Kader Khan Birth Anniversary : जब बचपन में कब्रिस्तान में जोर-जोर से चिल्लाते थे कादर खान और फिर एक दिन...
फिल्मों में अपनी कॉमेडी से दर्शकों को हंसाने वाले एक्टर कादर खान की जिंदगी फिल्मों में अपनी पहचान बनाने से पहले अपनी जिंदगी में काफी संघर्ष किया है। आइये जानते हैं कादर खान की जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने राज़।
नई दिल्ली, जेएनएन। Kader Khan Birth Anniversary : बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता कादर खान आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन आज भी वह अपने बेहतरीन डायलॉग्स और अभिनय के दम पर फैंस के दिलों पर राज करते हैं। कादर खान न सिर्फ एक बेहतरीन एक्टर थे बल्कि एक शानदार कॉमेडियन और डायलॉग राइटर भी रहे। अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने वाले दिवंगत एक्टर कादर खान का आज जन्मदिन है। फिल्मों में अपनी कॉमेडी से दर्शकों को हंसाने वाले एक्टर की जिंदगी फिल्मों में अपनी पहचान बनाने से पहले अपनी जिंदगी में काफी संघर्ष किया है। आइये जानते हैं कादर खान की जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने राज़।
कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर, 1937 में काबुल अफगानिस्तान में हुआ था। लेकिन बाद में उनकी फैमिली मुंबई के पास स्थित कमाठीपुरा में आकर बस गई थी। उनके घर की आर्थिक स्थित बहुत खराब थी। इसी वजह से कादर की मां उन्हें बड़े स्कूल में न भेजकर पास के ही एक मस्जिद में पढ़ने के लिए भेजती थीं, जहां से वो भागकर पास के के एक कब्रिस्तान में चले जाते थे। ऐसा वो अक्सर ही किया करते थे।
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उस वक्त कादर खान की उम्र में महज 8 से 9 साल की थी। हैरान करने वाली बात ये थी कि जब वह कब्रिस्तान में जाते तो वहां बैठकर वह जोर-जोर से चिल्लाया करते थे। उनकी आवाज़ बचपन से ही काफी भारी रही है। वह अक्सर कब्रिस्तान में ही खुद से बातें करके रियाज़ किया करते थे। वहीं एक दिन जब वह हमेशा की तरह कब्रिस्तान में चिल्ला रहे थे, तभी वहां से गुज़र रहे एक शख्स की नज़र उनपर पड़ गई।
Remembering Great #KaderKhan Saab On First Death Anniversary 🙏🙏
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उस शख्स से रहा नहीं गया और उसने कादर से पूछा कि, यहां क्या कर रहे हो। इस पर उन्होंने कहा कि, मैं दिन भर में जो भी अच्छी बात पढ़ता हूं, उसे यहां आकर उसका रियाज़ करता हूं। ये शख्स कोई और नहीं बल्कि अशरफ खान थे, जो खुद फिल्मों में अभिनय किया करते थे। अशरफ को कादर की बात इतनी जमी कि उन्हें तुरंत उन्हें अपने प्ले में काम करने का ऑफर दे दिया। कादर के पहले प्ले में उनकी बेहतरीन एक्टिंग को देख हर किसी ने उन्हें ऑफर देने शुरू कर दिए। वहीं एक प्ले के दौरान ही एक्टर दिलीप कुमार की नज़र भी कादर के अभिनय पर पड़ी और उन्होंने कादर को अपनी फिल्म 'सगीना' के लिए कास्ट कर लिया। ये फिल्म साल 1974 में रिलीज हुई थी।
इसी के साथ ही कादर ने अपने असल जिंदगी के किस्से को फिल्म 'मुकद्दर के सिकंदर' में भी दिखाया है। आपको बता दें कि इस फिल्म के डायलॉग कादर खान ने ही लिखे थे। बस फिर क्या था यहीं से कादर खान की जिंदगी ने एक नया मोड़ ले लिया। इसी के साथ ही उनके अभिनय को नई दिया मिली। इस तरह कादर ने अपनी एक्टिंग की छाप छोड़ी। उन्होंने लगभग 300 फिल्मों में अभिनय और कुछ 250 फिल्मों के डायलॉग लिखे हैं।