अमिताभ बच्चन को जानकारीपूर्ण लगी टिस्का चोपड़ा की किताब What's Up With Me, अभिनेत्री ने जताया महानायक का आभार

बॉलीवुड अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा ने व्हाट्सअप विद मी नाम से एक किताब लिखी है। इस किताब को टिस्का चोपड़ा ने सबसे पहले अमिताभ बच्चन को भेजा। जिसके लिए अमिताभ ने टिस्का की प्रशंसा की है। अमिताभ ने टिस्का को इस किताब के लिए एक एप्रिसिएशन लेटर भेजा है।

By Pratiksha RanawatEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 10:20 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 10:20 PM (IST)
अमिताभ बच्चन को जानकारीपूर्ण लगी टिस्का चोपड़ा की किताब What's Up With Me, अभिनेत्री ने जताया महानायक का आभार
टिस्का चोपड़ा, अमिताभ बच्चन, फोटो साभार: Instagram

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा ने 'व्हाट्सअप विद मी' नाम से एक किताब लिखी है। इस किताब को टिस्का चोपड़ा ने सबसे पहले अमिताभ बच्चन को भेजा। जिसके लिए अमिताभ ने टिस्का की प्रशंसा की है। अमिताभ ने टिस्का को इस किताब के लिए एक एप्रिसिएशन लेटर भेजा है। जिसको पाकर अभिनेत्री फूले नहीं समा रही हैं।

टिस्का ने अमिताभ के द्वारा भेजा गया ये लेटर सोशल मीडिया पर शेयर कर अपनी खुशी जाहिर की है। टिस्का को भेजे हुए इस पत्र में अमिताभ ने लिखा, 'मुझे यकीन है कि यह युवा लड़कियों को किशोरावस्था की इस अवधि के दौरान परेशान करने वाली विसंगतियों और महत्वाकांक्षाओं को बेहतर ढंग से समझने और उनका सामना करने में काफी मदद करेगी। यह जानकारीपूर्ण लगती है और हर सीखने के माहौल की तारीफ करती है।'

टिस्का ने अमिताभ के भेजे हुए लेटर के साथ खुशी जाहिर करते हुए एक पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने अमिताभ का शुक्रिया करते हुए एक वीडियो और उनके लेटर की तस्वीर शेयर की। इसके साथ टिस्का ने कैप्शन में लिखा, 'इससे बेहतर सिफारिश के लिए नहीं कहा जा सकता था। आपके शब्दों के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद अमिताभ बच्चन सर। आपके शब्द मेरे लिए दुनिया के समान हैं। मुझे आशा है कि '𝐖𝐡𝐚𝐭'𝐬 up With Me' कई युवा लड़कियों और उनके माता-पिता तक पहुंचेगी। और भारत में मासिक धर्म के इर्द-गिर्द एक अलग- कम दमघोंटू, अधिक वैज्ञानिक नरेटिव को आकार देने में मदद करेगी।'

बता दें कि टिस्का चोपड़ा ने लॉकडाउन के दौरान इस किताब को लिखा है। जिसकी वजह से उन्हें इस किताब पर शोध करने के लिए पर्याप्त समय मिला। टिस्का लोगों को हार्मोन्स में होने वाले बदलाव के दौरान शरीर में होने वाली भावनात्मक उथल- पुथल से निपटने कि लिए गाइड करना चाहती थीं। टिस्का ने इसकी शुरुआत अपनी बेटी, तारा को उन जैविक घटनाओं के बारे में एक पत्र लिखकर सउरू की। जिनका वह अनिवार्य रूप से सामना करेगी। लेकिन जितना ज्यादा उन्होंने अपनी बेटी और उसके दोस्तों के साथ बात की उन्हें महसूस हुआ कि कई बुनियादी सवालों को विस्तार से समझाने की जरूरत है। इसी बात ने उन्हें किताब लिखने के लिए प्रेरित किया। 

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