गर्ल पावर का प्रतीक हैं अरुशी निशंक, अपने पहले ही म्यूजिक वीडियो 'वफा ना रास आये' से छा गईं

टी-सीरीज के बैनर तले नवीनतम संगीत वीडियो वफा ना रास आये से अरुशी निशंक ने डेब्यू किया है। उनका डेब्यू दर्शकों से जबरदस्त प्रतिक्रियाएं एकत्रित कर रहा है। यह गीत रिलीज़ होने के कुछ घंटों के भीतर ट्रेंड करने लगा था। अब तक इसने दस करोड़ व्यूज को पार किया।

By Vineet SharanEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 12:37 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 12:38 PM (IST)
गर्ल पावर का प्रतीक हैं अरुशी निशंक, अपने पहले ही म्यूजिक वीडियो 'वफा ना रास आये' से छा गईं
उत्तराखंड की रहने वाली अरुशी युवाओं खासकर महिलाओं पर काफी प्रभाव छोड़ने में कामयाब रही हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। अरुशी निशंक हमेशा संभावनाओं के नए क्षितिज की खोज में रहती हैं, अब वह बॉलीवुड में अपनी प्रतिभा से लोगों का दिल जीत रही हैं। टी-सीरीज के बैनर तले नवीनतम संगीत वीडियो 'वफा ना रास आये' से उन्होंने डेब्यू किया है। उनका डेब्यू दर्शकों से जबरदस्त प्रतिक्रियाएं एकत्रित कर रहा है। यह गीत रिलीज़ होने के कुछ घंटों के भीतर ट्रेंड करने लगा था। अब तक इसने दस करोड़ व्यूज को पार किया। अरुशी निशंक को अपने प्रशंसकों से सराहना मिल रही है। इस गीत के बाद हेयर स्टाइल और स्टाइलिंग का एक नया चलन शुरू हुआ है।

वीडियो बनाने की अपनी यात्रा पर अरुशी ने कहा- "यह मेरे लिए वास्तव में चुनौतीपूर्ण था क्योंकि यह मेरा पहला प्रोजेक्ट था और मैं शायद ही तकनीकी भाषा जानती थी। लेकिन उनके सह-अभिनेता और निर्देशक बेहद मददगार थे। यह वीडियो जनवरी के महीने में कश्मीर में शूट किया गया था, इतने ठंडे मौसम में शूट करना वास्तव में कठिन था, लेकिन कुल मिलाकर वफ़ा ना रास आई की यात्रा आनंदमय थी।

महिलाओं के लिए रोड मॉडल

उत्तराखंड की रहने वाली अरुशी युवाओं खासकर महिलाओं पर काफी प्रभाव छोड़ने में कामयाब रही हैं। उन्हें भारत सरकार और उत्तराखंड द्वारा कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वह सरकार के नेतृत्व में सामाजिक सुधार कार्यक्रमों के एक सक्रिय प्रवर्तक भी हैं। उसने अपने खुद के कैलिबर और प्रतिभा द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान स्थापित की है। सभी चुनौतियों को समझते हुए, उन्होंने अपने लिए एक जगह बनाई है। वैश्विक ख्याति के एक समर्पित कथक नर्तक होने के अलावा अरुशी निशंक ने उद्यमिता, कविता और साहित्य, फिल्म निर्माण के क्षेत्र में अपने पदचिह्न छोड़ दिए हैं।

स्पर्शगंगा अभियान और महिलाओं से जुड़े मुद्दों से जुड़ना

अरुशी गंगा नदी के स्वच्छ अभियान की भी स्तंभ रही हैं। अरुशी निशंक ने 2008 में स्पर्शगंगा अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होकर पर्यावरण के क्षेत्र में योगदान दिया है और गंगा को प्रदूषण और अशुद्धियों से मुक्त करने का संकल्प लिया है। अरुशी पर्यावरणीय चिंताओं और सतत विकास के लिए एक प्रमुख आवाज बन गई हैं। अरुशी निशंक ने अंतर्राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की है, जिसे संयुक्त राष्ट्र का भी समर्थन प्राप्त था। अरुशी इन माध्यमों के जरिए कम लिंगानुपात की समस्या, विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी, महिला सुरक्षा और महिला के लिए आर्थिक स्वतंत्रता में सुधार के लिए काम कर रही हैं।

लेखिका और नृत्यांगना

उनकी दो पुस्तकें भी प्रकाशित हुई हैं। "धरती स्वर्ग बनुंगी" और "कलाम मशाल बन जाए"। अरुशी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की भारतीय शास्त्रीय कथक प्रतिपादक हैं। उन्होंने 16 साल की अवधि में 15 से अधिक देशों में अपनी कला का प्रदर्शन किया है।

अन्य बड़ी उपलब्धियां

अरुशी ने हिमश्रीफिल्म्स नाम से अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस स्थापित किया। वर्ष 2018 में, उन्होंने हिमश्रीफिल्म्स के तहत एक क्षेत्रीय फिल्म "मेजर निराला" का निर्माण किया। वर्ष 2019 में, अरुशी को फोर्ब्स मध्य पूर्व ने एक "गर्ल पावर" के रूप में सूचीबद्ध किया था। 

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