Yoga Day 2021: कंगना रनोट की बहन पर हुए था एसिड अटैक, एक्ट्रेस ने बताया योगा ने कैसे किया ठीक

दुनिया भर में 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जा रहा है। देश की कई हस्तियां लोगों को योग के फायदे बता रही हैं और अपने चाहने वालों को इसके लिए प्रेरित भी कर रही हैं। इनमें बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री कंगना रनोट भी हैं।

By Anand KashyapEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 09:53 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 09:53 AM (IST)
Yoga Day 2021: कंगना रनोट की बहन पर हुए था एसिड अटैक, एक्ट्रेस ने बताया योगा ने कैसे किया ठीक
बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री कंगना रनोट, Instagram: kanganaranaut

नई दिल्ली, जेएनएन। दुनिया भर में 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जा रहा है। देश की कई हस्तियां लोगों को योग के फायदे बता रही हैं और अपने चाहने वालों को इसके लिए प्रेरित भी कर रही हैं। इनमें बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री कंगना रनोट भी हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर कंगना रनोट ने अपनी बहन रंगोली के एसिड अटैक को लेकर बात की और बताया कि कैसे योग ने उन्हें ठीक होने में मदद की।

कंगना रनोट सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर बहन रंगोली की एक तस्वीर साझा की है। इस तस्वीर में रंगोली योगा करती हुई नजर आ रही हैं। बहन की तस्वीर को साझा करते हुए कंगना रनोट ने उनके लिए खास पोस्ट लिखा है। उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'रंगोली की सबसे प्रेरक योग कहानी है, एक रोड साइड रोमियो ने रंगोली पर तेजाब फेंका जब वह मुश्किल से 21 साल की थीं'।

अभिनेत्री ने पोस्ट में आगे लिखा, 'रंगोली थर्ड डिग्री जल गई थीं। उनका आधा चेहरा जल गया। एक आंख की रोशनी चली गई। एक कान पिघल गया और छाती गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी। 2-3 साल में 53 सर्जरी से गुजरना पड़ा लेकिन यह सब इतना काफी नहीं था। मेरी सबसे बड़ी चिंता उनका मानसिक स्वास्थ्य था क्योंकि उन्होंने बोलना बंद कर दिया था। चाहे कुछ भी हो, वह एक शब्द भी नहीं बोलती थीं। उनकी एक वायु सेना अधिकारी से सगाई हुई थी और जब उसने एसिड हमले के बाद उनका चेहरा देखा तो वह चले गए और फिर कभी नहीं लौटे। तब भी उसने एक आंसू नहीं गिराए और न ही उसने एक शब्द भी कहा था।'

 

 

 

 

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कंगना रनोट ने पोस्ट में आगे लिखा, 'डॉक्टरों ने मुझे बताया कि वह सदमे की स्थिति में है। वह उनका इलाज कर रहे थे और उन्हें मानसिक सहायता के लिए दवाइयां दे रहे थे, लेकिन इनसे कुछ भी मदद नहीं मिली। उस समय मैं मुश्किल से 19 साल की थी। मैंने अपने शिक्षक सूर्य नारायण के साथ योग किया था और मुझे नहीं पता था कि यह जलने और मनोवैज्ञानिक आघात के रोगियों को भी मदद कर सकता है। साथ ही रेटिना प्रत्यारोपण और खोई हुई रोशनी भी वापस लाता है।'

पोस्ट में कंगना रनोट ने आखिरी में लिखा, 'मैं चाहती थी कि रंगोली मुझसे बात करें। इसलिए मैं उन्हें हर जगह अपने साथ लेकर जाने लगी। यहां तक कि अपनी योगा क्लास में भी। ऐसे में उन्होंने योगाभ्यास करना शुरू किया और मैंने उसमें काफी बदलाव देखा। उन्होंने न केवल अपने दर्द और मेरे चुटकुलों का जवाब देना शुरू किया बल्कि एक आंख में अपनी खोई हुई रोशनी भी वापस पा ली… योग आपके हर प्रश्न (दुख) का उत्तर है, क्या आपने इसे अभी तक मौका दिया है?' 

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