Arun Khetarpal Birthday: वरुण धवन बनेंगे परमवीर चक्र विजेता अरुण खेत्रपाल, दुश्मन के टैंकों के थे दुश्मन
Arun Khetarpal Birthday एक्टर वरुण धवन अब परमवीर चक्र विजेता अरुण खेत्रपाल के किरदार में नजर आएंगे और फिल्म का निर्देशन श्रीराम राघवन करने जा रहे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड में भारतीय सेना के शूरवीरों पर फिल्में बनाने का दौर जारी है। अब बारी है 1971 के युद्ध में शहीद हुए परमवीर चक्र विजेता सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल की, जिनपर फिल्म बनने जा रही हैं। फिल्म में शूरवीर अरुण खेत्रपाल के रुप में वरुण धवन नजर आएंगे और ऐसा पहली बार होगा जब चुलबुले एक्टर वरुण धवन भारतीय सेना की वर्दी में पर्दे पर दिखाई देंगे।
अभी फिल्म कुली नंबर-1 की शूटिंग में व्यस्त वरुण धवन अरुण जल्द ही कैमरे के सामने खेत्रपाल द्वारा किए गए कारनामों को दोहराने की कोशिश करेंगे। खास बात ये है कि आज यानी 14 अक्टूबर को अरुण खेत्रपाल का जन्मदिन है और आज ही फिल्म मेकर्स ने फिल्म की घोषणा की है। साल 1950 में आज ही के दिन खेत्रपाल जैसे जाबांज का पुणे में जन्म हुआ था।
फिल्म का निर्देशन श्रीराम राघवन करेंगे और इस फिल्म प्रोड्यूसर दिनेश विजन हैं, जिन्होंने एक बार पहले भी वरुण धवन के साथ बदलापुर में काम किया था। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अभी तक फिल्म को अरुण खेत्रपाल की बायोपिक का नाम नहीं दिया गया है, लेकिन फिल्म अरुण के सराहनीय कार्यों को दिखाया जाएगा।
IT'S OFFICIAL... Varun Dhawan, director Sriram Raghavan and producer Dinesh Vijan reunite after #Badlapur... Varun to portray war hero, second lieutenant #ArunKhetarpal, posthumous recipient of #ParamVirChakra... The biopic is not titled yet. pic.twitter.com/QEdxJj3BKN
— taran adarsh (@taran_adarsh) October 14, 2019
वहीं इसके अलावा कारगिल के हीरो रहे विक्रम बत्रा के जीवन पर एक फिल्म बन रही है, जिसका नाम है 'शेरशाह'। फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा विक्रम बत्रा का किरदार निभाते नजर आएंगे, जिन्हें ये दिल मांगे मोर टाइटल के लिए जाना जाता है।
कौन हैं अरुण खेत्रपाल
अरुण खेत्रपाल 1971 के युद्ध के नायकों में से एक हैं, जिन्हें दुश्मन के टैंक उड़ाने के लिए जाना जाता है। बता दें कि उन्होंने अपनी जान पर खेलकर दुश्मन के कई टैंक उड़ाए थे और बाद में वीरगति को प्राप्त हो गए थे। उनके द्वारा किए गए कारनामों के लिए उन्हें मरणोपरांत वॉर टाइम में दिए जाने वाले सबसे सर्वोच्च बहादुरी पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।