Happy Birthday Saurabh Shukla: 'कल्लू मामा' बन मशहूर हुए थे सौरभ शुक्ला, जानें उनके बारे में ये खास बातें
सौरभ शुक्ला के जन्म के दो साल बाद ही उनका परिवार दिल्ली जाकर बस गया था। इसके बाद उनकी पूरी परवरिश दिल्ली से हुई। सौरभ शुक्ला ने अपनी स्कूली पढ़ाई दिल्ली से और ग्रेजुएशन खालसा कॉलेज से की थी। शुरू से ही उनकी रुचि अभिनय की ओर रही थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के ऐसे बहुत से कलाकार हैं जिन्होंने फिल्मों में सह कलाकार की भूमिका कर दर्शकों के दिलों को हमेशा जीता है। कुछ सह कलाकार ऐसे भी हैं जिन्होंने हमेशा फिल्मों में मुख्य अभिनेता से भी ज्यादा सुर्खियां बटोरी हैं। उन्हीं में से एक बॉलीवुड के दिग्गज और मशहूर अभिनेता सौरभ शुक्ला हैं। सौरभ शुक्ला अपना जन्मदिन 5 मार्च को मनाते हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ था।
सौरभ शुक्ला के जन्म के दो साल बाद ही उनका परिवार दिल्ली जाकर बस गया था। इसके बाद उनकी पूरी परवरिश दिल्ली से हुई। सौरभ शुक्ला ने अपनी स्कूली पढ़ाई दिल्ली से और ग्रेजुएशन खालसा कॉलेज से की थी। शुरू से ही उनकी रुचि अभिनय की ओर रही थी। सौरभ शुक्ला ने 1984 में थियेटर से अभिनय की दुनिया में अपना सफर शुरू किया। उन्होंने 'एक व्यू फ्रॉम द ब्रिज', 'लुक बैक इन एंगर' और 'घासीराम कोतवाल' सहित कई शानदार प्ले अभिनय किया है।
सौरभ शुक्ला को बॉलीवुड में ब्रेक मशहूर निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर ने दिया। वह पहली बार बॉलीवुड फिल्म 'बैंडिट क्वीन' में नजर आए थे। इस फिल्म में सौरभ शुक्ला के अभिनय को दर्शकों ने पसंद किया। इसके बाद वह 'इस रात की सुबह नहीं', 'करीब' और 'जख्म' में नजर आए थे, लेकिन सौरभ शुक्ला को बॉलीवुड में असली पहचान साल 1998 में क्राइम थ्रिलर फिल्म 'सत्या' से मिली थी। इस फिल्म में उन्होंने गैंगस्टर कल्लू मामा का किरदार किया था।
फिल्म 'सत्या' में सौरभ शुक्ला के इस किरदार को दर्शकों ने काफी सराहा था। इस फिल्म के बाद उन्होंने बॉलीवुड के कई बड़े कलाकारों के साथ काम किया और खूब नाम कमाया है। सौरभ शुक्ला 'हे राम', 'स्लमडॉग मिलेनियर', 'ये साली जिंदगी', 'बर्फी', 'जॉली एलएलबी', 'पीके', 'जॉली एलएलबी 2', 'रेड', 'बाला' और 'छलांग' में नजर आ चुके हैं। ज्यादातर फिल्म में सौरभ शुक्ला ने सह कलाकार की भूमिका अदा की लेकिन बहुत बार फिल्मों में वह मुख्य अभिनेता से भी ज्यादा भारी पड़े हैं।
ढेरों फिल्में करने के बावजूद सौरभ शुक्ला आज भी थियेटर को काफी पसंद करते हैं। वह अब भी कई थियेटर्स में न केवल अभिनय करते हैं बल्कि निर्देशन भी करते हैं। थियेटर के प्रति अपने प्यार को लेकर सौरभ शुक्ला ने एक बार दैनिक जागण से बातचीत में कहा था, 'कला की दोनों विधाएं मेरे लिए समान हैं। मैं ये जरूर कह सकता हूं कि आर्थिक स्तर पर थियेटर मेरी जरूरतें पूरी नहीं कर सकता लेकिन इसमें काम करने से मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है। फिल्में मेरे लिए ‘ब्रेड एंड बटर’ जुटाती हैं।