Happy Mothers Day 2021: बॉलीवुड की इस ‘मां’ को देवी समझ पैर छूने आते थे लोग

Happy Mothers Day 2021 फिल्म दीवार का वो दमदार सीन अमिताभ पूछते हैं छोटे भाई से कि मेरे पास सबकुछ है तुम्हारे पास क्या है? इसपर शशि कपूर का वो कालजयी जवाब ‘मेरे पास मां है’ इसने निरूपा रॉय को मां के रूप में सदा के लिए स्थापित कर दिया।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 07:47 AM (IST)
Happy Mothers Day 2021: बॉलीवुड की इस ‘मां’ को देवी समझ पैर छूने आते थे लोग
image source: nirupa roy fan page on instagram (minishshift)

नई दिल्ली, जेएनएन। हिन्दी सिनेमा में जब भी मां का जिक्र आता है तो जेहन में एक ही नाम उभरता है, वो हैं ‘निरूपा रॉय’। करीब 200 से ज्यादा फिल्मों में मां का किरदार निभाने वाली ‘निरूपा रॉय’ ने अपनी ऐसी छाप छोड़ी है कि उनके सामने सब फीके लगते हैं। उनका इमोशन और दर्द स्क्रीन पर इतना असली लगता था कि दर्शक भी उन्हें देख अपने आंसू नहीं रोक पाते थे। फिल्म 'दीवार' का वो दमदार सीन जिसमें शशि कपूर और अमिताभ बच्चन आमने सामने हैं, अमिताभ पूछते हैं अपने छोटे भाई से कि मेरे पास इतना सबकुछ है तुम्हारे पास क्या है? इसपर शशि कपूर का वो कालजयी जवाब ‘मेरे पास मां है’ इसने निरूपा रॉय को मां के रूप में सदा सदा के लिए स्थापित कर दिया।

कभी ग्लैमरस भी थी सिनेमा की ये दुखियारी मां

पर क्या आपको पता है सिल्वर स्क्रीन की ये दुखियारी मां हमेशा से ऐसी नहीं थीं, वो 20 से ज्यादा फिल्मों में लीड रोल कर चुकीं हैं। कभी ग्लैमरस रोल कर चुकीं एक्ट्रेस निरुपा रॉय ने करियर की शुरुआत एक गुजराती फिल्म से की थी, जिसका नाम था 'रनक देवी'। हिन्दी फिल्मों में उन्हें पहली बार होमी वाडिया ने कास्ट किया था। उनकी पहली हिन्दी फिल्म थी 'अमर राज', इस फिल्म में निरूपा के हीरो थे त्रिलोक कपूर। त्रिलोक कपूर के साथ इनकी जोड़ी सबसे ज्यादा हिट रही। दोनों ने एक साथ 18 फिल्मों में काम किया।

देवी मान पैर छूते थे लोग

निरूपा रॉय ने 1-2 नहीं बल्कि 16 फिल्मों में देवी का किरदार निभाया था। निरूपा रॉय ने देवी के किरदार में इस कदर छाप छोड़ी कि लोग उन्हें सचमुच की देवी मानने लगे थे। नौबत तो यहां तक आ गई थी कि फैन्स उनके घर जाकर उनके पैर छूते और भजन गाते थे। 50 के उस दशक में निरूपा रॉय धार्मिक फिल्मों की क्वींन मानी जाती थीं। इतना सब होने के बाद भी निरूपा रॉय को शोहरत 'मां' के किरदारों से ही मिली। 70 से 80 के दशक तक आते आते उनके काम को पसंद किया गया और वह नामी एक्टर्स की मां के रोल में नजर आने लगीं थीं. उनके किरदारों के चलते ही उन्हें ‘Queen Of Misery’ कहा जाने लगा। 

15 साल की उम्र में ही हो गई थी शादी

4 जनवरी, 1931 को गुजरात के वलसाड में जन्म हुआ था कोकिला किशारचंद्र बलसारा उर्फ निरूपा रॉय का। निरूपा रॉय का दिल पढ़ाई में लगता था पर पिता सोचते थे कि लड़कियों को ज्यादा शिक्षा नहीं दिलानी चाहिए। 40 के दशक में पिता के आगे हार मान कर 15 साल की उम्र में निरूपा ने कमल रॉय से शादी कर ली। कमल रॉय को एक्टिंग का बहुत शौक था सो उन्हें लेकर मुंबई आ गए।

पति रिजेक्ट और खुद सिलेक्ट हुईं थीं निरूपा रॉय

अखबार में फिल्मकार विष्णु कुमार व्यास का विज्ञापन देख कमल रॉय ने ऑडिशन देने का मन बना लिया और पहुंच गए उनके ऑफिस। कमल और निरूपा ने ऑडिशन दिया, पर कमल को रिजेक्ट कर दिया गया और निरूपा सिलेक्ट हो गईं. यहां से शुरू हुआ निरूपा रॉय का फिल्मी सफर. निरुपा रॉय को साल 2004 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. यही वो साल था जब निरूपा रॉय ने दुनिया को छोड़ दिया था।

image Source: nfaiofficial, bollywood direct 

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