Gulshan Grover Birthday: अपनी मर्जी से बॉलीवुड के 'बैड मैन' बने गुलशन ग्रोवर, इसलिए फिल्मों में बनते हैं विलेन
Happy Birthday Gulshan Grover गुलशन ग्रोवर फिल्मों में अपने खतरनाक लुक और पंचलाइन की वजह से हमेशा दर्शकों के दिलों को जीतते रहे हैं। वह बॉलीवुड के उन चुनिंदा कलाकारों में से एक हैं जो लीक से हटकर एक्टिंग करने के लिए जाने जाते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। गुलशन ग्रोवर फिल्मों में अपने खतरनाक लुक और पंचलाइन की वजह से हमेशा दर्शकों के दिलों को जीतते रहे हैं। वह बॉलीवुड के उन चुनिंदा कलाकारों में से एक हैं जो लीक से हटकर एक्टिंग करने के लिए जाने जाते हैं। गुलशन ग्रोवर ने अपने करियर की ज्यादातर फिल्मों में विलेन की भूमिका अदा की और बड़े पर्दे पर अमिट छाप छोड़ी है। उनका जन्म 21 सितंबर साल 1955 को दिल्ली में हुआ था।
गुलशन ग्रोवर ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से की। उन्होंने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद गुलशन ग्रोवर ने अभिनय की दुनिया में खुद का करियर बनाने का फैसला किया है। बॉलीवुड में कदम रखने से पहले गुलशन ग्रोवर ने थिएटर ज्वाइन किया और अभिनय सीखा। लंबे समय तक थिएटर में काम करने के बाद उन्होंने मुंबई जाने का फैसला किया।
मुंबई पहुंचकर भी गुलशन ग्रोवर ने अभिनय की और भी क्लास लीं। उनके क्लासमेट अनिल कपूर थे। गुलशन ग्रोवर पहली बार फिल्म 'हम पांच' में नजर आए थे। यह फिल्म साल 1980 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में उन्होंने छोटा का रोल किया था। 'हम पांच' के बाद गुलशन ग्रोवर बुलंदी, रॉकी, सदमा, अंदर बाहर और वीराना जैसी कई फिल्मों में दिखाई दिए, लेकिन उन्हें असली पहचान फिल्म 'राम-लखन' से मिली थी।
फिल्म 'राम-लखन' ने गुलशन ग्रोवर के किरदार का नाम 'बैड मैन' था। उनका यह किरदार इतना मशहूर हुआ कि आज भी बहुत से लोग उन्हें 'बैड मैन' के नाम से जानते हैं। बॉलीवुड के अलावा गुलशन ग्रोवर ने हॉलीवुड की भी फिल्मों में काम किया है। उनके अभिनय के दीवाने भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में भी हैं। गुलशन ग्रोवर ने अपने मन से फिल्मों में विलेन का किरदार करने का फैसला किया।
अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, जब मैंने फिल्मों में एंट्री ली, तो मुझे महसूस हुआ कि मैं एक स्टार बनना चाहता हूं। एक स्टार की वैल्यू होती है। मैंने भी एक खलनायक बनने का विकल्प चुना। मुझे इस बात का एहसास तब हुआ जब मैं रोशन तनेजा के साथ अपने बैचमेट्स जैसे अनिल कपूर और अन्य के साथ अभिनय का प्रशिक्षण ले रहा था।'
गुलशन ग्रोवर ने आगे कहा था, 'खलनायक बनने का एक और कारण यह था कि मुझे लगता है कि फिल्मों में खलनायक की जिंदगी लंबी होती है। उनकी लंबी उम्र, व्यक्तिगत घमंड और अच्छे लुक्स पर नहीं, बल्कि उनके प्रदर्शन पर आधारित है। उनकी कोई उम्र नहीं होती है और इसलिए भी कि मुझे लगा कि यह काफी चुनौतीपूर्ण है। इसने मुझे बहुत अच्छी तरह से अनुकूल बनाया इसलिए मैंने इसको करने का फैसला किया'।