इरफ़ान की ये फिल्म होगी ऑस्कर्स में ऑफिशियल एंट्री, जानिये कैसे

91वें ऑस्कर फिल्म पुरस्कार अगले साल 24 अप्रैल को लॉस एंजिलिस के कोडक थियेटर में दिए जायेंगे l

By Manoj KhadilkarEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 07:31 PM (IST) Updated:Sun, 30 Sep 2018 12:24 PM (IST)
इरफ़ान की ये फिल्म होगी ऑस्कर्स में ऑफिशियल एंट्री, जानिये कैसे
इरफ़ान की ये फिल्म होगी ऑस्कर्स में ऑफिशियल एंट्री, जानिये कैसे

मुंबई। इस ख़बर की हेडिंग पढ़ कर आप जरूर चौंक गए होंगे क्योंकि इस बार के ऑस्कर पुरस्कार के लिए भारत की ओर से फिल्म विलेज रॉकस्टार्स को ऑफिशियल फिल्म के रूप में भेजा गया है, तो फिर इरफ़ान की फिल्म कैसे?

ये बात सही है कि ऑस्कर्स के फॉरेन फिल्मस सेक्शन में एक देश से एक ही ऑफिशियल एंट्री होती है। लेकिन इरफ़ान की ये फिल्म भारत की नहीं बल्कि बांग्लादेश की ऑफिशियल एंट्री है। जी हां, बांग्लादेशी फिल्म ‘दूब: नो बेड ऑफ रोज़ेज’ को उस देश ने विदेशी भाषा की फिल्मों के सेक्शन में अपनी प्रविष्टि के रूप में भेजा है। इस फिल्म में इरफ़ान खान ने न सिर्फ़ लीड रोल किया बल्कि फिल्म के को-प्रोड्यूसर भी हैं। फिल्म को मुस्तफ़ा सरवर ने बनाया है।

ऐसा कहा गया कि ‘दूब: नो बेड ऑफ रोज़ेज’, बांग्लादेसी लेखक हुमायूं अहमद के जीवन पर आधारित फिल्म है। उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे कर 33 साल छोटी अभिनेत्री से शादी कर ली थी। हुमायूं की पत्नी और अभिनेत्री मेहर अफरोज़ ने वहां की सरकार को बताया था कि ये फिल्म उनके पति के जीवन के कुछ हिस्से से मिलती जुलती है। हुमायूं अब इस दुनिया में नहीं हैं। इरफ़ान, नुसरत इमरोज़ और पर्णों मित्रा स्टारर ये फिल्म पिछले साल शंघाई फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई थी। दूब की कहानी एक ऐसे फिल्म मेकर की है जो अपना अकेलापन दूर करने के लिए रिश्ता जोड़ता है और इस दौरान उसका रिलेशन अपनी बेटी की सहेली से हो जाता है।

91वें ऑस्कर फिल्म पुरस्कार अगले साल 24 अप्रैल को लॉस एंजिलिस के कोडक थियेटर में दिए जायेंगे l भारत की तरफ़ से बेस्ट फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाने वाली रीमा दास की असमिया फिल्म 'विलेज रॉकस्टार्स' को इस बार के ऑस्कर पुरस्कार समारोह के विदेशी सिनेमा सेक्शन में आधिकारिक फिल्म के रूप में चुना गया है। रीमा दास की फिल्म विलेज रॉकस्टार्स दस साल की एक बच्ची की कहानी है, जिसका सपना एक रॉक बैंड बनाने का होता है l बनिता दास ने इस लड़की का किरदार निभाया है जो बैंड बनाने के लिए गाँव के एक इलेक्ट्रानिक गिटार की खोज में निकल पड़ती है l कलारदिया गाँव में हैंडकैम से शूट की गई और बिना किसी नामी कलाकारों के बनाई गई इस फिल्म का बजट बेहद ही मामूली रहा l

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