कृष्णा- गोविंदा कॉन्ट्रोवर्सी के बीच सुनीता आहूजा ने की भांजे विनय आनंद की तारीफ, बोलीं- 'कम से कम इनमें से...'
गोविंदा और कृष्णा की तरफ से एक दूसरे कि खिलाफ जमकर बयानबाजी हुई। इसी बीच गोविंदा के दूसरे भांजे विनय आनंद सामेन आए और उन्होंने अपनी मामी सुनीता कपूर को मां समान बताया। ये सुनकर सुनीता कपूर भी खुश हो गईं और उन्होंने विनय की जमकर तारीफ की।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता गोविंदा पिछले कुछ दिनों से अपने भांजे कृष्णा अभिषेक के साथ चल रहे विवाद को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। गोविंद कुछ दिन पहले पत्नी सुनीता के साथ कपिल शर्मा के शो में सामिल हुए थे। लेकिन मामा के शो में आते ही कृष्णा अभिषेक सो में नहीं पहुंचे। जिसके बाद मीडिया में जमकर बातें हुईं। इन बातों के सामने आने के बाद गोविंदा और कृष्णा की तरफ से एक दूसरे कि खिलाफ जमकर बयानबाजी हुई। इसी बीच गोविंदा के दूसरे भांजे विनय आनंद सामेन आए और उन्होंने अपनी मामी सुनीता कपूर को मां समान बताया। ये सुनकर सुनीता कपूर भी खुश हो गईं और उन्होंने विनय की जमकर तारीफ की।
दरअसल हाल ही में गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा ने ईटाइम्स के साथ खास बातचीत की। इस दौरान सुनीता ने भांजे विनय के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, 'ये बहुत अच्छा है कि विनय को ये याद है कि हमने उसके लिए क्या किया है। मैं कृष्णा, आरती और बाकी सभी बच्चों का ख्याल रखती थी। सास के बाद मैं ही इकलौती महिला थी घर में जिन्हें ये बच्चे मां की तरह देखते थे। गोविंदा ने विनय के साथ भी कुछ फिल्में की हैं। मुझे अब भी याद है कि कैसे ये बच्चे हॉल में खेला करते थे।'
आगे सुनीता कहती है, 'मेरी महज 18 साल की उम्र में शादी हुई थी और मेरी बेटी 19 साल की उम्र में पैदा हुई थी। जब मैं खुद बच्ची थी तब मैंने इन्हें पाला है। मुझे खुशी है कि कम से कम इनमें से किसी एक को तो ये महसूस हुआ कि मैंने इन्हें मां की तरह पाला है। हमें पैसे या कुछ और नहीं चाहिए इनसे लेकिन हम प्यार और इज्जत चाहते हैं। अगर आप इज्जत नहीं दे सकते तो आपको रखने का कोई मतलब नहीं है। मैं विनय के शब्दों से बहुत खुश हूं।'
बता दें गोविंदा और कृष्णा के बीच हुए विवाद के बाद विनय आनंद ने भी इस मामले को लेकर बात की थी। विनय ने इस दौरान अपनी मामी के बारे कहा था कि वो अपनी मामी सुनीता आहूजा की बहुत इज्जत करते हैं और सुनीता ने उन्हें बचपन से मां की तरह पाला है। जिसका एहसान हम जीवन में कभी नहीं चुका सकते।