Google ने एक्ट्रेस ज़ोहरा सहगल पर बनाया डूडल, इस फिल्म की वजह से खास है आज का दिन

Google Doodle on Zohra Sehgal सर्च इंजन गूगल ने बॉलीवुड फिल्मों में दादी के किरदार निभाने के लिए लोकप्रिय एक्ट्रेस ज़ोहरा सहगल को याद किया है। उन्हें आद उनकी फिल्म नीचा नगर की वजह से याद किया जा रहा है।

By Mohit PareekEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 08:05 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 08:14 AM (IST)
Google ने एक्ट्रेस ज़ोहरा सहगल पर बनाया डूडल, इस फिल्म की वजह से खास है आज का दिन
ज़ोहरा सहगल पर बना आज का गूगल डूडल

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड फिल्मों में दादी के किरदार निभाने के लिए लोकप्रिय एक्ट्रेस ज़ोहरा सहगल को गूगल ने याद किया है। गूगल हर रोज डूडल के जरिए दुनिया की महान हस्तियों को याद करता है और आज के डूडल पर स्थान मिला है ज़ोहरा सहगल को। ज़ोहरा सहगल देश की उन अभिनेत्रियों में से हैं, जिन्होंने 60 के दशक में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल कर ली और उसके साथ ही कई बॉलीवुड फिल्मों में भी किया किया।

आज ही क्यों बनाया डूडल?

एक्ट्रेस का जन्म तो 27 अप्रैल, 1912 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुआ था और उनका निधन 10 जुलाई 2014 को हुआ था। लेकिन, आज ही के दिन रिलीज हुई थी उनकी फिल्म 'नीचा नगर'। 1946 में रिलीज हुई वो फिल्म, जिसकी वजह से उन्हें आज भी याद किया जाता है। एक्ट्रेस ने इप्टा की मदद से बनी चेतन आनंद की फिल्म 'नीचा नगर' में अभिनय किया था। कान फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कार जीतकर अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने वाली यह पहली भारतीय फिल्म थी। यह फिल्म आज ही के दिन रिलीज हुई थी।

उस दौर में मिली थी अंतरराष्ट्रीय पहचान

उन्होंने यूके में ब्रिटिश टीवी क्लासिक्स 'डॉक्टर हू' और 'द ज्वेल इन द क्राउन' में अपनी उपस्थिति और साथ ही 2002 की फिल्म बेंड इट लाइक बेकहम में उनकी भूमिका के लिए याद किया जाता है। उन्होंने भारत में जन्म लेने के बाद उन्होंने जर्मनी में बैले स्कूल में हिस्सा लिया और फिर उदय शंकर के साथ दुनिया की सैर की। इसके बाद 1945 में उन्होंने इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन से जुड़कर अपने अभिनय की शुरुआत की। वे 1962 में एक ड्रामा स्कॉलरशिप पर लंदन चली गईं और बीबीसी की किपलिंग कहानी द रेस्क्यू ऑफ प्लफल्स के एक टीवी रूपांतरण से अपने करियर की शुरुआत की।

इसके बाद उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया। सिनेमा में बेहतरीन काम के लिए उन्हें पद्म श्री, कालिदास सम्मान और पद्म विभूषण सहित भारत के कई सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त हुए। 

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