीज करूंगा।'
यशपाल श्याम बेनेगल, प्रकाश झा जैसे कई निर्देशकों के साथ काम कर चुके हैं, लेकिन उनके निर्देशन में इनमें से किसी की झलक नहीं दिखेगी। वह कहते हैं, 'मैं देसी हूं और देसी ही रहना चाहता हूं।'
हरियाणवी में इस फिल्म को बनाने को लेकर यशपाल कहते हैं, 'मैं हरियाणा से हूं। क्षेत्रीय सिनेमा को आगे लाना बहुत जरूरी है। अब सलमान खान, अक्षय कुमार और आमिर खान जैसे बड़े सितारे अपनी फिल्म को उस क्षेत्र में जाकर फिल्माते हैं, जहां की वह कहानी है। ऐसे में उन क्षेत्रों के दर्शक ऐसी फिल्मों से जुड़ाव महसूस करते हैं। पंडित लखमीचंद को लोक कलाओं का पिता कहा जाता है। हरियाणवी में फिल्म बनाने के लिए इससे बेहतर विषय कोई हो नहीं सकता था। उनका जीवन गरीबी में बीता, लेकिन उनकी लेखनी आज भी पढ़ी और सुनी जाती है। इस फिल्म को मैं दो हिस्से में बना रहा हूं। इसे मैं दूसरी भाषा में डब तो नहीं करूंगा, लेकिन अंग्रेजी सबटाइटल के साथ रिलीज करूंगा।'