Kishore Kumar Birthday: जब आपातकाल के दौरान टीवी और रेडियो पर बैन कर दिए गए थे किशोर दा, जानें आखिर क्यों?
इंडस्ट्री में किशोर कुमार से जुड़े कई किस्से आज भी काफी फेमस हैं। उनके इस खास दिन पर हम आपको किशोर कुमार की लाइफ से जुड़ी कई दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए फेमस किशोर कुमार आज भी फैंस के दिलों पर राज करते हैं। किशोर कुमार न सिर्फ एक एक्टर बल्कि एक बेहतरीन गायक, संगीतकार, लेखक, निर्माता और निर्देशक भी थे। आज ऐसे ही प्रतिभा के धनी किशोर कुमार का जन्मदिन है। उनका जन्म 4 अगस्त, 1929 को खंडवा शहर में हुआ था। पूरी दुनिया जिन्हे किशोर कुमार के नाम से जानती है दरअसल, उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था। इंडस्ट्री में किशोर कुमार से जुड़े कई किस्से आज भी काफी फेमस हैं। उनके इस खास दिन पर हम आपको किशोर कुमार की लाइफ से जुड़ी कई दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं...
किशोर कुमार का जन्म एक मध्यवर्गीय बंगाली परिवार में अधिवक्ता कुंजी लाल गांगुली के घर में हुआ था। उन्हें बचपन से ही संगीत की ओर रूझान था। वह हमेशा से ही महान अभिनेता एवं गायक के.एल.सहगल के गानों से प्रभावित थे और उनकी तरह सिंगर बनना चाहते थे। सहगल से मिलने की चाह लिये किशोर कुमार 18 वर्ष की उम्र में मुंबई पहुंचे। लेकिन उनकी इच्छा पूरी नहीं हो पायी। लेकिन उस दौर में उनके बड़े भाई अशोक कुमार बतौर अभिनेता अपनी पहचान बना चुके थे। बता दें कि किशोर कुमार को बतौर गायक सबसे पहले वर्ष 1948 में बांम्बे टाकीज की फिल्म 'जिद्दी' में सहगल के अंदाज मे ही अभिनेता देवानंद के लिये 'मरने की दुआएं क्यूं मांगू...' गाने का मौका मिला।
किशोर कुमार कर एक मनमर्जी इंसान थे। वह कब क्या कर जाएं ये कोई नहीं जानता था। एक बार करीब दो सालों के लिए उनके गाने पर बैन लगा दिया गया था। दरअसल, साल 1975 में देश में लगाये गये आपातकाल के दौरान दिल्ली में एक सांस्कृतिक आयोजन में उन्हें गाने का न्यौता मिला। किशोर ने जब इस पर फीस मांगी तो आकाशवाणी और दूरदर्शन पर उनके गायन को प्रतिबंधित कर दिया गया।
किशोर कुमार को लेकर एक और बात काफी फेमस रही है वो ये कि उन्हें किसी भी पार्टी का हिस्सा बनाना पसंद नहीं था। एक बार एक इंटरव्यू में जब रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि आप किसी भी पार्टी में नहीं जाते घर पर अकेले ही रहते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मैं बिल्कुल अकेला नहीं हूं। मैं अपने घर पर लगे पेड़ पौधों से बातें करता हूं। यहां तक मैंने उनके नाम भी रखे हैं।
बात दें कि 13 अक्टूबर, 1987 को किशोर कुमार हम सभी को छोड़कर इस दुनिया से चले गए। उनका निधन मुंबई में हो गया था। अपनी मधुर आवाज में गाए गीतों के जरिए किशोर कुमार आज भी हमारे आसपास मौजूद हैं।
Photo Credit- Mid Day