Irrfan Khan's Grave: फैन के टोकने के बाद साफ़ हुई इरफ़ान की कब्र, जंगली घास की जगह दिखे ताज़ा फूल
Irrfan Khans Grave इरफ़ान की कब्र की एक तस्वीर देखने के बाद उनकी एक फैन ने उसकी खस्ता हालत की ओर उनकी पत्नी सुतपा सिकदर का ध्यान दिलाया था। सुतपा और फैन के बीच फेसबुक पर हुई बातचीत के बाद ही ताज़ा तस्वीरें सामने आयी हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। इरफ़ान ख़ान की कब्र की दो नई तस्वीरें सामने आयी हैं, जिनमें कब्र साफ़-सुथरी नज़र आ रही है। जंगली घास हटा दी गयी है और कब्र पर ताज़ा फूलों ने अपनी जगह बना ली है। इन तस्वीरों को इरफ़ान के बड़े बेटे बाबिल ने शेयर किया है। बता दें कि इरफ़ान की कब्र की एक तस्वीर देखने के बाद उनकी एक फैन ने उसकी खस्ता हालत की ओर उनकी पत्नी सुतपा सिकदर का ध्यान दिलाया था। सुतपा और फैन के बीच फेसबुक पर हुई बातचीत के बाद ही ये ताज़ा तस्वीरें सामने आयी हैं।
ख़ास बात यह है कि तस्वीरों में इरफ़ान के छोटे बेटे अयान कब्र को पानी देते नज़र आ रहे हैं। इन तस्वीरों के साथ बाबिल ने लिखा- बाबा को यह वाइल्ड ही पसंद था। अयान को काफ़ी मजबूत होना पड़ रहा है। बाबिल हाल ही में लंदन गये हैं। अप्रैल में इरफ़ान ख़ान के निधन के बाद से ही बाबिल भारत में थे। इरफ़ान का अंतिम संस्कार वर्सोवा स्थित कब्रिस्तान में किया गया था।
View this post on Instagram Baba liked it wild, Ayaan is staying strong :* A post shared by Babil (@babil.i.k) on Sep 28, 2020 at 8:52am PDT
दरअसल, कुछ दिन पहले एक्टर चंदन रॉय सान्याल इरफ़ान की कब्र पर फूल चढ़ाकर आये थे, जिसकी फोटो सोशल मीडिया में शेयर की थी। इस फोटो में इरफ़ान की कब्र की हालत कुछ ऐसी नज़र आ रही थी, जैसे उसका ख्याल नहीं रखा जा रहा। इस पर एक फैन ने इरफ़ान की पत्नी सुतपा सिकदर को फेसबुक पर टोका तो उन्होंने इसके जवाब में लिखा था कि औरतों को कब्रिस्तान में जाने की इजाज़त नहीं होती है, लेकिन उन्होंने रात की रानी का पौधा इगतपुरी में लगाया है, जहां इरफ़ान की स्मृति-पट्टिका भी लगायी गयी है। उनकी कुछ और पसंदीदा चीज़ें वहां दफ़्नाई गयी हैं।
सुतपा ने आगे लिखा था- ''वो जगह मेरी अपनी है, जहां मैं घंटों बिना किसी टोका-टाकी के बैठ सकती हूं। उनकी रूह वहीं हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कब्र को ऐसे ही छोड़ दिया जाए... लेकिन जहां तक मौजूदा परिस्थिति की बात है तो बारिश में जंगली घास उग आती है। जिस फोटो की आप बात कर रही हैं, उसमें मुझे यह जंगली घास ख़ूबसूरत लगी। बारिश होती है, तो पौधे आते हैं और अगले मौसम में सूख जाते हैं, जिसके बाद उसे साफ़ किया जा सकता है। हर चीज़ का ठीक उसी तरह होना ज़रूरी है क्या, जैसा परिभाषित किया गया है? क्या पता, पौधों को बढ़ना एक मक़सद के तहत हो।''